Cyber Security: भारत में साइबर सिक्योरिटी की स्थिति और साइबर अपराधों का बढ़ता ग्राफ

वैश्विक स्तर पर कामियाबी हासिल करने के बावजूद भारत में साइबर अपराध साल 2020 में NCRB रिपोर्ट के अनुसार 11.8% बढ़े हैं।

January 13, 2022 - 16:39
January 14, 2022 - 20:03
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Cyber Security: भारत में साइबर सिक्योरिटी की स्थिति और साइबर अपराधों का बढ़ता ग्राफ
साइबर सिक्योरिटी और भारत की स्थिति- फोटो: gettyimages

वर्तमान समय में साइबर सिक्योरिटी का मामला विश्व स्तर और भारत के नागरिकों के लिए  विशिष्ट चर्चा का विषय बना हुआ है। आए दिन फेसबुक या अन्य सोशल साइट से डाटा चोरी या बेचने की खबरों का बढ़ता आंकड़ा लोगों में बैंक संबंधी जानकारियों और अन्य डेटा की असुरक्षा को बढ़ा रहा है।

क्या है साइबर सिक्योरिटी का तात्पर्य ?

साइबर सिक्योरिटी को कम्प्युटर सुरक्षा या इंफोर्मेसन सुरक्षा भी कहते हैं। इसका अर्थ होता है, कम्प्युटर के सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, डाटा, सिस्टम जिसका इस्तेमाल जब हम इंटरनेट पर करते है तो सुरक्षित रुप से अपना काम भी कर लें और किसी भी प्रकार का साइबर हमला या निजी डाटा किसी दूसरे के पास ना जाएं।

वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र संघ की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी संचार के मामलों को देखरेख करने वाली एंजेसी अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) ने साइबर सुरक्षा मामलों में भारत को 175 देशों के सुरक्षा मानकों के आधार पर 47 वां स्थान दिया है। जबकि इसमें चीन को 17वां स्थान मिला है। वहीं IISS  संस्था का कहना है कि भारत अपनी संचार कमजोरी और साइबर सुरक्षा की कमजोरी और विकृत स्थिति से परिचित है।

2018 के बाद महाशक्ति के तौर पर भारत

साइबर सिक्योरिटी को लेकर भारत ने अपने आईटी व हार्डवेयर सेक्टर और इनसे जुडें अनुसंधान और प्रौद्यौगिक संस्था के लिए क्रमश: 1500 और 3000 करोड तक का बजट बनाया ताकि इस क्षेत्र में काफी कामियाबी हासिल की जा सके। 2020 के साल में भारत ने आईटी महाशक्ति के तौर पर विश्व में पहचान बनाई है। वैश्विक दूरसंचार संघ ने 2020 में सुरक्षा मानकों में सुधार करके 37 स्थान की बढ़त के साथ साइबर सुरक्षा मामलों में भारत को 10वां स्थान दिया है। ITC ने अमेरिका को पहला और ब्रिटेन व सऊदी अरब को दूसरा स्थान दिया है। जबकि एस्टोनिया को तीसरा स्थान मिला है।

भारत में साइबर अपराध का बढ़ता ग्राफ

वैश्विक स्तर पर कामियाबी हासिल करने के बावजूद भारत में साइबर अपराध साल 2020 में NCRB रिपोर्ट के अनुसार 11.8% बढ़े हैं। 2020 में साइबर अपराध के 50035 मामले दर्ज हुए हैं, वहीं 2019 और 2018 में दर्ज मामले क्रमश: 44,735 और 27,248 थे। यानी 2019 में प्रति लाख घटनाओं पर 3.3% मामले थे, जो 2020 में बढ़कर 3.7% हो गया है।

द हिंदू  के अनुसार साइबर अपराध में 4047 मामले ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी के हैं, जबकि 1093 ओटीपी धोखाधड़ी, 1194 क्रेडिट/डेबिट धोखाधड़ी और एटीएम से संबंधित 2160 मामले दर्ज हुए हैं। साथ ही साथ सोशल साइट से जुडे़ अपराध भी दर्ज किए गए हैं, जिसमें 578 फर्जी खबर के, साइबर स्टॉकिंग या महिलाओं और बच्चों को डराने धमकाने के 972, फर्जी प्रोफाइल 149 और डेटा चोरी के 98 मामले दर्ज हुए हैं।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में विभिन्न  राज्यों में  साइबर अपराध के मामले

उत्तर प्रदेश - 11097

कर्नाटक - 10741

महाराष्ट्र - 5496

तेलगांना -5024

असम-3530

उपरोक्त अपराध दर में सबसे अधिक मामले कर्नाटक 16.2%, तेलगांना 13.4%, असम 10.1%, उत्तर प्रदेश 4.8% और महाराष्ट्र 4.4% था। वहीं राजधानी दिल्ली में 0.8% यानी 168 मामले दर्ज हैं। वहीं 5699 केसों की जांच चल रही है, जिनमें से 617 केसों की चार्जशीट बनी है। यानी 33.7% मामलो की सुनवाई हो गई है, जबकि 67.8% मामले लंबित हैं।

साइबर सिक्योरिटी देश के नागरिकों का मौलिक अधिकार है। जिसे सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 20 और 21 से जोड़कर देखता है। साइबर हमलों के शिकार लोगों में पुलिस अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर, रिडायर्ड पुलिस कर्मी, प्रशासनिक अधिकारी और शिक्षक लोग ज्यादा होते हैं। वहीं समय-समय पर अभियान चलाएं जाने के बावजूद भी लोग काफी संख्या में साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं।

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