ऑस्कर्स 22 : भारत में बनी डॉक्यूमेंट्री “राइटिंग विद फायर” फीचर फिल्म कैटेगरी में शॉर्टलिस्ट
डॉक्यूमेंट्री बेसिकली बिहार,मप्र,झारखंड की दलित महिलाओं के जीवन पर आधारित है ,तमाम दिक्कतों का समाना करते हुए भी देश के दलितो के जीवन पर आधारित अखबार खबर लहरिया के उदय की कहानी बयां करती है।
“खबरें कहां गयीं? कोई खबर दिख ही नहीं रही है। जो हमारी कवरेज होगी वो अन्य मीडिया से बहुत अलग होगी। हर कोई को जानना चाहिए कि हां हम पत्रकार हैं। एक महिला पत्रकार और किस तरह की पत्रकारिता हमने की है। मेरा दिल हौसला देता है मेरे लिए।” यह डायलॉग है ऑस्कर के नॉमिनेशन के लिए चुनी गई फिल्म का।
बता दें कि मशहूर अकादमी अवॉर्ड (ऑस्कर्स) के लिए रिंटू थॉमस और सुष्मित घोष द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री “राइटिंग विद फायर” का फीचर फिल्म कैटेगरी में चयन हुआ है। बता दें कि 138 फिल्में मूल रूप से इस श्रेणी में पात्र थीं जिनमें से 15 का चयन किया गया। इस उपलब्धि पर फिल्म के निदेशक रिंटू थॉमस ने टीम और देश का शुक्रिया अदा किया तथा उन्होंने ट्विटर पर घोषणा का एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया ।
दलित महिलाओं के द्वारा संचालित “खबर लहरिया” की कहानी है राइटिंग विद फायर
डॉक्यूमेंट्री बेसिकली बिहार,मप्र,झारखंड की दलित महिलाओं के जीवन पर आधारित है ,तमाम दिक्कतों का समाना करते हुए भी देश के दलितो के जीवन पर आधारित अखबार खबर लहरिया के उदय की कहानी बयां करती है। इसके अलावा भारत की आधिकारिक फीचर फिल्म “फ्लेब्स” इस दौड़ से बाहर हो गई ।
“सरदार उधम सिंह” के इस लिस्ट से बाहर होने से हुई किरकिरी
हाल ही में रिलीज हुई उधम सिंह को लेकर काफी चर्चा थी और उम्मीद भी लगाई जा रही थी कि यह ऑस्कर में भारत को रिप्रेजेंट करेगी,लेकिन बोर्ड द्वारा रोक लगा दिए जाने पर इसकी काफी आलोचना हुई थी।
हालांकि “राइटिंग विद फायर” के सिलेक्शन से फिर से उम्मीद बढ़ गई है कि इस बार भारत ऑस्कर में अच्छा प्रदर्शन करेगा। फिलहाल अगले स्तर की घोषणा का इंतजार है। अंतिम चयनित नामांकनों की घोषणा आठ फरवरी को की जाएगी, जबकि पुरस्कार समारोह 27 मार्च को आयोजित किया जाएगा।