वैक्सीन की दोनों डोज लेना बचा सकता है डेल्टा वेरीअन्ट से
शोध में पाया गया है कि जो लोग कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके हैं, वो डेल्टा वेरिएंट से कुछ हद तक ज्यादा सुरक्षित है।
युरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने शोध में पाया की जो लोग कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके हैं वो डेल्टा वेरिएंट से कुछ हद तक ज्यादा सुरक्षित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में पहली बार देखे गए संस्करण से यूरोप को खतरा बताया था। ऐसे में दो डोज ले चुके लोगों के लिए ये अच्छी खबर है।
ईएमए के टीके रणनीति के प्रमुख, मार्को कैवेलरी ने कहा की हम डेल्टा के तेजी से फैलने के कारण होने वाली चिंताओं से अवगत थे ,अभी ये देखने को मिला है की यूरोपीय संघ में लगने वाले चार टीके डेल्टा वेरिएंट से हमें बचा रहें हैं । जो चार टीके फिलहाल यूरोपीय संघ में उपयोग के लिए स्वीकृत है वें हैं - एस्ट्राजेनेका, फाइजर / बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन और मॉडर्न।
क्यूँ है डेल्टा वेरिएंट खतरनाक -
दर्सल डेल्टा वेरीअन्ट ज्यादा तेजी से फेल रहा है ,यह अब तक 96 देशों में फेल चुका है ,वहीं पहले मेडिकल संस्थाओं ने ये भी कहा था की डेल्टा वेरीअन्ट के खिलाफ कोविड वैक्सीन ज्यादा असरदार नहीं होगी ।
डब्ल्यूएचओ की यूरोप को चेतावनी -
डब्ल्यूएचओ के यूरोप मामलों के प्रमुख हंस क्लूगे ने कहा कि यूरोप में कोरोना के नए मामलों में दस हफ्ते से जारी गिरावट का दौर खत्म होने वाला है। अगर लोग अनुशासित नहीं रहे तो एक और लहर को टाला नहीं जा सकता है।