एनबीटी के दो पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, यूपी में राशन घोटाले का किया था खुलासा
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के पत्रकार विश्व गौरव और आशीष सुमित वर्मा के खिलाफ, मार्केटिंग इंस्पेक्टर शशि सिंह की शिकायत पर लखनऊ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के पत्रकार विश्व गौरव और आशीष सुमित वर्मा के खिलाफ, मार्केटिंग इंस्पेक्टर शशि सिंह की शिकायत पर लखनऊ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। बता दें कि बीते रविवार को एनबीटी की ऑनलाइन टीम द्वारा किए गए स्टिंग के बाद यह खबर आई थी कि लखनऊ के तालकटोरा थाना क्षेत्र स्थित बावली चौकी इलाके में मौजूद सरकारी राशन गोदाम आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है जबकि मार्केटिंग इंस्पेक्टर शशि सिंह अनुपस्थित हैं।
जाने दोनो पक्ष:
एफआईआर में एनबीटी के पत्रकारों के अलावा रजनीश मिश्रा नामक व्यक्ति का भी नाम शामिल है। शिकायत में कहा गया है कि पत्रकारों ने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई थी और साथ ही मारपीट भी की थी। जबकि पत्रकार आशीष सुमित ने ट्वीट कर कहा है, “सच दिखाने की कोशिशों पर 'पहरा', लखनऊ के डरे अधिकारियों ने दर्ज कराई NBT पत्रकारों पर FIR, लापरवाह अब भी कुर्सी पर जमे।” वहीं पत्रकार विश्व गौरव ने लिखा, “आप कराइए FIR, हम इन धमकियों से नहीं डरते, क्योंकि हमारी जवाबदेही जनता के प्रति है, कुर्सी के अहंकार में चूर लोगों के प्रति नहीं। हम लिखेंगे, बोलेंगे और लगातार अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे।”
परिप्रेक्ष्य:
एनबीटी ऑनलाइन की टीम अपराह्न ने 'स्टिंग अनाज' नाम से एक स्टिंग किया था। बीते रविवार को टीम करीब 3 बजे सरकारी राशन गोदाम में पहुंची और वहां मार्केटिंग इस्पेक्टर शशि सिंह को अनुपस्थित पाया। उनकी जगह पर एक युवक बैठकर कोटेदारों को धड़ल्ले से राशन बांट रहा था। अमरेंद्र उर्फ मोनू से जब पूछा गया कि तुम यहां किस पद पर हो तो वह बता नहीं पाया। कोटेदारों को यह धमकी भी दे रहा था कि 'पावर से मुझे सख्त नफरत है। हमारी आपकी बात हो जाए तो मैं पूरा गोदाम लुटा दूंगा, पूछने नहीं जाऊंगा।' कुल 103 मिनट के इस स्टिंग में मार्केटिंग इंस्पेक्टर बेनक़ाब हो गयी। मार्केटिंग इंस्पेक्टर घर पर बैठे आराम करती है और आउटसोर्स्ड कर्मचारी खुद को अधिकारी बताते हैं। एनबीटी की वेबसाइट पर रविवार को प्रकाशित खबर के अनुसार इस तरह से गरीबों को मिल रहे राशन वितरण में धांधली की जा रही थी।
पहले भी पत्रकारों के खिलाफ लगाए गए हैं आरोप:
उत्तर प्रदेश में, बीते दिनों में पत्रकारों के खिलाफ ऐसे ही कई आरोप लगाए जा चुके हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पत्रकार राणा अयूब पर 7 सितंबर को धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में हिंदू आईटी सेल के सहसंस्थापक विकास सांकृत्यायन ने एफआईआर दर्ज की थी। आरोप था कि उन्होंने केटो वेबसाइड के जरिए आम जनता से कोविड 19 के नाम पर अवैध रूप से धन का गबन किया था।
इसके पहले जुलाई में वायरल हुए वीडियो में देखा गया था की उन्नाव में सीडीओ दिव्यांषु पटेल, ब्लाॅक प्रमुख के चुनाव में धांधली कवर कर रहे लोकल पत्रकार, कृष्णा तिवारी को जमकर पीटा जा रहा था।