सरकारी योजनाओं के केंद्र में महिलाएं

यह लेख भारत में केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही महिलाओं से संबंधित योजनाओं के बारे में हैं ।

March 11, 2021 - 17:47
January 2, 2022 - 06:27
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सरकारी योजनाओं के केंद्र में महिलाएं
महिलाएं किसी भी समाज का स्तम्भ हैं। आज के आधुनिक युग में जब महिलाएं जीवन के हर एक क्षेत्र में आगे आ रही हैं, तब भी महिलाओं को कई क्षेत्रों में विकास की आवश्यकता है । महिलाएं समाज में कई भूमिकाएं निभाती है जिनमें बेटी, पत्नी, माता जैसी संवेदनशील भूमिकाएं शामिल है और नेतृत्व कर्ता के रूप में वर्तमान में निर्मला सीतारमण, किरण बेदी, हिमा दास, सुनीता प्रकाश जैसे उदाहरण भी मौजूद है । भारतीय समाज सैद्धांतिक रूप से हमेशा से महिलाओं का सम्मान करता आया है । हमारे ग्रंथों में भी नारी के महत्व को मानते हुए बताया गया है कि "यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता" अर्थात जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं । धर्म ग्रंथों में महिला को देवी स्वरूप माना गया है । लेकिन जब हम प्रायोगिक रूप से देखते हैं तो भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने और महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता है ।
महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देना बहुत जरूरी है । इसके लिए सरकारों की योजनाओं का मुख्य केंद्र महिलाएं होनी चाहिए । आमतौर पर जब महिलाएं सरकार से अपने लिए किसी अधिकार या सुविधा की मांग करती हैं तब भी वह कहीं ना कहीं अपने परिवार के लिए सहूलियत मांग रही होती है । यही हालत सरकारी योजनाओं की भी है । सरकार जब महिलाओं को किसी योजना का लाभ देती है तो वह योजना पूरे परिवार के मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी होती है । अर्थात समझा जा सकता है कि भारतीय समाज की मूलभूत सुविधाओं और विकास के लिए महिलाओं का विकास अति आवश्यक है ।
आंकडों के नजरिए से देखा जाए तो हमारे देश में पुरुष साक्षरता 81.3 प्रतिशत है जबकि महिलाओं की साक्षरता मात्र 60.6 प्रतिशत ही है । रोजगार के नजरिए से सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में लगभग 30% महिलाएं कार्यरत है ।वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 90 फ़ीसदी महिलाएं कृषि और उससे जुड़े दैनिक मजदूरी करती हैं । लेकिन कई ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जिनमें महिलाओं को उनके श्रम का पूर्ण भुगतान नहीं किया जाता । हालांकि पिछले कुछ दशकों में स्थिति में सुधार आया है । वर्तमान की सरकार की अधिकतर योजनाओं के केंद्र में महिलाएं रही है । कई योजनाएं तो केवल महिलाओं के लिए है । वर्तमान सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई कदम उठाए हैं । जिसका लाभ बड़े लाभ पैमाने पर देश की महिलाओं को मिल रहा है । सरकार का उद्देश्य महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है ।
वर्तमान सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रमुख योजनाएं -
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना -
महिलाओं के लिए यह केंद्र सरकार की सबसे सफलतम योजनाओं में से एक है । 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से इस योजना की शुरुआत की गई । इस योजना के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं को रसोई गैस उपलब्ध कराई जाती है । देश में अब तक 8.3 करोड़ परिवार इस योजना का लाभ उठा चुके हैं । इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उज्जवला योजना से 1 करोड़ और परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है । इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को भोजन पकाते समय लकड़ी और कोयले के धुंए से मुक्त कराना जिससे वह सांस संबंधी बीमारियों से बच सकें । इस योजना का लाभ बीपीएल परिवार उठा सकते हैं ।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान -
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत में की थी । यह योजना सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है इस योजना का प्रमुख उद्देश्य बालिका लिंगानुपात को गिरने से रोकना, स्कूल कॉलेजों में लड़कियों का नामांकन बढ़ाना है । इस योजना के तहत देशव्यापी टोल फ्री नंबर 181 कॉल करके महिलाएं अपने ऊपर हो रहे किसी भी प्रकार की हिंसा की शिकायत कर सकती हैं । शिकायत करने पर उन्हें पुलिस, कानूनी और चिकित्सकीय सुविधाएं दी जाती जाती है । यह योजना समाज में महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने के चलाई जा रही है ।

