Budget 2022: लोगों की उम्मीद से उलट कॉर्पोरेट हित के करीब दिखे बजट के रुझान

संसद में मंगलवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया था। सुबह के 11बजे से लेकर बजट के संबंध में सीतारमण ने करीब 1 घंटे 50 मिनट संसद को संबोधित किया। इस बार के बजट में कुल खर्च 39.45 लाख करोड़ है।

February 1, 2022 - 18:21
February 2, 2022 - 09:40
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Budget 2022: लोगों की उम्मीद से उलट कॉर्पोरेट हित के करीब दिखे बजट के रुझान
बजट 2022-23- फोटो: gettyimages

कोरोना महामारी के दौर में आम लोगों से लेकर कई मीडिया संस्था और छोटे व मध्यम व्यापारी और बिजनेसमैन की उम्मीद रही कि इस बार के बजट में इनकम टैक्स और व्यापार से संबंधित अहम फैसले लिए जा सकते हैं। परंतु बजट इसके विपरीत कॉर्पोरेट टेक्स 18% से घटाकर 15% कर दिया गया है।

संसद में मंगलवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया था। सुबह के 11बजे से लेकर बजट के संबंध में सीतारमण ने करीब 1 घंटे 50 मिनट संसद को संबोधित किया। इस बार के बजट में कुल खर्च 39.45 लाख करोड़ है। जिसमें उधार के अलावा कुल प्राप्तियां रु. 22.84 लाख करोड़ हैं, जबकि पिछले वर्ष 2021-22 में बजट 34.83 लाख करोड़ और संशोधित अनुमान 37.70 लाख करोड़ था। चालू वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.9% है। वहीं भारत की आर्थिक विकास दर 9.2% रहने का अनुमान है, जो बड़ी अर्थव्यवस्था के करीब कहा जा रहा है। 

रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों का बजट

● आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्पादकता से जुडे़ 14 क्षेत्रों में 60 लाख नए रोजगार सृजन होंगे। वहीं 30 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त उत्पादन की संभावना भी जताई गई है। सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट योजना के तहत लोन की अच्छी व्यवस्था करके 2 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त ऋण की सुविधाएं होगी और रोजगार के अवसरों का विस्तार होगा। 

● शिक्षा के क्षेत्र में DrAAS (Disaster recovery as a service) के लिए ड्रोन शक्ति की सुविधा के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाएगा। 750 आभासी प्रयोगशालाएं और प्रैक्टिस के लिए 75 ई प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। साल 2022-23 तक स्कूल बंद होने के कारण गरीब व पिछड़े इलाकों के बच्चों के लिए 12 से 200 टीवी चैनलों के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी, जिसमें 1से 12 तक की कक्षाओं के बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में  शिक्षा दी जाएगी। वहीं डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना करके घर बैठे छात्रों को विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा प्रदान कराए जाने की भी योजना है।

● आयुष्मान भारत डिजिटल योजना के तहत राष्ट्रीय स्तर पर इलाज और सुविधाओं के लिए डिजिटल तौर पर रजिस्टेशन करवा सकेगें। महामारी के दौरान मानसिक रुप से पीड़ितों के लिए 23 टेली मानसिक स्वास्थ्य केंन्द्रो का नेटवर्क भी बनाया जाएगा। 

हर घर-नल जल योजना तथा प्रधानमंत्री आवास योजना का होगा विस्तार
साल 2023 के अंत में करीब 3.8 करोड़ परिवारों के घरों के नल में पानी लाने के लिए 60,000 करोड़ रुपए का इस योजना के तहत आवंटन किया जाएंगा। बता दें कि वर्तमान में 8.7 करोड़ घरों में से 5.5 करोड़ घरों को पिछले 2 बर्षों में कनेक्शन मिला है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण और शहरी इलाकों में 80 लाख घरों के निर्माण के लिए 48000 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे। 

