एयर इंडिया की डील टाटा सन्स को जाने वाली मीडिया रिपोर्ट को सरकार ने किया खारिज, जल्द ही घोषित होगा बोली जीतने वाले का नाम
मीडिया की खबरों को खारिज करते हुए, दीपम (Dipam) ने ट्वीट कर कहा कि "एयर इंडिया विनिवेश मामले में भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों के अनुमोदन का संकेत देने वाली मीडिया रिपोर्ट गलत है। सरकार के निर्णय के बारे में मीडिया को अविलंब सूचित किया जाएगा।"
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मीडिया की खबरों को खारिज करते हुए, दीपम (Dipam) ने कहा है कि "एयर इंडिया विनिवेश मामले में भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों के अनुमोदन का संकेत देने वाली मीडिया रिपोर्ट गलत हैं। सरकार के निर्णय के बारे में मीडिया को अविलंब सूचित किया जाएगा।" दरअसल, शुक्रवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट ने दावा किया था कि एयर इंडिया की डील टाटा सन्स को दी जा रही है।
विनिवेश का तीसरा प्रयास:
सरकार ने 2001 में और फिर 2018 में राष्ट्रीय वाहक को बेचने के 2 असफल प्रयासों के बाद अब तीसरी बार Air India में अपनी 100 फीसद हिस्सेदारी को बेचने के लिए बोली प्रक्रिया शुरू की है। यह फैंसला वित्त वर्ष 2021-22 के बजट भाषण के दौरान, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा लिया गया था जिसमें कहा गया था कि सभी प्रस्तावित निजीकरण की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी।
जल्द ही आधिकारिक घोषणा आने की संभावना:
इसी फैसले के चलते, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि एक बार विजेता की घोषणा हो जाने के बाद, 15 दिनों के भीतर विजेता इकाई के साथ शेयर-खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और इसके तुरंत बाद हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अधिकारी ने कहा, "हमने फरवरी के मध्य तक संपत्तियों के पूर्ण हस्तांतरण का लक्ष्य तय किया है।"
दीपम के सचिव तुहिन कांता पांडे ने ट्वीट कर कहा कि विनिवेश प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। एयर इंडिया के विनिवेश के लिए वित्तीय बोलियां लेनदेन सलाहकार को मिली हैं।
गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह, एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेट मैकेनिज्म (AISAM) द्वारा विजयी बोली की पुष्टि के बाद एक आधिकारिक घोषणा होने की संभावना है।
टाटा समूह है सबसे आगे:
इससे पहले, टाटा सहित कई इच्छुक पार्टियों को बोली दौर के लिए चुना गया था। Air India के विनिवेश के लिए केंद्र सरकार को बुधवार को कई वित्तीय बोलियां मिली थी। टाटा संस और स्पाइसजेट के अजय सिंह ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में एयर इंडिया के लिए वित्तीय बोलियां जमा की हैं। स्पाइसजेट के प्रवर्तक सिंह ने कुछ अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर एयर इंडिया के लिए एक संयुक्त बोली लगाई है।
टाटा समूह एयर इंडिया का अधिग्रहण करने में सबसे आगे है। हालांकि सरकार ने अभी तक औपचारिक रूप से टाटा की विजयी बोली को मंजूरी नहीं दी है, इस मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि मुंबई स्थित समूह ने स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह से 5,000 करोड़ रुपये अधिक बोली लगाई है।
महामारी से पहले एयर इंडिया का हाल:
महामारी आने से पहले, एयरलाइन ने स्टैंडअलोन आधार पर 50 से अधिक घरेलू और 40 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों का संचालन किया था। वहीं इसने कोविड महामारी से पहले 120 से अधिक विमानों का संचालन किया था। उस समयावधि में एयरलाइन में 9,000 से अधिक स्थायी और 4,000 संविदा कर्मचारी काम कर रहे थे।
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