Startup: कई सालों बाद भारत में दिखा यूनिकॉर्न, स्टार्टअप में तेजी से बढ़ेगी भारत की इकोनॉमी
भारत के अंदर तेजी से आगे बढ़ते 32 ऐसे स्टार्टअप है, जिनका बाजार पूंजीकरण 50 अरब डॉलर से भी ऊपर पहुंच चुका है। ये स्टार्टअप यूनिफार्न बनने का आधा सफर पार कर चुके हैं और जल्द ही इन कंपनियों के यूनिकॉर्न बनने के आंकड़े को छू लेने की उम्मीद की जा रही है।
भारत मे व्यापार को आखिरी विकल्प के रूप में देखा जाता है, कि अब नौकरी नहीं मिलेगी तो कम से कम कोई दुकान खोलकर रोजी रोटी कमाई जा सके। यह सोचना हम सब की सबसे बड़ी भूल है क्योंकि दुनिया में सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी भारत में ही है। हुरून ने भारत को इकोसिस्टम के हिसाब से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बताया है। भारत के अंदर युवा स्टार्टअप को जरिया बनाकर अपनी कंपनियां खोल रहे हैं और बिजनेस कर रहे हैं। जिनका सालाना टर्नओवर करोड़ों में जाता है और हजारों युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। इस कदम को उठाने में स्टार्टअप इंडिया को एक अहम कारक के रूप में देखा जा रहा है।
आखिर क्या है स्टार्टअप इंडिया ?
"स्टार्टअप इंडिया" पहल का प्रमुख उद्देश्य देश में नए विचारों और स्टार्टअप कम्पनीयों को बढ़ावा देना और देश में मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण करना था। इस पहल की घोषणा 2015 में लाल किले से की गई थी जो देश के आर्थिक विकास को बढ़ाने और नौजवानों को बड़े पैमाने पर रोजगार देने का अवसर देगा। इसके बाद 16 जनवरी 2016 को भारत के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्टार्टअप इंडिया को मजबूत करने के लिए कुछ प्रमुख योजनाओं का शुभारंभ किया। जिसमें "सरलीकरण और हैंडहोल्डिंग", "वित्तपोषण सहायता और प्रोत्साहन" और "उद्योग अकादमी भागीदारी और ऊष्मायन" जैसे अन्य 19 प्रमुख मुद्दे शामिल थे।
यूनिकॉर्न बनेंगी जल्द 32 स्टार्टअप कम्पनियां
जिस स्टार्टअप कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1 अरब डॉलर से अधिक होता है उसे यूनिकॉर्न कहते है। भारत के अंदर तेजी से आगे बढ़ते 32 ऐसे स्टार्टअप है, जिनका बाजार पूंजीकरण 50 अरब डॉलर से भी ऊपर पहुंच चुका है। ये स्टार्टअप यूनिफार्न बनने का आधा सफर पार कर चुके हैं और जल्द ही इन कंपनियों के यूनिकॉर्न बनने के आंकड़े को छू लेने की उम्मीद की जा रही है। वहीं 54 ऐसी भी स्टार्टअप कम्पनियां है जिनका बाजार पूंजीकरण 20 अरब डॉलर के आस पास है, जो अगले चार-पांच सालों में यूनिकॉर्न बन सकते हैं।
अपने स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कैसे बनाएं
Urban Company के फाउंडर एवं सीईओ अभिराज बहल ने अपने एक इंटरव्यू में कहां था कि , 'आपको स्टार्टअप के जरिए ऐसी कंपनी बनानी होगी जो कस्टमर्स, सप्लायर्स के लिए वैल्यू तैयार कर सके। इसके बाद वैल्यूएशन अपने आप आएगा। आने वाले कुछ वर्षों में भारत 5 से 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी होगा और इसमें से 2-3 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी न्यू इकोनॉमी का होगा।'
यूनिकॉर्न देने वाले भारत के शहर
हुरून इंडिया ने अपनी रिपोर्ट लिस्ट में भारत की तमाम स्टार्टअप कंपनियों को जगह दी है। जिसमें से 31 स्टार्टअप कम्पनियां तो अकेले बेंगलुरु में हैं। वहीं 18 स्टार्टअप के साथ दिल्ली-एनसीआर इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है। जबकि 13 स्टार्टअप के साथ मुंबई तीसरे नंबर पर है। हुरून इंडिया के निदेशक अनस रहमान जुनैद के अनुसार साल 2025 तक भारत में यूनिकॉर्न की संख्या 150 से भी अधिक हो सकती है।
इंग्लैंड, जर्मनी से आगे निकले भारतीय स्टार्टअप
भारत के अंदर तेजी से स्टार्टअप यूनिकॉर्न की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अगर हम अपने देश की यूनिकॉर्न कंपनियों की तुलना इंग्लैंड और जर्मनी की कम्पनियों से तुलना करते हैं तो उनसे हम आगे हैं लेकिन अमेरिका और चीन से बहुत पीछे हैं। यूनिकॉर्न की लिस्ट में पहले नंबर पर अमेरिका है जहां 396 यूनिकॉर्न कंपनियां है। यह भी एक अहम कारण है जिसकी वज़ह से वहां की इकोनॉमी काफी अच्छी है। वहीं दूसरे नंबर पर चीन है जिसमें 277 यूनिकॉर्न कंपनियां हैं। जबकि इंग्लैंड में केवल 32 यूनिकॉर्न तथा जर्मनी में केवल 18 यूनिकॉर्न कम्पनियां हैं, जो भारत की तुलना में बहुत कम हैं।
रोजगार में होगी बढ़ोत्तरी
हिंदुस्तान समाचार पत्र के अनुसार यूनिकॉर्न स्टार्टअप के जरिए देश में लगभग 14 लाख लोगों को सालाना रोजगार मिलता है। विशेषज्ञों और जानकारों का मानना है कि जिस तेजी से यूनिकॉर्न की संख्या देश में निरंतर बढ़ रही है। उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा और स्टार्टअप के जरिए हर क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेंगे।
देश के अंदर किस साल कितने यूनिकॉर्न बने
नीचे दिए हुए आंकड़ों से आप समझ सकते हैं कि हमारे देश में बीते समय में कितने स्टार्टअप से यूनिकॉर्न बने हैं।
• साल 2011 में 1
• साल 2012 में 1
• साल 2013 में 1
• साल 2014 में 1
• साल 2015 में 4
• साल 2016 में 2
• साल 2017 में 0
• साल 2018 में 8
• साल 2019 में 9
• साल 2020 में 10
• साल 2021 में 28