Captain Abhilasha Barak: हरियाणा की बेटी कैप्टन अभिलाषा ने बढ़ाया देश का मान, सेना की पहली महिला कॉम्बैट ऐविएटर
Captain Abhilasha Barak: कैप्टन अभिलाषा बराक लॉरेंस स्कूल सनावर की छात्रा रह चुकी हैं उन्होंने 2016 में दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया है।
भारतीय सेना में अब तक महिलाओं ने केवल ग्राउंड वर्क ही किया था लेकिन अब आर्मी में बदलते दौर की तरह महिलाएं भी पुरुषों के बराबरी के साथ फाइटर हेलीकॉप्टर भी उड़ा सकेंगी। भारतीय सेना में कैप्टन अभिलाषा बराक (Captain Abhilasha Barak) को पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनाया गया है ।
कौन है अभिलाषा और कहा से आया पायलट बनने का जुनून ?
हरियाणा की रहने वाली अभिलाषा बराक की उम्र 26 वर्ष है। अभिलाषा बराक हमेशा से ही पायलट बनने की चेष्टा रखती थी। उनका बचपन से ही आर्मी में काफी रुझान था और वो वैसे ही परिवेश में पली बढ़ी और इस कारण उन्होंने आर्मी में जाने का मन बनाया। कैप्टन अभिलाषा कर्नल एस ओम सिंह की पुत्री है , जो 2011 में रिटायर हो चुके हैं।
अभिलाषा ने जब 2013 के भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में अपने बड़े भाई को शामिल देखा तब भारतीय सेना में शामिल होने की जिज्ञासा दृढ़ हो गई। कैप्टन अभिलाषा बराक लॉरेंस स्कूल सनावर की छात्रा रह चुकी हैं उन्होंने 2016 में दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। अभिलाषा अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए अमेरिका चली गई। उन्होंने डेलाइट में बतौर इंजीनियर का काम किया लेकिन आर्मी में शामिल होने के जुनून ने उन्हें वापस भारत लौटने पर मजबूर कर दिया ,तब उन्हे सितंबर 2018 में भारतीय सेना में आर्मी एयर डिफेंस कोर में शामिल किया गया था।
भारतीय सेना 2021 में महिला पायलटों के स्वागत में खोले दरवाजे
पहले महिलाएं भारतीय सेना में सिर्फ ग्राउंड ड्यूटी का हिस्सा हुआ करती थी। बदलते समय के साथ अब भारतीय वायुसेना और नौसेना में महिला पायलट भी है,उसके बाद भारतीय सेना ने 2021 में आर्मी एविएशन कोर्स शुरू किया, जिससे महिला पायलटों के लिए एक और नई दिशा खुल सके। भारतीय सेना में आर्मी एवियशन कोर्स सबसे युवा कोर है, जिसका गठन 1 नवंबर 1986 में हुआ था। पिछले कुछ वर्षों में चीता एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर एएलएच हथियारों से लैस रुद्र एएलएच और लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर जैसे नए नए उपकरणों एवं इकाइयों को शामिल करने के साथ इस कोर का विस्तार हुआ।
अभिलाषा बराक की उपलब्धि को आर्मी लेटर डे घोषित
कैप्टन अभिलाषा बराक की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को इंडियन आर्मी ने एविएशन के इतिहास में गोल्डन लेटर डे करार दिया है, इस गौरवशाली अनुभूति की जानकारी देते हुए सैन्य अधिकारियों ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर यह स्पष्ट किया कि यह भारतीय सेना के लिए एक स्वर्णिम दिन है।