भारत में क्‍यों बढ़ रहे हैं ‘हार्ट अटैक’ के मामले, जानिए हार्ट अटैक से बचने के उपाय

वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में बीमारियों की वजह से होने वाली मौतों में सबसे बड़ा हिस्सा कार्डियोवास्कुलर डिसीजेज अर्थात हृदयवाहिका रोग का होता है। बता दें कि हार्ट अटैक ( Heart Attack) से हर साल दुनिया भर में करीब 2 करोड़ लोग मरते हैं।

January 31, 2022 - 17:33
January 31, 2022 - 20:25
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भारत में क्‍यों बढ़ रहे हैं ‘हार्ट अटैक’ के मामले, जानिए हार्ट अटैक से बचने के उपाय
भारत में बढ़ते ‘हार्ट अटैक’ के मामले- फ़ोटो: gettyimages

भारत में जिस रफ्तार से हार्ट अटैक (Heart Attack) से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। उससे बुजुर्गो के अलावा युवा पीढ़ी भी काफी चिंतित हैं। हार्ट अटैक और हृदय से जुड़ी बीमारियों को लेकर तमाम संस्थाओं और एजेंसियों में नए-नए शोध हो रहे हैं। कोरोना वायरस के आने के बाद दुनिया भर के लोग अपनी सेहत पर ध्यान देने लगे हैं।

हार्ट अटैक की बात करें तो इनकी चपेट में अच्छे खासे व्यक्ति भी आ जाते हैं, जो देखने में स्वस्थ्य नजर आते हैं। हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला और साउथ के सुपरस्टार पुनीत राजकुमार की हार्ट अटैक से हुई मौत ने सभी को चौंका दिया है। इससे साबित होता है कि यह बीमारी कैसे युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है। NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के अंदर हार्ट अटैक से हुई मौतों की संख्या लोगों को डरा रही है, जो भारत के लिए काफी चिंताजनक विषय है।

NCRB के अनुसार हार्ट अटैक के मामलों में 53% हुआ इजाफा

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2014 में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या 18,309 थी, तो वहीं साल 2019 में ये आंकड़ा बढ़कर 28,005 हो गया। इन पांच सालों में हार्ट अटैक से जुड़ी बीमारियों और मौतों में 53% का इजाफा देखा गया है, जो भारत के लिए काफी चिंताजनक विषय है। दिल से जुड़ी बीमारियां अब हर उम्र के लोगों में बढ़ती जा रही हैं।‌ भारत में अब हर चार बीमारी से होने वाली मौतों में एक मौत हार्ट अटैक से होती है। लेंसेट की रिपोर्ट बताती है कि अब शहरी लोगों से ज्यादा गांवों के लोगों को यह बीमारी ज्यादा शिकार बनाने लगी है। एनसीआरबी की रिपोर्ट कहती है कि दिल से संबंधित बिमारियां अब हर 14-18, 18-30, 30-34 आयु के लोगों में पनप रही हैं। वर्तमान में सबसे ज्यादा खतरा 45-60 उम्र के लोगों को है।

दुनिया भर में होने वाली 32 प्रतिशत मौतें हार्ट अटैक के कारण

वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में बीमारियों की वजह से होने वाली मौतों में सबसे बड़ा हिस्सा कार्डियोवास्कुलर डिसीजेज अर्थात हृदयवाहिका रोग का होता है। बता दें कि इससे हर साल दुनिया भर के करीब 2 करोड़ लोग मरते हैं। हृदयवाहिका रोग यानी ह्रदय में रोगग्रस्त वाहिकाएं, संरचनात्मक समस्याएं, और रक्त का थक्का जमने जैसी बीमारियां शामिल होती हैं। इस बिमारी से ग्रस्त 10 मौतों में से 8 मौतें हार्ट अटैक या स्ट्रोक के कारण होती हैं।

हाल ही में हार्ट अटैक से हुई हैं इन हस्तियों की मौत

भारत में हर साल न जाने कितने ही लोग हार्ट अटैक से मरते हैं। वहीं हाल ही में हार्ट अटैक से कुछ नौजवानों की मौत की ख़बरें भी सामने आई हैं, जिनमें सिद्धार्थ शुक्ला, पुनीत राजकुमार और पंखुड़ी श्रीवास्तव जैसी तमाम हस्तियां शामिल हैं।

- बॉलीवुड एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई थी। केवल 40 साल की उम्र में सिद्धार्थ की मौत की खबर ने हर किसी को हिला दिया था। लोगों के लिए ताज्जुब का विषय यह था कि इतना फिट दिखने वाले इंसान को अचानक हार्ट अटैक कैसे आ सकता है?

