Namaz Vivad: गुरुग्राम में फिर खुले में नमाज पर बढ़ा विवाद, हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर ने दी चेतावनी
सबसे पहले सेक्टर 47 के पार्किंग एरिया में सार्वजनिक स्थानों पर खुले में नमाज का विरोध शुरू हुआ था। उसके बाद सेक्टर 12 और सेक्टर 37 में भी खुले में नवाज का विरोध होने लगा था।
भारत को विविधता में एकता रखने रखने वाला देश कहा जाता रहा है। जहां विभिन्न धर्मों के लोग आपस मे अमन और चैन से रहते हैं। पंरतु बदलते समय के साथ परिस्थितियां भी बदली हुई दिखाईं देने लगी हैं। जिसका सबूत आए दिन होने वाले हिंदू - मुस्लिम विवादों में दिखाईं देता है। लंबे समय से दोनों धर्मों के लोगों द्वारा एक दूसरे पर समाज में अराजकता फैलाने के आरोप लगाने का चलन चला आ रहा है। इसी चलन में खुले में नमाज पढ़ने का विरोध आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। विरोध का यह मामला गुरुग्राम में सामने आया है। जहां करीब तीन महीनों से खुले में नमाज का विरोध किया जा रहा है। यहां तक कि हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर ने अपना बयान देते हुए कहा है कि " खुले में नमाज सहन नहीं की जाएगी।“
तीन महीने से लगातार चला आ रहा है विवाद
गुरुग्राम के साइबर सिटी में खुले में नमाज़ का मामला आज से ही नहीं बल्कि 3 माह पूर्व से गरमाया हुआ है। सबसे पहले सेक्टर 47 के पार्किंग एरिया में सार्वजनिक स्थानों पर खुले में नमाज का विरोध शुरू हुआ था। उसके बाद सेक्टर 12 और सेक्टर 37 में भी खुले में नवाज का विरोध होने लगा था। इस मामले को बढ़ता देख सयुंक्त हिन्दू संघर्ष समिति और आल इंडिया इमाम समुदाय के लोगों ने एक बैठक कर फैसला लिया कि 12 मस्जिदों के अलावा 6 अतिरिक्त जगहों पर लोग नमाज पढ़ सकते हैं। इसके बावजूद मुस्लिम पक्ष के लोग इन जगहों के अलावा खुले मैदानों व पार्कों में नमाज पढ़ने लगे। जिस का विरोध हिंदू संगठन व स्थानीय लोग कर रहे हैं। बता दें कि इस विवाद को रोकने के लिए वहां पुलिस भी तैनात की गई । बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा भी नमाजियों से वहां से जाने की अपील की गई थी।
स्थानीय लोगों ने लगाए गंभीर आरोप
खुले में नमाज होने से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि जो लोग यहां आकर सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा कर रहे हैं, वह हमारे कॉलोनी या शहर के नहीं हैं। लोगों की पुलिस से मांग है कि इन लोगों की आईडी की जांच होनी चाहिए। जिससे यह पता चल सके कि कहीं यह रोहिंग्या व बांग्लादेशी मुसलमान तो नहीं हैं। हिंदू संगठनों ने भी यह आरोप लगाते हुए कहा है कि जिन अस्थाई स्थानों व सार्वजनिक जगहों पर नमाज की जाती है, उन स्थानों पर बाद में धर्म विशेष के लोग धीरे-धीरे कब्जा कर लेते हैं। जिस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस को लिखित शिकायत दी गई है। जिसके बाद पुलिस ने जांच करने का आदेश भी दिया है।
हिंदू युवक और गुरुद्वारे ने दिखाई मानवता
अक्षय राव कि दुकानों के ज्यादातर किरायेदार मुस्लिम वर्ग के है और उन्हें शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए काफी परेशानियां होती थी। जिसे देखकर उन्होंने अपनी एक खाली दुकान में नमाज पढ़ने की इजाजत दे दी लेकिन जगह कम होने से वहां केवल 15 से 20 लोग ही नमाज पढ़ सकते हैं। वहीं दूसरी और गुरुद्वारे के कमिटी मेम्बर हैरी सिंधु ने कहा कि गुरुद्वारे के दरवाजे सभी धर्मों के लिए खुले हैं। अगर किसी मुस्लिम भाई को नमाज पढ़ने में जगह की दिक्कत है, तो यहां आकर नमाज पढ़ सकता है।