सुकन्या समृद्धि योजना -
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ ही सुकन्या समृद्धि योजना का भी शुभारंभ हुआ था । इस योजना के अंतर्गत 10 साल या उससे कम उम्र की लड़कियों के बैंक अकाउंट में माता-पिता द्वारा जमा की गई राशि पर सरकार ब्याज देती है । लड़की की उम्र 21 साल होने पर खाता बंद हो जाएगा और जमा रकम ब्याज सहित वापस कर दी  जायेगी ।
महिला शक्ति केंद्र योजना -
इस योजना की शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से 2017 में की गई इस योजना के  तहत देश के 640 जिलों में जिला स्तरीय महिला केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य है । इन्हीं महिला केंद्रों का मुख्य उद्देश्य  ब्लॉक व गांव स्तर पर महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए जागरूक करना है। इन केंद्रों की स्थापना के लिए 115 सर्वाधिक पिछड़े जिलों पर ध्यान दिया जा रहा है ।
फ्री सिलाई मशीन योजना -
महिला केवल ग्रहणी नहीं उद्यमी बने । इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस योजना को शुरूआत की है । इस योजना का लाभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं उठा सकती हैं । केंद्र सरकार की ओर से हर राज्य में 50,000 से अधिक महिलाओं को निशुल्क सिलाई मशीन प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है । 
यह सारी योजनाएं केवल महिलाओं के लिए थी । साथ ही सरकार ने कई ऐसी योजनाएं भी लागू की है जिनका अप्रत्यक्ष रूप से महिलाओं को काफी लाभ मिला है।


जन धन योजना -
महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा के लिए उनका बैंक खाता होना अति आवश्यक है । आजादी के 70 सालों के बाद भी देश की अधिकतर नागरिकों के पास उनका अपना बैंक खाता नहीं था । बैंक में खातों के मामले में महिलाओं की स्थिति और बदतर   थी । जनधन योजना लागू होने से महिलाओं ने अपने अकाउंट खुलवाएं और महीने भर में उस खाते में कुछ ना कुछ जमा करके अपनी बचत करती है ।

प्रधानमंत्री ग्रमीण शौचालय योजना -
इस योजना का अप्रत्यक्ष रूप से सबसे अधिक लाभ महिलाओं को मिला है । हमारे देश में वर्षों से कई ऐसे मामले सामने आते रहे हैं, जिनमें महिलाएं शौच जाते समय बलात्कार या छेड़छाड़ का शिकार बनी है । हर घर शौचालय बनने से ऐसे मामलों में काफी कमी आ रही है ।
इन्ही सारी योजनाओं के चलते विगत वर्षों में हुए चुनावों में महिलाओं का वोट एक अदृश्य ताकत के रूप में केंद्र में काबिज भारतीय जनता पार्टी के साथ रहा है जिसका अंदाजा कई बड़े-बड़े चुनाव विश्लेषक भी नहीं लगा सके । बिहार चुनाव में तो कई ऐसे वीडियो भी वायरल हुए जिसमे रिपोर्टर के पूछने पर घर का पुरुष किसी ओर पार्टी को वोट देने की बात कहता है और महिला मोदी को वोट देने की बात करती है । जब पूछा जाता है कि आपको मोदी को क्यों वोट देंगी तो जबाब में आप में इन्हीं सारी योजनाओं से होने वाले लाभ का जिक्र पाएंगे ।
सरकार की इतनी सारी योजनाओं के साथ - साथ समाज को भी अपनी जिम्मेदारी भी समझनी होगी । किसी भी अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार साधन मुहैया करा सकती है लेकिन उस अभियान की सफलता समाज की भागीदारी पर निर्भर रहती है । समाज को यह संकल्प लेना होगा कि बेटे और बेटियों में कोई भेदभाव नहीं होगा तभी यह देश विकास के रास्ते पर दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ेगा ।