जानिए स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?
राष्ट्र को एक सूत्र में बांधकर भारतीय संस्कृती, साहित्य और दर्शन को पुनः जीवांत स्वरूप प्रदान करने वाले स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस पर प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद वह सिद्ध पुरुष थे जिन्होंने अपने विचारो व आदर्शों से न केवल भारत को बल्कि विश्व को ज्ञान की राह दिखाई।
राष्ट्र को एक सूत्र में बांधकर भारतीय संस्कृती, साहित्य और दर्शन को पुनः जीवांत स्वरूप प्रदान करने वाले स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस पर प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद वह सिद्ध पुरुष थे जिन्होंने अपने विचारो व आदर्शों से न केवल भारत को बल्कि विश्व को ज्ञान की राह दिखाई। उनकी जयंती को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद का युवाओं से गहरा नाता था, इसलिए उनके जन्म दिवस को युवाओं के लिए समर्पित किया गया है।
स्वामी विवेकानंद कौन थे?
स्वामी विवेकानंद का जन्म आज ही के दिन 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में हुआ था। वह वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। छोटी उम्र से ही उन्हें अध्यात्म में रुचि होने लग गई थी। वह पढ़ाई के क्षेत्र मे भी श्रेष्ठ थे, किन्तु बावजूद उसके 25 वर्ष की उम्र में ही अपने गुरु से प्रभावित होकर नरेंद्रनाथ ने सांसारिक मोह माया त्याग दी और संन्यासी बन गए। संन्यास लेने के बाद उनका नाम विवेकानंद पड़ा। साल 1881 में विवेकानंद की मुलाकात रामकृष्ण परमहंस से हुई। जिनसे उन्होंने सीखा कि सारे जीवो मे स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व हैं; मानव जाति की सेवा के माध्यम से परमात्मा की भी सेवा की जा सकती है। रामकृष्ण की मृत्यु के बाद विवेकानन्द ने भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा कर, ब्रिटिश भारत की मौजूदा स्थितियों का प्रत्यक्ष ज्ञान हासिल किया। जिसके बाद उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो मे विश्व धर्म संसद में भारत का प्रतिनिधित्व किया तथा भारत की आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन को अमेरिका और यूरोप के हर एक देश तक पहुंचाया। जो केवल स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही संभव हो सका। विवेकानन्द ने ही संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धान्तों का प्रसार किया और कई सार्वजनिक और निजी व्याख्यानों का भी आयोजन किया था।
कहा जाता है कि विवेकानंद अक्सर लोगों से एक सवाल किया करते थे कि क्या आपने भगवान को देखा है? जिसका उन्हें सही जवाब ना मिलने पर उन्होंने यही सवाल रामकृष्ण परमहंस से भी किया, जिस पर रामकृष्ण परमहंस जी ने जवाब दिया कि, हां मुझे भगवान उतने ही स्पष्ट दिख रहे हैं, जितना की तुम दिख रहे हो, लेकिन मैं उन्हें तुमसे ज्यादा गहराई से महसूस कर पा रहा हूं। जो स्वामी जी का रामकृष्ण परमहंस की तरफ आकर्षण का कारण बना।
स्वामी विवेकानंद ने 1897 में कोलकाता में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। वहीं 1898 में गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना भी की थी।
क्यों मनाया जाता है, राष्ट्रीय युवा दिवस?
स्वामी विवेकानंद बहुमुखी प्रतिमा के धनी थे। वह धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य आदि के प्रख्यात ज्ञाता थे। शिक्षा में अच्छे होने के साथ ही वह भारतीय शास्त्रीय संगीत का भी बेहतरीन ज्ञान रखते थे तथा वह एक अच्छे खिलाड़ी भी थे। उन्होंने कई मौकों पर अपने अनमोल विचारों और प्रेरणादायक वचनों से युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। जिसकी वज़ह से स्वामी विवेकानंद जी की जयंती को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायक वचन/कथन
- उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता।
- एक विचार लें और इसे ही अपनी जिंदगी का एकमात्र विचार बना लें। इसी विचार के बारे में सोचें, सपना देखें और इसी विचार पर जिएं। आपके मस्तिष्क , दिमाग और रगों में यही एक विचार भर जाए। यही सफलता का रास्ता है। इसी तरह से बड़े-बड़े आध्यात्मिक धर्म पुरुष बनते हैं।
- एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकि सब कुछ भूल जाओ।
- पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है फिर विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार लिया जाता है।
- एक अच्छे चरित्र का निर्माण हजारों बार ठोकर खाने के बाद ही होता है।
- खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
- सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी वह एक सत्य ही होगा।
राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास
स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस को युवाओं के लिए समर्पित करने की शुरुआत 1984 में की गई थी। उन दिनों भारत सरकार ने कहा था कि स्वामी विवेकानंद का दर्शन, आदर्श और काम करने का तरीका भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत हैं। जिसके बाद से स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर मनाने की घोषणा भारत सरकार द्वारा की गई थी।
25वें राष्ट्रीय युवा दिवस का महोत्सव
युवा दिवस के इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पुडुचेरी में 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया। स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देश के लाखों युवा और राष्ट्र को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि विश्व ने इस बात को माना है कि आज भारत के साथ दो असीम शक्तियां डेमोग्राफी और डेमोक्रेसी हैं।
मोदी ने कहा कि जिस देश के पास जितनी युवा जनसंख्या है, उसके सामर्थ्य को उतना ही बड़ा माना जाता है। भारत के युवाओं के पास डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्य भी हैं, उनका डेमोक्रेटिक डिविडेंड भी अतुलनीय है। भारत अपने युवाओं को डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ-साथ डेवलपमेंट ड्राइवर भी मानता है। भारत के युवाओं में हैं, भविष्य की स्पष्टता।
पीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आगे कहा कि आज भारत के युवा में अगर टेक्नोलॉजी का चार्म है, तो लोकतंत्र की चेतना भी है। आज भारत के युवा में अगर श्रम का सामर्थ्य है, तो भविष्य की स्पष्टता भी है। इसलिए भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज मानती है। आज भारत जो सपने देखता है, संकल्प लेता है, उसमें भारत के साथ-साथ विश्व का भविष्य दिखाई देता है। भारत के इस भविष्य का, दुनिया के भविष्य का निर्माण आज हो रहा है।
भारत का युवा Global Prosperity के Code लिख रहा है
मोदी ने आगे कहा कि आज भारत का युवा Global Prosperity के Code लिख रहा है। पूरी दुनिया के यूनिकार्न इकोसिस्टम में भारतीय युवाओं का जलवा है। भारत के पास आज 50 हजार से अधिक स्टार्ट अप्स का मजबूत इकोसिस्टम है। यहां बेटा और बेटी को समान समझने की अवधारणा पर भी काफी काम हुआ है। इसी सोच के साथ सरकार ने बेटियों की बेहतरी के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का निर्णय लिया है। बेटियां अपना करियर बना पाएं, उन्हें ज्यादा समय मिले, इस दिशा में भी यह एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है।