डिजिटल करेंसी तथा राष्ट्रीय पेंशन योजना को लेकर भी बजट में बड़े बदलाव

बीते कुछ समय से देश में डिजिटल करेंसी के भूचाल को देखते हुए इस बार के बजट में डिजिटल करेंसी को लेकर भी बड़े बदलाव किए गए हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इस साल से डिजिटल करेंसी शुरु करेगा। वहीं क्रिप्टोकरेंसी की आय पर अब 30% टैक्स लगेगा और स्टॉर करने पर 1% TD  वसुला जाएगा। डिजिटल करेंसी के साथ ही पेंशन को लेकर बजट में किए गए बड़े बदलाव के अनुसार अब राज्य कर्मचारियों की कर कटौती की सीमा 10% से बढ़ाकर 14% कर दी गई है। जिससे यह केन्द्र कर्मचारियों के बराबर हो गई है। इस कटौती के पीछे की वजह सामाजिक सुरक्षा लाभ में बढ़ौतरी की कोशिश को बताया जा रहा है। 

 बजट में लिए गए अन्य अहम फैसले

● कटे और पॉलिश किए गए हीरे और रत्नों पर सीमा शुल्क घटाकर 5% कर दिया गया है।
● झींगा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए शुल्क कम किया गया है।
● मिश्रित ईधन को प्रोत्साहित करने के लिए 1 अक्टूबर 2022 से 2 रुपए/लीटर उत्पाद शुल्क लिया जाएगा। 
● सहकारी समितियों के वैकल्पिक न्यूनतम टेक्स को 18.5% से घटाकर 15% टेक्स किया गया है। 
● रक्षा बजट जो 2021-22 में 58% था वह 2022-23 में 68% कर दिया गया है। 
● 5जी को दूरसंचार में लाने की पहल हो रही है।
● 1.5 लाख डाकघरों में 100% कोर बैंकिंग सिस्टम पर आएंगे। 
● 2 लाख आंगनबाड़ी महिलाओं को सक्षम आंगनबाड़ी में अपग्रेड किया जाएंगा। 
● रेलवे में 2000 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क बनाया जाएगा और नई पीढ़ी के लिए 400 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा। 
● 1.63 करोड़ किसानों को गेहूं और धान की खरीदी के लिए 2.37 लाख करोड़ का भुगतान किया जाएगा। 
● राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का 25000 किलोमीटर विस्तार किया जाएगा और उसके लिए 20000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगें। 

बजट पेश हो जाने के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीटर के माध्यम से कहा कि यह बजट 100 साल की भयानक आपदा (कोविड-19) के बीच विकास का एक नया विश्वास लेकर आया है। यह बजट अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ आम आदमी के लिए कई नए अवसर पैदा करेगा।“ उन्होंने कहा कि इस बजट का एक महत्वपूर्ण पहलू गरीबों का कल्याण है। हर गरीब के पास पक्का घर हो, नल से पानी हो, शौचालय हो, गैस की सुविधा हो, इन सब पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके साथ ही आधुनिक इंटरनेट कनेक्टिविटी पर भी काफी जोर दिया जा रहा है।

वहीं कांग्रेस नेता राहूल गांधी ने ट्वीट किया कि आम बजट में वेतनभोगी वर्ग, मध्य वर्ग, गरीबों, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों के लिए कुछ नहीं है।  किसानों और एमएसएमई के लिए भी कुछ नहीं है।'' वहीं आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि बजट में देखने लायक कुछ नहीं है। मैंने कई सारी ऐसी घोषणाएं सुनीं है, जो पहले भी सुन चुका हूं।  ये 2016, 2017, 2018 में भी सुने हैं। बार बार क्यो ? पिछली बार का क्यों नही पूरा हुआ। आम बजट में गांव के गरीब के लिये कुछ नहीं है। देश मे सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। यह सरकार जमीन पर आकर बात करना नहीं चाह रही है। जनता को तरीके पता होते हैं हर बार काठ की हांडी नहीं चढ़ेगी। मैं सच कहूं तो इतना स्वाद विहीन और गैर उत्साह वाला बजट नहीं होगा। संसद में बजट पेश कर देने के बाद सत्तापक्ष ने बजट को ऐतिहासिक बताया। वहीं विपक्ष ने बजट को आमजन का विरोधी और कोर्पोरेट परस्त बजट बताया है।

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