Delhi: 6 साल की बच्ची बनी ऑग्रन डोनर, जिंदगी से जंग हारकर भी लोगों को दिया जीवनदान
Positive News: रोली नाम की इस लड़की को बुधवार को नोएडा में अपने घर पर खेलते समय कथित तौर पर बंदूक की गोली लग गई थी। ब्रैन डेड होने के बाद घरवालों ने लिया अंग दान करने का निर्णय।
मस्तिष्क की चोट के कारण अपनी बेटी को खोने वाले माता- पिता ने अपने इस दुख को अलग रखते हुए शुक्रवार को एम्स में अपने पांच साल और सात महीने की बेटी के अंगों को दान करने का फैसला किया है। इन अंगों का इस्तेमाल कम से कम पांच बच्चों को जीवनदान देने में किया जा सकता है।
रोली नाम की इस लड़की को बुधवार को नोएडा में अपने घर पर खेलते समय कथित तौर पर बंदूक की गोली लग गई थी। बाद में सीटी स्कैन में भी गोली लगने की पुष्टि हुई है। घटना के बाद उसे एम्स ले जाया गया, जहां उसकी हालत बहुत गंभीर थी। डॉक्टर्स ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन आखिरकार शुक्रवार को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
ब्रेन डेड क्या है?
मस्तिष्क की मृत्यु एक विनाशकारी मस्तिष्क की चोट से होती है, आमतौर पर सिर के आघात, मस्तिष्क में रक्तस्राव, स्ट्रोक, या दिल के रुकने के बाद मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में कमी (कार्डियक अरेस्ट) के कारण ब्रेन डेड होता है।
लोगों के लिए प्रेरणा है यह घटना
इतनी कम उम्र के बच्चों द्वारा अंगदान की यह दुर्लभ और प्रेरणादाई घटना है। एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ दीपक गुप्ता ने कहा कि यह पहली बार है जब इतने छोटे बच्चे के परिवार ने ब्रेन डेथ के बाद अंग दान करने पर सहमति जताई हो। उन्होंने आगे कहा, “मैं इस परिवार को सलाम करता हूं, जिन्होंने अपनी छोटी बेटी को खोने का गम भुलकर, उसके अंग को दान करने के लिए तैयार हो गए ताकि किसी और को बचाया जा सके।“
डॉक्टरों ने लड़की के लीवर, दो किडनी, हार्ट वॉल्व और कॉर्निया को दान करने के लिए निकाल लिया है। वहीं अब तक, गुर्दे को एम्स में एक बच्चे में प्रत्यारोपित किया जा रहा था, जबकि लीवर को इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल को आवंटित कर दिया गया। वहीं बच्ची के बाकी अंगों का भी उपयोग किसी न किसी को जीवन दान देने में किया जाएगा।