रूस और यूक्रेन विवाद से सहमे भारतीय छात्र, अमेरिका के 8500 सैनिक हाई अलर्ट पर

भारतीय दूतावास के अनुसार भारत के लगभग 1,800 छात्र यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करते हैं, जिनमें से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के ज्यादातर बच्चे शामिल हैं।

January 30, 2022 - 07:16
February 2, 2022 - 08:49
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रूस और यूक्रेन विवाद से सहमे भारतीय छात्र, अमेरिका के 8500 सैनिक हाई अलर्ट पर
रूस और यूक्रेन विवाद - फोटो: gettyimages

'टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन और रूस के बीच लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। हाल ही में मॉस्को ने भी यूक्रेन की सीमा पर अपने सैनिकों को हथियारों के साथ तैनात किया है। इस बीच यूक्रेन में मेडिसिन और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्र काफी परेशान हैं। ऐसे में कई छात्रों का कहना है कि हम नहीं जानते कि आगे क्या होने वाला है लेकिन हम युद्ध की स्थिति की वजह से अपनी पढ़ाई और करियर को प्रभावित नहीं होने देना चाहते हैं। हमारा अगला सेमेस्टर एक फरवरी से शुरू होने वाला है, जिसकी तैयारी हमने शुरू कर दी है। भारतीय दूतावास के अनुसार भारत के लगभग 1,800 छात्र यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करते हैं, जिनमें से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के ज्यादातर बच्चे शामिल हैं।

छात्रों के संपर्क में है भारतीय दूतावास

यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों ने खुद को क्यीव में स्थित भारतीय दूतावास में पंजीकृत करवाया है। राजेंद्रनगर के रहने वाले धीरज यूक्रेन में मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे हैं। स्थिति और गंभीर होने पर भारतीय दूतावास की ज़िम्मेदारी छात्रों को सुरक्षित देश से बाहर लाने की रहेगी। वहीं दूसरी तरफ दूतावास के अधिकारियों ने छात्रों से नाम, आयु, लिंग, पासपोर्ट संख्या, यूनिवर्सिटी, यूक्रेन व भारत में पता और फोन नंबर से सम्बंधित सारी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।

यूक्रेन में लगभग 18 हजार भारतीय छात्र हैं मौजूद

यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास की वेबसाइट के मुताबिक यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में फिलहाल मेडिसिन और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले लगभग 18 हजार भारतीय छात्र मौजूद हैं। जिनमें सबसे ज्यादातर छात्र तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। इवीव क्षेत्र में रहने वाले छात्रों का कहना है कि अभी स्थिति सामान्य है, लेकिन हमें दूतावास की तरफ से फॉर्म भरने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि अभी भी यूक्रेन में कई भारतीय छात्र मौजूद हैं, जिनसे हमारा लगातार संपर्क बना हुआ है।

यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के हालात क्यों बन रहे हैं?

रूस ने यूक्रेन की सीमा के निकट एक लाख से अधिक सैनिकों को तैनात किया हुआ है। जिससे इस क्षेत्र में युद्ध की आशंका जताई जा रही है। रूस हमेशा मना करता आया है कि वह यूक्रेन पर हमले की तैयारी कर रहा है, लेकिन अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों का मानना है कि रूस युद्ध के मकसद से यूक्रेन की ओर बढ़ रहा है। इन संवेदनशील युद्ध क्षेत्रों में 2014 से ही रूस समर्थक अलगाववादी लड़ाकों से लड़ाई जारी है।

रूस की मुख्य मांगों में नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में यूक्रेन को शामिल नहीं करना और क्षेत्र से ऐसे हथियारों को हटाना भी शामिल है, जिससे रूस को भविष्य में खतरा हो सकता है। अमेरिका और नाटो मुख्य रुप से रूस की मांगों को दृढ़ता से खारिज कर चुके हैं। लेकिन मौजूदा हालात को काबू करने के लिए अमेरिका ने उन मुद्दों को रेखांकित किया है जिन पर रूस से बातचीत हो सकती है।

फिलहाल, रूस के राष्ट्रपति पुतिन इन प्रस्तावित मुद्दों पर फैसला करेंगे और इससे यह तय होगा कि यूक्रेन पर हमला होगा या नहीं। इस बीच, क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) की तरफ से बयान आया है कि अमेरिका और नाटो की प्रतिक्रिया के बाद ''उम्मीद की बहुत कम गुंजाइश बचती है।'

