राजस्थान के विश्व धरोहर स्थल: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की अनमोल धरोहर
राजस्थान के कई स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं, जिनमें जयपुर शहर, पहाड़ी किले (चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, आमेर, जैसलमेर आदि), केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान और जंतर मंतर शामिल हैं। ये स्थल राजस्थान की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को प्रदर्शित करते हैं। इसके अलावा, सांभर झील और मरुस्थलीय राष्ट्रीय उद्यान भी संभावित विश्व धरोहर स्थलों में शामिल हैं।

विश्व धरोहर सूची राजस्थान
राजस्थान ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ स्थित कई स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए गए हैं, जो राजस्थान की समृद्ध विरासत और गौरवशाली इतिहास को दर्शाते हैं।
राजस्थान के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
-
जयपुर शहर – गुलाबी नगरी जयपुर को 2019 में यूनेस्को विश्व धरोहर शहर घोषित किया गया। इसकी ऐतिहासिक वास्तुकला, योजनाबद्ध संरचना और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर इसे विशेष बनाती है।
-
किला समूह (राजस्थान के पहाड़ी किले) – राजस्थान के छह महत्वपूर्ण किलों को 2013 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया। ये किले हैं:
-
चित्तौड़गढ़ किला
-
कुंभलगढ़ किला
-
रणथंभौर किला
-
गागरोन किला
-
आमेर किला
-
जैसलमेर किला
-
-
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर पक्षी अभयारण्य) – यह अभयारण्य प्रवासी पक्षियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है और 1985 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
-
जंतर मंतर (जयपुर) – खगोल विज्ञान और प्राचीन भारतीय गणित की उत्कृष्ट कृति के रूप में प्रसिद्ध जंतर मंतर 2010 में यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।
राजस्थान के अन्य संभावित विश्व धरोहर स्थल
-
सांभर झील – यह भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है और इसे यूनेस्को की संभावित धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
-
मरुस्थलीय राष्ट्रीय उद्यान (जैसलमेर) – जैव विविधता से भरपूर यह क्षेत्र भी भविष्य में विश्व धरोहर स्थल बन सकता है।