15 अक्टूबर: मिसाईल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जन्म जयंती पर जानिए एक गरीब लड़का कैसे पहुँचा भारत के सर्वोच्च पद पर

मिसाईल मैन और भारत के 11 वें राष्ट्रपति डॉ. एपेजी अब्दुल कलाम का आज जन्मदिवस है। अब्दुल कलाम के लिए देश से बढ़कर न तो उनका मजहब था न विज्ञान से बढ़कर कोई पूजा।

Oct 15, 2021 - 16:27
December 10, 2021 - 10:56
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15 अक्टूबर: मिसाईल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जन्म जयंती पर जानिए एक गरीब लड़का कैसे पहुँचा भारत के सर्वोच्च पद पर
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मिसाईल मैन और भारत के 11 वें राष्ट्रपति डॉ. एपेजी अब्दुल कलाम का आज जन्मदिवस है। अब्दुल कलाम के लिए देश से बढ़कर न तो उनका मजहब था न विज्ञान से बढ़कर कोई पूजा।

एक छात्र का सबसे महत्वपूर्ण गुण यह हैं कि वह हमेशा अपने अध्यापक से सवाल पूछे।
- एपीजे अब्दुल कलाम

मिसाईल मैन और भारत के 11वें राष्ट्रपति  डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिवस हैं।  जिनके लिए देश से बड़कर न तो उनका मजहब ही रहा न ही विज्ञान से बड़ी कोई पूजा।  एपीजे अब्दुल कलाम ने अपना पूरा जीवन बड़ी ही सरलता और सहजता से गुजारा। आज पूरा देश उनकी सादगी और ज्ञान का मुरीद हैं।।

■ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम् में एक इस्लामिक मछुआरे परिवार में हुआ था। कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम था। उनके पिता एक नाविक थे और माँ गृहिणी थी। कलाम ने अपनी माँ को अपनी सबसे बड़ी प्रेरणा के रुप में स्वीकारा।

बचपन से ही कलाम को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास था, उनकी जिम्मेदारियों ने उन्हें उम्र से पहले बड़ा कर दिया था। पिता की आर्थिक स्थिती में सुधार हो इसके लिए उन्होंने इमली के बीज और अखबार बेचने का काम किया।

कलाम की शिक्षा:

कलाम ने अपनी प्राथमिक शिक्षा रामेश्वरम के ही पंचायत एलीमेंट्री स्कूल से पूरी की। इसके बाद वह 1957 में एयरोनाटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने चेन्नई चले गए।

कलाम बचपन से ही मेधावी रहे थे। पांचवी कक्षा में जब एक बार उनके शिक्षक उन्हें पक्षियों की उड़ान के बारे में बता रहे थे। पर यह बात कलाम को समझ ही नही आई। ऐसे में शिक्षक उन्हें लेकर समंदर किनारे गए और उन्हें पक्षियों के झुंड की मदद से समझाया कि कैसे पक्षियों के अंदर इच्छाशक्ति होती हैं जिसकी मदद से वह अपने पंख फड़फड़ाते हैं और उन्हें अपलिफ्ट कर उड़ने में मदद मिलती है। मासूम कलाम के मन में इसी बात ने घर कर लिया और उन्होने एयरोनाटिक्स में ही शिक्षा हासिल करने का सोचा ।

बहुआयामी कलाम को सलाम:

अध्यापक, विश्व प्रख्यात वैज्ञानिक, मिसाईल मैन, भारत के 11 वें राष्ट्रपति और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित कलाम का कहना था कि "सपने वो नही होते जो तुम रात में देखते हो, सपने वो होते हैं जो तुम्हें सोने न दें"। 
कलाम ने DRDO और इसरो के विकास में सराहनीय योगदान दिया था।

जब कलाम बने देश के राष्ट्रपति:

रक्षा वैज्ञानिक के तौर पर कलाम को बहुत ख्याति मिली। उनकी ख्याति को देखते हुए एनडीए सरकार ने उन्हें राष्ट्रपति पद के रूप में उम्मीदवार बनाया। 25 जुलाई 2002 को भारत को 11 वें राष्ट्रपति के रुप में कलाम मिले।
कलाम ने अपने जीवन काल में जो प्रसिद्धि और चरित्र निर्माण किया वह एक आर्दश रुप में सदैव स्थापित रहेंगा। 27 जुलाई 2015 को ह्रदय गति रूकने की वजह से कलाम ने आखिरी सांस ली।

विजन 2020 : 

डॉ कलाम ने एक सपना देखा था कि भारत विकसित देश बने। इसके लिए उन्होने 500 विशेषज्ञों की टीम को नियुक्त किया और 2020 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में कई योजनाओं का प्रारुप भी बनाया।

Priya Anand jha I am writer,poet,blogger & currently working with lookdoot For more new updates & interesting news follow me Stay tuned