Gujarat Riots: पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका को कोर्ट ने किया खारिज़
Zakia Jafri's petition against PM Narendra Modi: जकिया जाफरी गुजरात के पूर्व कांग्रेस नेता और सांसद एहसान जाफरी की पत्नी है। 2002 में गुजरात में हुए गोधरा कांड के बाद कई जगहों पर साम्प्रदायिक दंगे हुए, जिसमे गुस्से से भरी भीड़ ने उतरी अहमदाबाद के एक अल्पसंख्यक इलाके गुलबर्ग सोसाइटी को निशाना बनाया, जहाँ एहसान जाफरी के साथ साथ 69 और लोगों की मृत्यु हुई थी।
साल 2002 में हुए गुजरात दंगे के मामलों में एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमे उस वक्त के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ याचिका को कोर्ट ने खारिज़ करार कर दिया है। कोर्ट ने एसआईटी के पहले दिए गए रिपोर्ट के फैसलों को बरकरार रखा और क्लीन चिट पर मुहर भी लगा दी है। दंगों में किसी भी बड़ी साज़िश की जाँच से इनकार करते हुए, साथ ही इस अपील को सुप्रीम कोर्ट ने बिना कोई मेरिट का भी बताया है। इस अपील को लेकर हुई सुनवाई में 9 दिसम्बर, 2021 को कोर्ट द्वारा इसके फैसलों को सुरक्षित रख लिया गया था।
बता दें कि जकिया जाफरी ने एसआईटी पर यह आरोप लगाया कि उनकी मिलीभगत आरोपियों से है, जिस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति भी जताई थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि एसआईटी के लिए मिलीभगत जैसे शब्दों का प्रयोग गलत है। इनकी कार्यवाही में किसी भी तरह की शिकायत नहीं मिली है। इस याचिका को जकिया की ओर से दिग्गज कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दायर किया था।
जकिया जाफरी गुजरात के पूर्व कांग्रेस नेता और सांसद एहसान जाफरी की पत्नी है। 2002 में गुजरात में हुए गोधरा कांड के बाद कई जगहों पर साम्प्रदायिक दंगे हुए, जिसमे गुस्से से भरी भीड़ ने उतरी अहमदाबाद के एक अल्पसंख्यक इलाके गुलबर्ग सोसाइटी को निशाना बनाया, जहाँ एहसान जाफरी के साथ साथ 69 और लोगों की मृत्यु हुई थी। इस घटना के बाद नरेंद्र मोदी सहित कइयों पर चार्जशीट दायर की गई थी, लेकिन एसआईटी ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में मोदी सहित कुल 64 लोगों को क्लीन चिट दे दी थी। इस मामले में तीस्ता सीतलवाड भी दूसरे नंबर की बड़े याचिकाकर्ताओं में शामिल थीं।