India-Japan Annual Summit: भारत में 3.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा जापान
भारत एवं जापान की दो दिवसीय बैठक हैदराबाद में हुई। बैठक के दौरान हुए समझौते एवं निवेश को देखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व अभी भी महामारी की जंग से जूझ रहा है, सभी देशों की आर्थिक संरचना डगमगा गई है। वहीं रूस–यूक्रेन विवाद भी बड़ी बाधाएं उत्पन्न करते नजर आ रहा है।
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किया। जापान के प्रधानमंत्री ने आगामी 5 सालों में भारत में 3.2 लाख करोड़ रूपये के निवेश की घोषणा की है।
भारत में 3.2 लाख करोड़ रूपये की घोषणा के साथ–साथ जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की भी निंदा की है। 19 मार्च, शनिवार को हैदराबाद में प्रधानमंत्री मोदी एवं किशिदा के बीच बैठक हुई थी। बैठक के दौरान पीएम मोदी एवं पीएम किशिदा के बीच 6 समझौते हुए जिसके उपरांत जापान ने भारत में 3.2 लाख करोड़ के निवेश की घोषणा की है। इस साझेदारी में “क्लीन एनर्जी साझेदारी” को मुख्य स्थान दिया गया है।
क्या है क्लीन एनर्जी साझेदारी?
दोनों देशों के बीच हुए समझौते में क्लीन एनर्जी मुख्य स्थान पर है। इस साझेदारी पर पीएम मोदी का कहना है कि जापान एवं भारत दोनों सुरक्षित, भरोसेमंद और स्थिर ऊर्जा के सप्लाई के महत्व से अवगत हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य स्थिर आर्थिक विकास के लक्ष्य को पाना, इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए पर्याप्त ऊर्जा सुनिश्चित करना तथा क्लाइमेट परिवर्तन की समस्याओं से उबरना है। पर्यावरण में बढ़ रहे कार्बन उत्सर्जन के नियंत्रण में भी यह साझेदारी कारगर साबित होगी।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया?
भारत एवं जापान की दो दिवसीय बैठक हैदराबाद में हुई। बैठक के दौरान हुए समझौते एवं निवेश को देखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व अभी भी महामारी की जंग से जूझ रहा है, सभी देशों की आर्थिक संरचना डगमगा गई है। वहीं रूस–यूक्रेन विवाद भी बड़ी बाधाएं उत्पन्न करते नजर आ रहा है। ऐसी परिस्थिति में जापान एवं भारत की इस साझेदारी का फायदा मात्र दो देशों को ही नहीं मिलेगा बल्कि इससे इंडो–पैसिफिक क्षेत्रों और समस्त विश्व पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने दी प्रतिक्रिया
बैठक के दौरान जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने रूस के यूक्रेन पर हमले की कड़ी निंदा की है। निंदा करते हुए उन्होंने कहा है– “बल प्रयोग करके यथाशक्ति को बदलने के एकतरफा प्रयासों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह एक गंभीर समस्या है, और इस युद्ध का असर मात्र यूक्रेन–रूस पर ही नहीं बल्कि पूरे विश्व पर पड़ रहा है।”
भारत में जापान का निवेश:
भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के रिपोर्ट्स के अनुसार जापान, भारत का 5वां सबसे बड़ा निवेशक है। साल 2000 से अब तक जापान भारत में 3,620 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश कर चुका है। रिपोर्ट्स के अनुसार जापान के निवेशों के मुख्य क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन, ईएसडीएम, चिकित्सा उपकरण, कपड़ा, खाद्य सामग्री एवं रसायन हैं। वर्तमान समय में जापान की कुल 114 कंपनी भारत में व्यापार कर रही है। जापान ने बीते कुछ सालों में भारत के शहरी बुनियादी ढांचे के विकास एवं बुलेट ट्रेन प्रौद्योगिकी के आधार पर उच्च गति वाले रेलवे का समर्थन किया है।