बेरोजगारी दर में हरियाणा टॉप पर, केरल अच्छे प्रदर्शन के साथ निचले स्थान पर
Unemployment rate: देश में बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2021 की बेरोजगारी दर 7.91% प्रतिशत है, जो अगस्त 2021 के बाद से बेरोजगारी दर में हुई सबसे अधिक वृद्धि है।
सी.एम.आई.ई. की रिपोर्ट में देखने को मिला है कि पिछले 5 महीनों में बेरोजगारी दर सबसे अधिकतम रही है। बेरोजगारी का यह आंकड़ा अगस्त 2021 के बाद सबसे अधिक है। बता दें कि अगस्त के बाद बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी तथा उससे पहले, बीते जून में यह 9.17 फीसदी थी । सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में शहरों की बेरोजगारी दर 9.30 प्रतिशत वृद्धि के स्तर पर पहुंच गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में दिसंबर की बेरोजगारी दर में 7.28 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है।
उच्च बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) में हरियाणा ने किया टॉप
दिसंबर महीने में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर हरियाणा की रही। जहां बेरोजगारी दर 34.1 प्रतिशत रिकार्ड की गई है, जबकि राजस्थान की बेरोजगारी दर में वृद्धि देखने को मिली है। बता दें कि राजस्थान में दिसंबर माह की बेरोजगारी दर 24.1% रही। राजस्थान के बाद झारखंड (17.3%), बिहार (16%) और जम्मू-कश्मीर (15%) क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर रहे। वहीं जम्मू-कश्मीर में 2021 की बेरोजगारी दर में हुई वृद्धि के आंकड़ें चिंताजनक हैं। सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल रही है , हालांकि सरकार ने 2020-21 में 40 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, जिनमें से अधिकांश भर्तियां अभी भी प्रक्रिया में ही हैं। वहीं देश में सबसे कम बेरोजगारी दर कर्नाटक (1.4%) में दर्ज की गई। कर्नाटक के बाद गुजरात और ओडिशा में 1.6%, छत्तीसगढ़ (2.1%) तथा तेलंगाना (2.2%) की बेरोजगारी दर्ज की गई। जबकि कर्नाटक के बाद गुजरात और ओडिशा में 1.6%, छत्तीसगढ़ में 2.1% तथा तेलंगाना में 2.2% की बेरोजगारी दर दर्ज की गई।
हरियाणा में बेरोजगारी दर सबसे अधिक रहने के संभावित कारण
- प्राइवेट सेक्टर व उद्योगों का बंद होना।
- सरकार का युवाओं को रोजगार देने की घोषणा करने के बाद रोजगार उपलब्ध ना कराना ।
- सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्तियां ना करना।
2021 की बेरोजगारी दर ने 2020 की बेरोजगारी दर को पछाड़ा
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडिया इकोनॉमी के पिछले वर्ष के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2021 में वर्ष 2020 के मुकाबले ज्यादा बेरोजगारी रही। बता दें कि 2020 में सिर्फ जनवरी और फरवरी में ही बेरोजगारी दर 20 से अधिक थी, जबकि 2021 में 4 महीनों की बेरोजगारी दर 20% प्रतिशत से अधिक रही है। अक्टूबर 2021 में जहां बेरोजगारी दर 22.2% प्रतिशत रही , वहीं 2021 में कम बेरोजगारी दर मार्च में 9.5%, नवंबर में 21.2% और दिसंबर में 15% प्रतिशत रही।
सीएमआईई ने क्या कहा ?
सीएमआईई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी महेश व्यास का कहना है कि दिसंबर, 2021 में रोजगार बढ़ा है , जबकि नौकरी के इच्छुक लोगों की संख्या उससे अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अच्छा संकेत है क्योंकि श्रम बाजार में सप्लाई अधिक रही ,बीते महीने लगभग 83 लाख अतिरिक्त लोग नौकरी की तलाश में थे, हालांकि, 40 लाख नौकरी चाहने वालों को ही रोजगार मिला।’’