HBD Anne Frank: जानिए हिटलर के कंसंट्रेशन कैंप में मारी गई 15 साल की एनी ने क्या लिखा था अपनी डायरी में?
Anne Frank: मात्र 15 की उम्र में कंसंट्रेशन कैंप में एनी फ्रेंड की मृत्यु हो गई थी। फ्रैंक के मरने के बाद ऑटो फ्रांक ने बड़े सोच-विचार के बाद डायरी को प्रकाशित करवाया और अपनी बेटी की लेखक बनने की इच्छा को पूरा किया।
एनी फ्रैंक का जन्म 12 जून 1929 को जर्मनी में हुआ था। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यहूदियों पर हुए अत्याचार को बयां करती ऐनी फ्रैंक की 'The diary of a young girl' विश्व प्रसिद्ध है। जो हम उनकी डायरी में पढ़ते हैं उस सच्चाई को 15 साल की एनी फ्रैंक ने भोगा था। आइए जानते हैं एनी ने क्या लिखा है अपनी डायरी में?
जन्मदिन पर मिली थी डायरी
एनी फ्रैंक को डायरी उनके जन्मदिन पर अपने पिता से मिली थी। एनी ने अपनी डायरी का नाम किटी रखा था जिसमें उन्होंने अपनी दिनचर्या और दोस्तों के बारे में लिखना शुरू किया। किसे पता था कि वही डायरी आज इतिहास का दस्तावेज़ बन जाएगी और दुनिया में इसे पढ़ने वालों की आंखें नम हो जाएंगी।
डायरी में एनी फ्रैंक ने पहली बार लिखा
12 जून को अपनी डायरी में एनी फ्रैंक पहली बार लिखती हैं, मुझे उम्मीद है कि मैं अपनी हर बात तुम्हें बता सकूंगी क्योंकि मैंने अपनी बातें कभी किसी से नहीं कही हैं और मैं आशा करती हूँ कि तुम मेरे लिए सुकून और संबल का एक बड़ा स्रोत बनोगी।
'The diary of a young girl'
एनी ने 12 जून 1942 से 1 अगस्त 1944 के बीच अपनी जिंदगी में घटने वाली चीजों के बारे में डायरी में लिखा है। उनकी डायरी की तीन करोड़ प्रतियां बिक चुकी हैं और 67 भाषाओं में डायरी का अनुवाद भी हुआ है।
डायरी का अंतिम पेज
एनी ने डायरी के अंतिम पेज पर, 1 अगस्त 1944 को लिखा है कि 4 अगस्त 1944 को उस गुप्त आवास में रहने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसमें मीप, गीस और बेप फोस्क्यूल दो सचिव थे, जो उस भवन में काम कर रहे थे, उनको एनी की डायरियां फर्श पर बिखरी फैली मिलीं थी।
पिता ने पूरा किया सपना
मात्र 15 की उम्र में कंसंट्रेशन कैंप में एनी फ्रेंड की मृत्यु हो गई थी। फ्रैंक के मरने के बाद ऑटो फ्रांक ने बड़े सोच-विचार के बाद डायरी को प्रकाशित करवाया और अपनी बेटी की लेखक बनने की इच्छा को पूरा किया।
एनी ने लिखा था, मैं परेशानियों...
फ्रैंक ने अपनी डायरी में लिखा था, मैं परेशानियों के बारे में कभी नहीं सोचती, बल्कि उन अच्छे पलों को याद करती हूं जो अब भी बाकी हैं। एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में आज भी एनी की डायरी का काफी महत्त्व है जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान होलोकास्ट(यहूदियों के नरसंहार) के दर्द को दर्शाती है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स बुक रिव्यु की टिप्पणी
प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार ,फ्रैंक की डायरी पर द न्यूयॉर्क टाइम्स बुक रिव्यु की टिप्पणी है, ‘इतने साल पुरानी यह डायरी आज भी उतना ही हतप्रभ करती है ,उतनी ही यातना देती है... इस डायरी में जो है, वह है उसकी जीवन के प्रति लालसा, जो आज भी हमें चुभती है।‘