नेशनल ग्रैंड पेरेंट्स डे 2021: जानें क्या है इस दिन को मनाए जाने के पीछे की वजह
इस वर्ष 12 सितम्बर को मनाया जा रहा 'ग्रैंड पेरेंट्स डे'। यह दिवस मजदूर दिवस के बाद सितम्बर के पहले रविवार को मनाया जाता है।
जब जिंदगी में तजूर्बा साथ होता है तो जिंदगी कुछ आसान हो जाती है।
उक्त पंक्तियां हमारी जिंदगी में अनुभव के भंडार हमारे दादा-दादी, नाना-नानी के लिए कमोबेश सटीक बैठती हैं। प्रति वर्ष मजदूर दिवस के बाद सितम्बर के पहले रविवार को ग्रैंड पेरेंट्स डे के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह 12 सितम्बर को मनाया जाएगा। हमारे दादा-दादी, नाना-नानी यदि एक तजुर्बे के रूप में साथ हो तो जीवन का सबसे पहला पड़ाव 'बचपन' कुछ संवर जाता है। बेशक माता-पिता का जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है लेकिन बच्चों के लिए उनके दादा-दादी, नाना-नानी वह दोस्त होते हैं जो उन्हें सतसंगति देते हैं।
आज-कल का जीवन व्यस्तता से भरा हुआ है। दुनिया हर वक्त इस व्यस्तता में मशग़ूल रहती है। कुछ माता-पिता जो नौकरीपेशे वाले होते हैं, उनके लिए अपने बच्चों को पालना उस समय आसान हो जाता है जब बच्चों के ग्रैंड पेरेंट्स उनके लिए मौजूद हों।
ग्रैंड पेरेंट्स डे की पहल:
हर दिवस को मनाने के पीछे उसके अतीत की गहराइयों में अपनी एक कहानी होती है इसी प्रकार यह दिवस भी अपनी कहानी से अछूता नहीं है। मैरियन मैकक्वाडे नामक महिला को इस दिवस के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने इस दिवस को मान्यता दिलवाने के लिए लगभग 8 वर्ष का संघर्ष किया। सन् 1970 से इस अभियान की शुरूआत की गई जिसे 1978 में संयुक्त राज्य अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने अपने हस्ताक्षर कर मान्यता दी। इस दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य यह था कि ग्रैंड चिल्ड्रन अपने ग्रैंड पेरेंट्स के साथ समय व्यतीत कर पाएँ ताकि जेनरेशन गेप को कम किया जा सके। यह दिवस दादा-दादी, नाना-नानी और ग्रैंड चिल्ड्रन के मध्य आत्मीयता को भी बढ़ावा देता है।
मैरियन मैकक्वेड से पूर्व भी एक नौ वर्षीय लड़की जिसका नाम रसेल कैपर था, ने सन् 1969 में इसी दिवस को मान्यता दिलवाने के लिए उस वक्त के संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति निक्सन को एक पत्र भेजा। 12 जून 1969 में राष्ट्रपति के निजी सचिव रोज़ मैरी वुड्स से उसे जवाबी पत्र प्राप्त हुआ जिसमें उसकी सोच की सराहना की गई थी और साथ ही कहा गया था कि राष्ट्रपति इस प्रकार की घोषणाएँ तभी करते हैं जब उन्हें कोई प्रस्ताव कांग्रेस द्वारा अधिकृत हो।
यह बात जानने योग्य है कि ग्रैंड पेरेंट्स डे का अपना एक फूल और गीत है। यह दोनों ही नेशनल ग्रैंड पेरेंट्स डे काउंसिल द्वारा चुने गए हैं। फूल का नाम फॉरगेट-मी-नॉट और जॉनी प्रिल का गीत ए सोंग फॉर ग्रांड माँ और ग्रांड पा है।
ग्रैंड पेरेंट्स का महत्व:
हमेशा कहा जाता है कि परिवार पर बुजुर्गों का साया होना जरूरी होता है। यह बात यूँ ही नहीं कही जाती है। बुजुर्ग, परिवार में आए दुःखों के लिए औषधि का काम करते हैं। आज का समय व्यस्तता से भरा हुआ है। इस व्यस्तता के चलते कुछ माता-पिता अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं। ऐसे परिवारों में ग्रैंड पेरेंट्स का महत्व और भी बढ़ जाता है। बच्चों के लिए माता-पिता के बाद सबसे आत्मीय जन उनके दादा-दादी, नाना-नानी हो सकते हैं। वह बच्चों के जीवन को अनुशासित, अच्छे संस्कार आदि से परिपूर्ण कर देते हैं। अपने किस्से-कहानियों के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं से वाकिफ़ करवाते हैं। उनका यह अनुभव और सीख बच्चों के जीवन में तब प्रासंगिक हो जाते हैं जब वह जीवन की परीक्षा के भंवर में घिर जाते हैं।
यह ग्रैंड पेरेंट्स डे दादा-दादी, नाना-नानी की महत्वता को बताने के लिए तथा उनके ग्रेैंड चिल्ड्रन को उनके अमूल्य प्रेम से परिचित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।