दोनों देशों में जंग होने पर भारत की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा होने के बाद जिस तरह से अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो देशों ने रूस की चारों तरफ से घेराबंदी की है, उसमें भारत के लिए यह तय करना काफी मुश्किल होगा कि वह इस विवाद में रूस के साथ खड़ा हो या यूक्रेन के साथ। अब भारत को हर हाल में बीच का रास्ता अपनाना पड़ेगा और इस बात की कोशिश करनी चाहिए की किसी तरह युद्ध का खतरा टल जाए। क्योंकि भारत न तो यूक्रेन के साथ खड़े होने वाले अमेरिका और यूरोप को छोड़ सकता है और ना ही रूस का साथ छोड़ सकता है।

निश्चित रूप से चीन की कूटनीति शर्तों वाली चाल भारत से ज्यादा रूस के लिए समस्या बन सकती है, लेकिन जो देश भारत और रूस के संबंधों को नजदीक से जानते हैं वो इस बात को अच्छे से जानते हैं कि रूस भारत का पुराना मित्र है और रूस कभी भी भारत के लिए सैन्य आपूर्ति नहीं रोकेगा। लेकिन फिलहाल जो हालात दिख रहे हैं उसमें रूस और चीन के बीच जो नजदीकियां नजर आ रही हैं,उस पर भारत की पैनी नजर बनी हुई है।

अभी भी कूटनीति दृष्टि से बन सकती है बात

अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन का कहना है कि अभी भी कूटनीति के जरिए बात बन सकती है क्योंकि अभी युद्ध बहुत जरूरी नहीं है। ऑस्टिन ने कहा, "ऐसा कोई कारण नहीं है कि इस स्थिति को संघर्ष में बदलना पड़े। वह डी-एस्केलेट करना चुन सकते हैं। वह अपने सैनिकों को यूक्रेन की सीमा से दूर हटाने का आदेश दे सकते हैं।"

अमेरिका ने सैनिकों को तैनाती के लिए तैयार रहने को कहा

विऑन(WION) भारतीय अंग्रेजी समाचार चैनल है, जिसकी रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने नेता और आम जनता से आग्रह किया है कि वे लोग अपनी (यूक्रेन) सीमा पर रूसी सैनिकों की तैनाती से घबराएं नहीं। राष्ट्रपति बिडेन ने कहा कि नाटो द्वारा सूचना मिलने पर अमेरिका के द्वारा भी अपने 8,500 सैनिकों को तैनात करने के लिए तैयार रहने की घोषणा की है। लेकिन, अमेरिकी संयुक्त प्रमुखों के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने भविष्य के परिणामों की चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यूक्रेन पर संघर्ष से भारी संख्‍या में लोग मारे जाएंगे जो बहुत भयानक होगा।

यूक्रेन देश के पीछे मजबूती से खड़ा है अमेरिका

रूस और यूक्रेन के बीच तनाव का माहौल साल 2014 से ही देखा जा रहा है। इसी साल रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद उसके क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था। जहां रूसी सेना का मुकाबला करने के लिए यूक्रेनी सैनिक के पास अच्छे हथियारों की कमी थी, इसलिए यूक्रेन को पीछे हटना पड़ा था। इन्हीं हथियारों की कमी को पूरा करने के लिए नाटो देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं और हाल में ही अमेरिका ने भी कई जंगी जहाज, एंटी टैंक मिसाइल, एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल, आर्मर्ड व्हीकल, टैंक और तोप के गोले जैसे हथियारों को यूक्रेन भेजा है। इन सब के अलावा अमेरिकी सेना की एक टुकड़ी यूक्रेनी सेना और गोरिल्ला लड़ाकों को रूस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए ट्रेनिंग भी दे रही है।

रूस या यूक्रेन किसके पास कितनी है सैन्य ताकत

ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के अनुसार दोनों देशों की सैन्य ताकतों का जायजा लेकर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। जिसके आंकड़े निम्न हैं -

सैन्य ताकत              यूक्रेन                   रूस

कुल सैनिक            1,10,000           29 लाख

एक्टिव सैनिक             2 लाख            9 लाख

रिजर्व सैनिक            9 लाख               20 लाख

लड़ाकू विमान                 98              1,511

हमलावर हेलीकॉप्टर        34               544

टैंक                             2,596            12,240

आर्मर्ड व्हीकल            12,303            30,122

तोप                           2,040              7,571