खिलौनों को तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल का बच्चों के दिमाग पर पड़ रहा है बुरा असर, ऐसे कर सकते हैं आप उनकी रक्षा
शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में दावा किया है कि विभिन्न प्रकार के उत्पादों को अग्निरोधक बनाने के लिए ऑर्गनोफॉस्फेट एस्टर (ओपीई) का उपयोग किया जाता है, जिसके संपर्क में आने से आईक्यू स्तर, एकाग्रता और युवाओं की याददाश्त पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
प्लास्टिक के खिलौनों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में पाया जाने वाला हानिकारक केमिकल बच्चों के दिमागी विकास के लिए घातक साबित हो सकता है। शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में ऐसा दावा किया है। अध्ययन के अनुसार, विभिन्न प्रकार के उत्पादों को अग्निरोधक बनाने के लिए ऑर्गनोफॉस्फेट एस्टर (ओपीई) का उपयोग किया जाता है, जिसके संपर्क में आने से युवाओं के आईक्यू स्तर, एकाग्रता और स्मरण पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
इस केमिकल का इस्तेमाल कई तरह के खिलौने, स्मार्टफोन, पुशचेयर, गद्दे और कई तरह के फर्नीचर में किया जाता है। यह रसायन लोगों में कैंसर और प्रजनन समस्याएं पैदा कर सकता है। कैरोलीन यूनिवर्सिटी के डॉ. हीथर पेटिसोल के मुताबिक, 'ऑर्गेनोफॉस्फेट एस्टर का इस्तेमाल टीवी से लेकर कार की सीटों तक हर चीज में इस गलत धारणा के तहत किया जाता है कि वे सुरक्षित हैं।
ऑर्गनोफॉस्फेट एस्टर सभी पीढ़ियों में मस्तिष्क के विकास के लिए एक बड़ा खतरा हैं। यदि इसके उपयोग को सीमित नहीं किया गया तो भविष्य में इसकी वजह से गंभीर नुकसान उठाना पड़ेगा। बता दें कि अग्नि सुरक्षा प्रबंधन के नाम पर इसका इस्तेमाल कई कामों में किया जाता है। एक अध्ययन में पहले दावा किया गया था कि स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाले ओपीई को हाथों या चेहरे के जरिए भी मानव शरीर में पहुंचाया जा सकता है।
अध्ययन के अनुसार, ओपीई ब्रेस्टमिल्क में भी पाया जा सकता है। इसका मतलब है कि इसे सीधे नवजात के शरीर में ब्रेस्टमिल्क के जरिए ट्रांसफर किया जा सकता है। पर्यावरण स्वास्थ्य पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि हमें ओपीई उत्पादों के उपयोग को जल्द से जल्द रोकना या कम करना होगा। इस शोध की जरूरत ऐसे समय में आई जब ऑनलाइन पोर्टल पर बिकने वाले करीब आधे खिलौनों को बच्चों के लिए हानिकारक बताया गया।
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