Abhishek Tripathi

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तभी लिखूंगा जब वो मौन से बेहतर होगा।

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सावरकर : विरोधाभास और विवाद

आज के वक्त में सावरकर के विषय में या तो उन्हे खारिज कर देने या उन्हे वीर कह देना...

नेहरू से जुड़े मिथकों की हकीकत

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के विषय में जो मिथक है उनका सत्य और ज...

पुस्तक समीक्षा : जनता स्टोर

छात्र राजनीति पर आधारित उपन्यास की समीक्षा छात्र राजनीति से भागने वाले एक विद्या...

कविताओं के झरोखे से एक अधूरे किस्से का जिक्र

हम सब यादों और अधूरे किस्सो का जिक्र करते है, ऐसे ही एक अधूरे किस्से का जिक्र है...

अंबेडकर का समाज बनाम आज का समाज

अंबेडकर जो कल भी थे और आज भी है

लाचारी के पिंजरे में फँसता बिहार और उसका भविष्य

जनतंत्र के लिए आज्ञाकारिता भी ख़तरनाक है और अवज्ञा भी. ... आज देश में जहां अवज्ञ...