Turkiye: तुर्की ने क्यों बदला अपना नाम? संयुक्त राष्ट्र ने दी नाम बदलने के फैसले को मंजूरी
Turkiye: संयुक्त राष्ट्र ने तुर्की के नाम बदलने के फैसले को मंजूरी दे दी है। अब तुर्की को नए नाम तुर्कीये से जाना जाएगा।
बुधवार को संयुक्त राष्ट्र ने तुर्की के नाम बदलने के फैसले को मंजूरी दे दी है। अब तुर्की को नए नाम तुर्कीये से जाना जाएगा। पिछले साल दिसंबर में ही तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन ने ‘रीब्रांडिंग कैंपेन' चलाया था जिसमें देश का नाम बदलने की बात उन्होंने कही थी।
1923 से तुर्किये कह रहे हैं लोग
राष्ट्रपति का मानना है कि तुर्कीये तुर्की के लोगों की संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व और अभिव्यक्ति है। आपको बता दें कि तुर्की को साल 1923 में आजादी मिली थी। वहीं, गुलामी भावना से मुक्त होने के लिए तुर्की के अधिकांश लोग 1923 से ही तुर्की को तुर्किये कह रहे हैं।
पक्षी के कारण भी होता है कन्फ्यूजन
तुर्की को अंग्रेजी में टर्की कहा जाता है लेकिन टर्की एक पक्षी का नाम है जिसे पश्चिमी देशों में खाया जाता है। तुर्की को इस कारण हीन भावना का सामना करना पड़ता था और कई बार कन्फ्यूजन भी होती थी, वहीं गूगल पर तुर्की सर्च करने पर पक्षी ही आता है।
टर्की (Turkey) का अर्थ बेवकूफ़ या पराजित
तुर्की के सरकारी चैनल टीआरटी वर्ल्ड ने राष्ट्रपति एर्दोआन के रिब्रांडिंग कैंपेन के दौरान ही अपने देश के नाम को तुर्कीये कहना शुरू कर दिया था। उन्होंने नाम बदलने के पीछे का कारण ये दिया था कि कैम्ब्रिज़ डिक्शनरी में टर्की (अंग्रेजी में) का अर्थ बेवकूफ़ या पराजित होता है।
ब्राण्ड बनाना चाहते हैं राष्ट्रपति
लंबे समय से तुर्की अपना नाम बदलना चाहता था। अब सभी आर्थिक गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय बातचीत और पत्राचार में तुर्कीये नाम का उपयोग होगा। साथ ही सभी निर्यात की जाने वाली चीज़ों पर मेड इन तुर्कीये लिखा जा रहा है, यह ‘हैलो तुर्कीये' पर्यटन कैंपेन के समान होगा जिसे वर्ष की शुरुआत में लॉन्च किया गया था।
लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया
इस निर्णय पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। कई लोगों ने इसे राष्ट्रपति चुनाव से पहले आर्थिक संकट से ध्यान भटकाने का काम बताया, वहीं सरकारी अधिकारियों ने इस फैसले का समर्थन किया है।
अपने देश का नाम बदलने की यह परंपरा नई नहीं है
2020 में नीदरलैंड ने भी री ब्रांडिंग के तहत हॉलैंड नाम को छोड़ दिया था। इससे पहले ग्रीस के साथ राजनीतिक विवाद के बाद मैसेडोनिया ने अपना नाम बदलकर उत्तरी मेसेडोनिया कर लिया था। पहले थाईलैंड को सियाम कहा जाता था और जिंबाब्वे को रोडेशिया।