Alwar Temple: Rajasthan के अलवर में एक बार फिर मंदिर तोड़ने का मामला आया सामने
मंगल को बजरंग-बली से मैं तेरा शुक्र मनाऊँ और शुक्र को तू अल्लाह से मेरा मंगल माँगे। ~~ प्रबुद्ध सौरभ ये पंक्तियां सुनने में भले ही कितनी अच्छी लगती हों, लेकिन देश के आज के हालात इससे बिलकुल इतर है। मंदिर और मस्जिद की राजनीति सियासत पर हावी नज़र आ रही है। एक बार फिर से मंदिर तोड़ने का मामला सामने आया है।
Bulldozer Action in Alwar: मामला राजस्थान के अलवर जिले का है। बीते 17 और 18 अप्रैल को अलवर जिले के राजगढ़ में 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़ दिया गया जिसके बाद से यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर आरोप लगा रही है। भाजपा का कहना है कि सरकार तुष्टीकरण और वोट बैंक बनाए रखने के लिए मंदिरों को निशाना बना रही है।
वहीं कांग्रेस का कहना है कि भाजपा धार्मिक भावना भड़का कर माहौल खराब कर रही है। बताया जा रहा है मंदिर तोड़ने के आरोप में स्थानीय विधायक, एडीएम और अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने को लेकर शिकायत की गई है। दरअसल वसुंधरा राजे सरकार के दौरान राजगढ़ में मास्टर प्लान के तहत विकास के लिए गौरवपथ बनाने का काम शुरू किया गया था। लेकिन, अतिक्रमण के कारण इसे रोक दिया गया। जिसे अब फिर से शुरू किया गया है।
बताया जा रहा है कि पिछले साल नगरपालिका की बैठक में अतिक्रमण हटाए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया था। इसके बाद 17 और 18 अप्रैल को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। जिसके बाद कई हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया है।