MSP:क्या है एमएसपी कानून जिसके लिए अड़े हुए हैं किसान? क्या अन्य देशों में भी दी जाती है एमएसपी ?
MSP एक पॉलिसी के अंतर्गत आता है, इसलिए किसानों को डर है कि भविष्य में एमएसपी खत्म ना हो। परंतु जिस एमएसपी की मांग किसान कर रहे हैं, क्या किसी और देश में भी है उस एमएसपी का प्रावधान ?
पिछले दिनों तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद किसान संगठनों ने सरकार के सामने छ: सूत्रीय मांग रखी थी जिसमें से एक MSP को लेकर गारंटी कानून बनाना सुर्खियों में बना हुआ है , किसान यह चाहते हैं कि MSP के दायरे में आने वाली फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी मिले । बता दें कि अब तक एक पॉलिसी अंतर्गत सरकार उचित समर्थन मूल्य पर किसानों से प्रतिवर्ष फ़सल खरीदती है, अब तक ऐसा कोई कानून नहीं बना है । किसानों को डर है कि सरकार भविष्य में उनसे उचित मूल्य पर फसल खरीदना बंद ना कर दे इसलिए किसान चाहते हैं कि MSP को लेकर एक कानून बने ।
क्या है MSP कानून ?
इसके अंतर्गत केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है। वहीं जब कभी फसलों की कीमत बाजार के हिसाब से गिर जाती है तब भी सरकार इस एमएसपी पर ही किसानों से फसल खरीदती है ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके। MSP को CACP यानि commission for agricultural costs and price तैयार करती है। जिसके आधार पर सरकार एमएसपी लागू करती है। MSP के अंतर्गत फसल बुवाई से पहले ही सरकार इसे तय करती है यह करीब 26 फसलों पर लागू है । 60 के दशक में सरकार ने अन्य की कमी से बचने के लिए सबसे पहले गेहूं पर एमएसपी देना शुरू किया था ।
कैसे तैयार किया जाता है MSP ?
शारीरिक श्रम , पशु श्रम , मशीनी लेबर खर्च , जमीन का राजस्व , जमीन का किराया , स्थाई पूंजी पर ब्याज , अन्य कीमतें इन सब चीजों को जोड़कर CACP द्वारा MSP तय किया जाता है।
MSP तैयार करने में आने वाली समस्याएं
• लागत में विविधता ।
• मिट्टी की गुणवत्ता में विविधता
• पानी की सुविधा में विविधता
• जलवायु में विविधता
• श्रम करने में विविधता
किसानों के लिए लाभदायक है MSP
बाजार में किसी फसल के ज्यादा उत्पादन से फसल की कीमत गिरने की स्थिति में किसान APMC यानि Agricultural produce Market committee (एक प्रकार की सरकारी मंडी) चले जाते हैं और वहां एमएसपी के तहत अपनी फसलों को बेच पाते हैं। MSP होने से किसानों को अपनी फसलों को बिचौलियों के हाथों कम दामों में नहीं बेचना पड़ता।
क्यों एमएसपी कानून बनाने लिए अड़े हुए किसान ?
• बता दें अभी MSP एक पॉलिसी के अंतर्गत आता है, इसलिए किसानों को डर है कि भविष्य में एमएसपी खत्म ना हो। हालांकि सरकार इसे स्पष्ट करती आई है कि यह खत्म नहीं होगा फिर भी किसान इस पर एक गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं।
• किसानों को डर है कि सरकारी मंडियां (APMC ) खत्म हो जाएंगी।
• सरकारी राशन की दुकान बंद हो जाएंगी।
• कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में मुश्किल।
सरकार MSP गारंटी कानून बनाने के लिए तैयार क्यों नही ?
• भारत सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अगर सरकार एमएसपी पर गारंटी कानून बनाती है तो उसे WTO ( World Trade Organization) के अंतर्गत किए गए व्यापार समझौते अर्थात एग्रीमेंट के खिलाफ जाना होगा । (WTO की स्थापना मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने के लिए हुई थी अगर MSP गारंटी कानून आता है तो सरकार पर दबाव पड़ेगा जो मुक्त व्यापार के खिलाफ माना जाएगा। )
• वहीं दूसरी समस्या इस सवाल का जवाब न मिलना है कि फसलों की गुणवत्ता के मानक कैसे तय होंगे।
• तीसरी समस्या सरकार का फसल की कीमत का आधार तय करने से बचने का प्रयास करना है।
• वहीं चौथी समस्या कंपनियों का MSP पर फसल खरीद को तैयार नहीं होना है।
एमएसपी को लेकर अन्य देशों में क्या है प्रावधान ?
भारत के अलावा पूरे विश्व में MSP जैसा कोई कानून नहीं है।
• यूरोपियन संघ के 27 देशों में किसानों को इको फ्रेंडली खेती के लिए सब्सिडी दी जाती है।
• अमेरिका में सरकार किसानों की फसलों का बीमा कराती है और इसका 80 से 90 फीसद खर्चा भी सरकार उठाती है। अगर कभी ऐसी स्थिति बन जाए जिससे फसलों की कीमतें नीचे गिरने लगे तो वहां की सरकारी एजेंसियां किसानों से तय कीमत पर फसल खरीदती हैं हालांकि ऐसा बहुत कम होता है।
• चीन में खेती से संबंधित उपकरणों पर सब्सिडी मिलती है लेकिन MSP जैसा कानून नहीं है।