जानिए क्या है क्रिप्टो टोकन और क्रिप्टो करेंसी में अंतर , क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करती है ?
विश्व भर में सबसे ज्यादा क्रिप्टो में निवेश करने वाले भारतीय हैं। भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास क्रिप्टोकरंसी है। क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले ज्यादातर लोग युवा ही हैं।
क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन ब्लॉकचेन प्रणाली के माध्यम से किया जाता है। डिजिटल करेंसी इंक्रिप्टेड होती है तथा इस पूरी प्रणाली को कंप्यूटर नेटवर्क के द्वारा किया जाता है। क्रिप्टोकरंसी द्वारा सभी प्रकार के लेनदेन की जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है। यानी कि उस जानकारी को एक ब्लॉक में रखा जाता है।
क्रिप्टो करेंसी को खरीदने के दो तरीके हैं, परंतु वर्तमान में सबसे आसान तरीका इन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज के द्वारा खरीदना है। क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने का दूसरा जरिया कॉइन बेस और बिनान्से जैसे International प्लेटफार्म हैं।
क्रिप्टो के सबसे ज्यादा निवेशक भारत में
विश्व भर में सबसे ज्यादा क्रिप्टो में निवेश करने वाले भारतीय हैं। भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास क्रिप्टोकरंसी है। क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले ज्यादातर लोग युवा ही हैं। बता दें कि क्रिप्टो के निवेशकों में भारत के बाद अमेरिका का दूसरा स्थान है।
क्रिप्टोकरंसी पर भारत नियम
क्रिप्टो को लेकर भारत में अभी तक कोई नियम नहीं बनाया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि क्रिप्टोकरंसी पर आरबीआई (RBI) ने प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटा दिया था।
हाल ही के कुछ महीनों पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक बयान के दौरान क्रिप्टो पर कहा भी था कि "सभी लोकतांत्रिक देशों को इस पर मिलकर काम करना होगा। साथ ही हमें यह भी प्रयास करना होगा कि यह गलत हाथों में ना जाए। ऐसा होना हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।"