खराब खानपान या जीवनशैली से ही नहीं बल्कि, वायु प्रदूषण के कारण भी फैटी लिवर

स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर के 2019 में छपे आंकड़ों की ओर देखे तो पता चलेगा की अकेले भारत में हर साल लगभग 12.4 लाख लोग वायु प्रदूषण की भेंट चढ़ जाते हैं।

January 19, 2022 - 20:08
January 20, 2022 - 12:37
 0
खराब खानपान या जीवनशैली से ही नहीं बल्कि, वायु प्रदूषण के कारण भी फैटी लिवर
वायु प्रदूषण का लिवर पर प्रभाव: gettyimages

एक रिसर्च के मुताबिक सिर्फ खराब खानपान या जीवनशैली से ही नहीं बल्कि, वायु प्रदूषण के कारण भी फैटी लिवर नामक बीमारी होने का खतरा रहता हैं।

लिवर, हमारे शरीर के प्रमुख अंगों में से एक अंग है, जो कि हमारे शरीर में अहम भूमिका निभाता है। जर्नल ऑफ पेटोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च में सामने आया है कि खराब जीवनशैली या खराब खानपान से ही नहीं बल्कि वायु प्रदूषण के कारण भी फैटी लिवर हो सकता है।

कहां हुआ यह शोध और किस आधार पर ?

यह शोध मूल रूप से चीन में हुआ है। इस शोध में शोधकर्ताओं ने 2018 से 2019 के बीच चीन के तकरीबन 90,000 से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य पर रिसर्च किया। यह शोध लोगों की जीवन शैली, आदतों और स्वास्थ्य के आधार पर किया गया।

इस शोध में पता चला है कि प्रदूषित वातावरण में रहने के कारण फैटी लिवर की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही जो लोग शराब का सेवन और धूम्रपान करते हैं उनको भी फैटी लीवर नामक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।

क्या होता है फैटी लिवर और क्यों-

लिवर हमारे शरीर के प्रमुख अंगों में से एक अंग है। जो कि हमारे शरीर में भोजन पचाने का काम करता है। साथ ही लिवर शरीर को संक्रमण से लड़ने और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में अहम भूमिका निभाता है।

जब लिवर की कोशिकाओं में अत्यधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है तो उसे फैटी लिवर कहा जाता है। आमतौर पर माना जाता है कि फैटी लिवर खराब खानपान या शराब के सेवन से होता है। 

दो तरह के होते हैं फैटी लिवर

1. एल्कोहलिक फैटी लिवर:  एल्कोहलिक फैटी लीवर शराब के अधिक सेवन के कारण होता है। शराब के सेवन से लीवर पर फैट जमा होने लगता है, जिस कारण व्यक्ति इस बीमारी से ग्रस्त हो जाता है।

2 नॉन एल्कोहलिक - नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर खराब खानपान या अनुचित जीवनशैली के कारण होते हैं।

बता दें कि जर्नल ऑफ पेटोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण भी फैटी लिवर होने की संभावना बढ़ जाती है।

विश्व की 90% प्रतिशत आबादी खराब हवा में सांस लेने को मजबूर 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया की 90% आबादी दूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। साथ ही दुनिया की आधी आबादी  घर के अंदर होने वाले वायु प्रदूषण की चपेट में हैं।

 स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर के 2019 में छपे आंकड़ों की ओर देखे तो पता चलेगा की अकेले भारत में हर साल लगभग 12.4 लाख लोग वायु प्रदूषण की भेंट चढ़ जाते हैं।

क्या है फैटी लिवर का इलाज ?

वर्तमान में फैटी लिवर के इलाज की कोई भी दवाई मार्केट में उपलब्ध नहीं है। परंतु इसको व्यायाम और आहार परिवर्तन से नियंत्रित किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि फैटी लिवर से ग्रसित लोगों को वजन घटाने की कोशिश करनी चाहिए।

The LokDoot News Desk The lokdoot.com News Desk covers the latest news stories from India. The desk works to bring the latest Hindi news & Latest English News related to national politics, Environment, Society and Good News.