Bharat Ratna award: जानिए भारत रत्न पुरस्कार प्राप्ति के बाद मिलने वाली सुविधाएँ और इससे संबंधित विवाद
Bharat Ratna award Benefits:सम्मान प्राप्त व्यक्ति को प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता इनके पश्चात जगह मिलती है। यह व्यक्ति देश के लिए वीआईपी नागरिक होता है।
Bharat Ratna award: भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार किसी भी व्यक्ति को उसके राष्ट्रीय सेवा के लिए किये गए योगदान के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल हैं। यह पुरस्कार शुरूआत में विज्ञान, सार्वजनिक सेवाओं, कला और साहित्य के क्षेत्र में दिया जाता था, मगर 2011 में नियमों में बदलाव करते हुए खेलकूद क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए भी दिया जाने लगा। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। आरंभ में इस सम्मान को 'मरणोपरांत' नहीं दिया जाता था, किंतु 1955 के बाद यह निर्णय लिया गया कि यह मरणोपरांत भी दिया जाएगा।
भारत रत्न का डिजाइन
इस पुरस्कार के रूप में दिए जाने वाले सम्मान की मूल रूप-रेखा 35 मिलिमीटर व्यास वाला गोलाकार स्वर्ण पदक है। जिस पर सूर्य और ऊपर हिन्दी भाषा में भारत रत्न और नीचे एक फूलों का गुलदस्ता बना होता है। पीछे की ओर शासकीय संकेत और आदर्श-वाक्य लिखा होता है। इसे सफ़ेद फीते में डालकर गले में पहनाया जाता है। एक वर्ष बाद इस डिजाइन को बदल दिया गया था। तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चाँदी में लिखा रहता है "भारत रत्न" और यह सफ़ेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।
रोचक तथ्य
• भारत रत्न पुरस्कार की परम्परा 1954 में आरंभ हुई थी।
• भारत रत्न 26 जनवरी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है।
• संस्कृत भाषा के विद्वान डॉ. पांडुरंग वामन काणे भाषा के क्षेत्र में यह पुरस्कार पाने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं।
• यह पुरस्कार सर्वप्रथम मरणोपरांत लाल बहादुर शास्त्री को दिया गया था।
• खेल के क्षेत्र में योगदान के लिए एकमात्र खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को यह पुरस्कार मिला है।
• दो अन्य गैर भारतीय ख़ान अब्दुलगफ़्फ़ार ख़ान को 1987 में और नेल्सन मंडेला को 1990 में यह पुरस्कार दिया गया था।
• यह पुरस्कार अभी तक मात्र 5 महिलाओं को मिला है:- इंदिरा गांधी, मदर टेरेसा , अरूणा आसफ अली, एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी और लता मंगेशकर।
• आपातकाल के बाद आई जनता पार्टी की सरकार ने इस पुरस्कार को बंद कर दिया था मगर 1980 में यह दोबारा शुरू होने पर सबसे पहले मदर टेरेसा को दिया गया।
• अभी तक यह पुरस्कार कुल 48 व्यक्तियों को दिया गया है।
• 1 वर्ष में अधिकतम 3 से अधिक व्यक्तियों को यह पुरस्कार नहीं दिया जा सकता है।
• यह पुरस्कार 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है।
• इस पुरस्कार के वितरण का हर वर्ष का कोई प्रावधान नहीं है।
भारत रत्न पुरस्कार प्राप्ति के बाद मिलने वाली सुविधाएँ
• सम्मान प्राप्त व्यक्ति को प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता इनके पश्चात जगह मिलती है। यह व्यक्ति देश के लिए वीआईपी नागरिक होता है।
• इस पुरस्कार विजेता व्यक्ति को इनकम टैक्स न भरने की छूट होती है।
• इन व्यक्तियों को हवाई जहाज, ट्रेन और बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधाँए प्राप्त होती है।
• भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति संसद की बैठक सत्रों में भाग ले सकता है।
• यह व्यक्ति गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में विशेष अतिथि के तौर पर भाग ले सकते हैं।
भारत रत्न पुरस्कार से संबंधित विवाद
• स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को 1992 में 'भारत रत्न' से मरणोपरान्त सम्मानित किया गया था। किंतु उनकी मृत्यु विवादित होने के कारण अनेक प्रश्नों को उठाया गया था। अत: भारत सरकार ने यह पुरस्कार वापस ले लिया था। यह पुरस्कार वापस लेने का यह एकमात्र उदाहरण है।
• स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को जब 'भारत रत्न' दिया गया तो उन्होंने इसका विरोध किया। उनका विचार था कि इसकी चयन समिति में रहे व्यक्ति को यह सम्मान नहीं दिया जाना चाहिये। 1992 में उन्हें मरणोपरांत 'भारत रत्न' दिया गया।
• श्री सत्यपाल आनन्द ने राजीव गाँधी को मरणोपरांत भारत रत्न देने की प्रक्रिया को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।