World Wildlife Day 2022: आज विश्व वन्यजीव दिवस है जानें क्या है इसके पीछे का इतिहास और इस बार की थीम

World Wildlife Day: दुनिया में लगातार बढ़ते प्रदूषण और बदलते जलवायु के कारण पृथ्वी पर मौजूद वनस्पतियों और वन्यजीवों को विलुप्त होने से बचाने के लिए हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day) मनाया जाता है।

March 3, 2022 - 17:47
March 4, 2022 - 01:35
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World Wildlife Day 2022: आज विश्व वन्यजीव दिवस है जानें क्या है इसके पीछे का इतिहास और इस बार की थीम
विश्व वन्यजीव दिवस 2022- फोटो : freepik

विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day) को मनाने का मुख्य उद्देश्‍य दुनियाभर में विलुप्त हो रही जीव जन्तुओं की प्रजातियों और वनस्पतियों की सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करना है, क्योंकि हम मनुष्यों के कारण पृथ्वी पर सभी क्षेत्रों में लगातार तेजी से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इस प्रदुषण का वातावरण पर इतना खतरनाक असर हो रहा है कि पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही हैं। मौजूदा समय में भारत में लगभग 900 से भी ज्यादा दुर्लभ प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। यही नहीं, विश्व धरोहर को गंवाने वाले दुनियाभर के देशों की लिस्ट में भारत 7वें स्थान पर है, वहीं चीन का 6वां स्थान है।

क्यों मनाते है विश्व वन्यजीव दिवस ?

विश्व वन्यजीव दिवस को मनाने की मुख्य वजह दुनियाभर में मौजूद ऐसे जीव जन्तुओं और वनस्पतियों की प्रजातियों जो विलुप्त होने कगार पर हैं, उनके प्रति लोगों को जागरूक करना है। दुनियाभर के लोगों को समझना होगा कि पृथ्वी पर यदि जीव जन्तु और पेड़ पौधे नहीं रहें तो मनुष्य भी जिंदा नहीं बचेंगे, क्योंकि जैव विविधता के कारण ही धरती के पर्यावरण संबंधित स्थिति के तालमेल बना हुआ है। जिसके लिए पृथ्वी के वातावरण में मनुष्यों के साथ साथ पेड़-पौधों और वन्यजीव का होना भी जरूरी है।

विश्व वन्यजीव दिवस मनाने की शुरुआत

जीव जन्तुओं और पेड़-पौधों की खराब दुर्दशा और इनके लुप्त होने के जोखिम को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने साल 2013 के 20 दिसंबर को अपने 68वें सत्र में 03 मार्च के दिन को ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद 3 मार्च के दिन विलुप्त हो रहें वन्यजीवों और वनस्पतियों के व्यापार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को स्वीकृत किया गया था। वन्य जीवों को विलुप्त होने से बचाने के लिए सबसे पहले साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) लागू हुआ था। साल 2013 के बाद से लेकर आज तक हर साल 3 मार्च के दिन दुनिया में लोगों को वन्‍य जीवों और वनस्पतियों के प्रति सुरक्षा और जागरूकता फैलाने के उद्देश्‍य से विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है।

विश्व वन्यजीव दिवस पर इस साल की थीम

विलुप्त हो रहे और बचे हुए जीव जंतु तथा वनस्पतियों के प्रति लोगों को जागरूक करने लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 3 मार्च (विश्व वन्यजीव दिवस) को एक थीम जारी करती है। यह थीम इसलिए जारी की जाती है ताकि विलुप्त हो रहे वनस्पतिओं और जीव-जन्तुओं की प्रजातियों की सुरक्षा के लिए लोग सजग और जागरूक हो सकें। इस साल 2022 पर विश्व वन्यजीव दिवस की थीम है " पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनर्प्राप्त करना। " (“Recovering key species for ecosystem restoration”)