Alzheimer's Day : विश्व भर में मनाया जा रहा है अल्जाइमर दिवस,जानिए क्या हैं इसके लक्षण ,कैसे बचाएं खुद को
आज विश्व भर में Alzheimer's day मनाया जा रहा है। दरअसल यह एक मानसिक रोग है जो उम्र के एक पड़ाव के बाद, यानि वृद्धावस्था की ओर बढ़ रहे लोगों में ज्यादातर देखने को मिलता है। यह बीमारी लाईलाज है जिसका ईलाज संभवतः ढूँढा नही जा सका है। वैश्विक तौर पर अलजाइमर दिवस मनााने के पीछे यही उद्देश्य है कि बड़े स्तर पर जागरूकता फैलाई जा सके।
वृद्धावस्था अपने साथ कई चुनौतियां लेकर आती है जिनमें से सबसे बड़ी बाधा उत्पन्न होती है शारीरिक और मानसिक तौर पर लग जाने वाले विकारों की।
ऐसा ही एक मानसिक रोग है अल्जाइमर(Alzheimer) जिसके लक्षण एक बार विकसित हो जाने पर कम या हटाए नही जा सकते।
शोधकर्ता बताते है कि इस बीमारी का संबंध मानसिक स्मृती के साथ दिमागी क्षमता से भी जुड़ा है जिसे बाद में सामान्य नही किया जा सकता।
यदि इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षणो को समय रहते ही पहचानकार चिकित्सक से संपर्क कर लिया जाए तो इस बीमारी के से बचा जा सकता है। शोधकर्ता और बड़े न्यूरोंलोजिकल वैज्ञानिक बताते है कि इस रोग का सीधा संबंध मानसिक स्मृति से है
● जब दिखने लगे आपके करीबियों में ये लक्षण तो हो जाइए सर्तक:
◆ समय और स्थान को लेकर असमंजझता की स्थिति:)
सामान्य तौर पर मरीजो को तारीख, दिन, मौसम और साल को लेकर उलझन रहती है , वह एक घटना को दूसरी घटना से मिला देते हैं । कभी कभी तो Alzheimer से पीड़ित रोगी टीवी और असल जिंदगी में घटित घटना में भी अंतर नही कर पाते।
◆ बोलने में दिक्कत : अल्जाइमर शरीर को शिथिल और कमजोर करता है , इससे आवाज़ में हकलाहट पैदा हो जाती है , कई बार वो बोलते-बोलते ही भूल जाते हैं और कहानी गढ़ने लगते है, और उनकी बात न सुनी जाने पर रूठकर बच्चों जैसा व्यवहार करने लगते है।
◆ स्पष्ट दिखलाई न पड़ना: अल्जाइमर रोग में आँखो से दूरी का स्पष्ट पता लगा पाने में काफी कठिनाई होती है । ऑखो से पानी निकलना और सर दर्द की तकलीफ भी बनी रहती है।
◆ याद न रहना- अलजाइमर रोग में अक्सर लोगो को जरुरी से जरुरी दिन भी याद नही रहते। कई बार उनमे यह आभास भी बना रहता है कि कोई विशेष दिन कबसे आया ही नही।
◆ संख्याओं में फेरबदल -इस मानसिक रोग में रोगियों को नंबर्स जोडने, घटाने या गिनने में काफी तकलीफ का सामना करना पडता है। कई बार उन्हें सभी नंबर्स एक जैसे ही दिखने लगते है।
◆ अवसाद और अकेलापन - अल्जाइमर नामक इस रोग में लोगो को अकेलापन महसूस होने लगता है। वह सबसे कटे कटे रहते है, और अक्सर खुद से बाते करते हुए पाए जाते है।
◆मूङस्विंग : उम्र के इस पड़ाव पर मूङस्विंग बहुत बढ़ जाता है ऐसे में अल्जाइमर के रोगीयों में यह क्षण भर में बदलती है, पल में गुस्सा , पल में मान जाने जैसी प्रवृत्ति हो जाती है।
अंततः : जरूरी है समय रहते बीमारी का पता चलना और चिकित्सीय सहायता लेना। साथ ही परिवार और करीबियों को ऐसे नाजुक वक्त में रोगियों को दोस्त की तरह समझना और बच्चो की तरह उनका ख्याल रखना आवश्यक है।