Pariksha Pe Charcha 2022: जानिए परीक्षा पर चर्चा 5.0 में कौनसी खास बातें कही प्रधानमंत्री ने
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां प्रधानमंत्री ने कहा– “मेरा सबसे प्रिय कार्यक्रम है परीक्षा पर चर्चा”। चलिए जानते हैं इस चर्चा की खास बातें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के 5वें संस्करण का आयोजन तालकटोरा स्टेडियम में किया गया। आयोजन की शुरुआत सुबह 11 बजे हुई जिसमें कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12वीं तक के छात्र मौजूद थे। आयोजन की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा “यह मेरा प्रिय कार्यक्रम है , लेकिन कोरोना महामारी के कारण मैं आप सभी साथियों से नहीं मिल सका। मेरे लिए आज का कार्यक्रम विशेष खुशी का है, क्योंकि एक लंबे अरसे के बाद आप सभी से बातचीत करने का अवसर मिला है।”
धर्मेंद्र प्रधान ने की चर्चा की शुरुआत
परीक्षा पर चर्चा 5.0 कि शुरुआत में भारत के शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्टेज पर जाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। साथ ही धर्मेंद्र प्रधान ने कोरोना महामारी के बाद स्कूल खुलने को बड़ी उपलब्धि बताया।
छात्रों के तनाव को दूर करने का उपाय
चर्चा के दौरान छात्रों ने प्रधानमंत्री मोदी से परीक्षा से जुड़े तनाव को दूर करने का उपाय पूछा। इस प्रश्न का जवाब देते हुए पीएम ने कहा– “मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का एक हिस्सा है। हमारी विकास यात्रा के ये छोटे–छोटे पड़ाव हैं। इस पड़ाव से हम पहले भी गुजर चुके हैं। पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं। जब ये विश्वाश पैदा हो जाता है तो आने वाली परीक्षा के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता है।”
सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेम की आदत से कैसे बचें
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेमिंग के आदतों से जुड़े प्रश्नों पर कहा कि इन आदतों को छोड़ने के भी उपाय मौजूद हैं। मोदी ने कहा– “मोबाइल या कंप्यूटर के अंदर घुसने में जितना मजा है उस से कई गुना ज्यादा मजा खुद के अंदर घुसने में है। छात्र ऑनलाइन रहने के बदले कुछ देर इनरलाइन भी रहें। अपने मोबाइल की गतिवधि को मॉनिटर करने एवं एकाग्र होकर पढ़ाई करने से इन आदतों से बचा जा सकता है।”
खिलने के लिए खेलना जरूरी है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा बिना खेले कोई भी खिल नहीं सकता, खिलने के लिए खेलना जरूरी है। खेलने से हम प्रतिद्वंदियों की चुनौतियों का सामना करना सीखते हैं। किताब पढ़ कर जो चीज सीखी जाती है उसे हम खेल के मैदान में और भी आसानी से सिख सकते हैं। इसी विषय पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले खेल और शिक्षा अलग–अलग थें परंतु नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव किया जा रहा है और खेल भी पढ़ाई का ही हिस्सा माना जायेगा।
परीक्षा को लिख दें चिट्ठी:
पीएम ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी लोग एक दिन परीक्षा को ही चिट्ठी लिख दीजिए और लिखकर बताइए “हे डियर एग्जाम, मेरी तैयारी पूरी है। हिम्मत है तो मेरी परीक्षा लो। अरे तुम क्या मेरी परीक्षा लोगे, मैं तुम्हारी परीक्षा लूंगा।”
चर्चा करते हुए पीएम को याद आया फिल्म का एक किस्सा
प्रधानमंत्री ने छात्रों के आम सवाल जैसे– पढ़ाई सुबह करें या शाम को? खेलने से पहले पढ़ना है या खेलने के बाद? खाली पेट पढ़ना सही होगा या खाने के बाद? पर जवाब देते हुए कहा कि मुझे एक फिल्म का किस्सा याद आ रहा है। किस्सा सुनाते हुए पीएम कहते हैं “एक गरीब व्यक्ति जो कि रेलवे स्टेशन के नजदीक रहा करता था उसे एक दिन बंगले में रहने का अवसर प्राप्त हुआ। वह व्यक्ति बंगले में चैन की नींद सो नहीं पाता था तो वह रेलवे स्टेशन जाकर रेलगाड़ी की आवाज को रिकॉर्ड कर लाया और उसे सोते वक्त सुनता था जिससे उस व्यक्ति को अच्छी नींद आ जाती थी।” इस कहानी का आशय यह है कि जिस प्रकार वह व्यक्ति रेलगाड़ी की आवाज सुन कर सोने में आरामदायक महसूस करता है ठीक उसी प्रकार छात्रों को पढ़ते वक्त भी कंफर्टेबल रहना अति आवश्यक है।
मोदी ने आत्मविश्वाश को किया सबल:
कार्यक्रम में सभी प्रश्नों का खुलकर उत्तर देने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम के 5 अनाउंसर छात्रों को स्टेज पर बुलाया और उन सभी को बधाई दी। जाते–जाते मोदी ने कहा कि किसी भी छात्र में आत्मविश्वास की कमी नहीं देखी, सभी में पूर्ण रूप से आत्मविश्वास है।