साल 2040 तक समुद्र में 70 टन तक पहुंच सकता है प्लास्टिक कचरा

प्लास्टिक के कचरे की वजह से समुद्रों, नदियों और महासागरों का पानी काफी दूषित होता जा रहा है, जिसके कारण जलीय जीवों और मछलियों की बड़ी संख्या में मौत हो रही है।

January 19, 2022 - 20:17
January 20, 2022 - 15:11
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साल 2040 तक समुद्र में 70 टन तक पहुंच सकता है प्लास्टिक कचरा
समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक से जलीय जीवों को नुकसान: gettyimages

एनवायरमेंटल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के द्वारा जारी की गई नई रिपोर्टकनेक्टिंग द डॉटस  प्लास्टिक पॉल्यूशन एंड द प्लैनेटरी इमरजेंसीमें सामने आया है कि पृथ्वी पर बढ़ता प्लास्टिक जीवो के लिए बड़ा खतरा है।

बढ़ते प्लास्टिक से जलीय जीवों को नुकसान -

एनवायरमेंटल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक विश्व भर के महासागरों में मौजूदा मछलियों का वजन लगभग 70 करोड़ टन है। वहीं इस रिपोर्ट के अनुसार महासागरों में पहुंच चुके प्लास्टिक कचरे की मात्रा 2025 में तकरीबन 25 करोड़ टन होगी। जो 2040 तक बढ़कर 70 करोड़ टन पहुंचने की संभावना है।

क्या है प्लास्टिक कचरे की वजह?

प्लास्टिक की क्रांति शुरू होने से पहले लगभग अधिकतर पीने वाली चीजें कांच की बोतलों में मिलती थी। परंतु आज प्लास्टिक का चलन अत्यधिक बढ़ गया है। बता दें कि प्लास्टिक की बोतल कांच की तुलना में सस्ता पड़ता है।

आमतौर पर देखा जाता है कि लोग समुद्रों पर घूमने जाते हैं और पानी की बोतल सहित तमाम खाने-पीने की प्लास्टिक वाली पन्नीयां फेंक देते हैं। जो कि नदियों के साथ-साथ समुंद्रो में जाकर जलीय जीवों को काफी नुकसान पहुंचाता है।

प्लास्टिक से पर्यावरण और जलीय जीवों को कितना नुकसान होता है ?

प्लास्टिक पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है। प्लास्टिक के कचरे से पूरा विश्व परेशान है। समुंद्र हो या महासागर, सभी जगह तेजी से प्लास्टिक का कचरा बढ़ता जा रहा है।

प्लास्टिक के कचरे की वजह से समुद्रों, नदियों और महासागरों का पानी काफी दूषित होता जा रहा है, जिसके कारण जलीय जीवों और मछलियों की बड़ी संख्या में मौत हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार प्लास्टिक को नष्ट होने में 500 से 1000 साल तक लग जाते हैं। जो कि एक लंबी प्रक्रिया है।

प्लास्टिक कचरें को रोकने के लिए उठाए गए कदम?

(1)भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने कुछ ही महीने पहले एक अधिसूचना जारी करके कहा था कि 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के आयात, उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा।

(2) भारत के दो राज्यों दिल्ली और महाराष्ट्र ने साल 2018 में प्लास्टिक पर पाबंदी लगा दी थी। परन्तु यह पाबंदी हर तरह के प्लास्टिक पर नहीं थी। बल्कि यह पाबंदी उस प्लास्टिक पर ही थी जो पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुंचता है।

(3) Unsustainable development goals में समुद्री प्रदूषणों में कमी लाने और प्लास्टिक कचरे को रोकने की बात कही गई थी।

बता दें कि साल 2018 में पर्यावरण दिवस की थीम प्लास्टिक प्रदूषण पर रखी गई थी।

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