- साउथ के सुपरस्टार कहें जाने वाले पुनीत राजकुमार का निधन भी हार्ट अटैक से हुआ था, जो 46 साल के थे। इनके मौत की खबर सामने आते ही साउथ इंडस्ट्री में शोक का माहौल फ़ैल गया था।

- महिला सदस्यों पर फोकस करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'पंखुड़ी' और "रेंटल स्टार्टअप ग्रैबहाउस कंपनी" की फाउंडर पंखुड़ी श्रीवास्तव का निधन भी 32 साल की उम्र में हार्ट अटैक से हुआ था। पंखुड़ी श्रीवास्तव की मौत की खबर मिलते ही स्टार्टअप इकोसिस्टम में चारों तरफ शोक का माहौल बन गया था।

हृदय से जुड़ी बीमारियों के कारण और बचने के उपाय

WHO ने हार्ट अटैक होने की वजह शारीरिक व्यायाम की कमी, तंबाखू और शराब के हानिकारक सेवन तथा खाने में ज्यादा मसालों और तेल के इस्तेमाल को बताया है। हार्ट अटैक की समस्या से निजात पाने के लिए हमें निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए-

  1. खानपान में मोटे अनाज और कम मीठे फलों का सेवन

गेहूं की साधारण रोटी खाने की बजाए बाजरा और ज्वार का आटा मिलाकर बनाईं गई रोटी खाएं। ज्यादा मीठे फल (आम, केला, चीकू) कम खाएं, इनके बदले पपीता, कीवी, संतरे जैसे कम मीठे फल खाने की आदत डालें। तेल में तली और मीठी चीजें जितनी कम खाएं उतना ही बेहतर है। भूख से 20% कम खाना खाएं और हर 15 दिन में अपना वजन चेक करते रहें।

  1. प्रतिदिन 45 मिनट व्यायाम और टहलना जरूरी

दिल की बीमारी होने की एक वजह मोटापा भी है। जितना आपका वजन बढ़ेगा उतना ही हृदय रोगों का खतरा ज्यादा होगा। खुद को फिट रखने के लिए सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें, इसके अलावा तेजी से टहलना भी जरूरी है। अगर एक या दो किलोमीटर जाना है तो पैदल जाने की कोशिश करें।

  1. जल्दी सोने और जल्दी उठने का प्रयास करें

रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सोने का सही समय माना जाता है। सुबह उठते ही व्यायाम या टहला करें, जीतना हो सके तनाव लेने से बचें क्योंकि तनाव सीधा असर हमारे दिमाग और दिल पर होता है।

      4.धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन बिलकुल ना करें

धूम्रपान करने से परहेज करना चाहिए। लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को बहुत कमजोर बना देता है। जिससे धमनियों में वसा के जमा होने की संभावना बढ़ जाती है। इसी तरह अल्कोहल से भी दूरी बना लेते हैं तो हमारा हार्ट हेल्दी रहेगा।

      5.सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचना भी जरूरी

डॉ. सुशांत पाटिल के अनुसार, सोशल मीडिया और वॉट्सऐप पर आए मैसेज में कई तरह के दावे किए जाते हैं जो आपकी सेहत को प्रभावित कर सकते हैं। हार्ट को लेकर भी कई अफवाहें वायरल होती रहती हैं, जैसे- दिन की शुरुआत 4 गिलास पानी पीने से हृदय रोगों का खतरा नहीं होता। ऐसे मैसेजेस से बचना चाहिए और कोई भी जानकारी लेने के लिए सिर्फ डॉक्टर पर ही भरोसा करें, वरना सोशल मीडिया की अफवाहों में आकर आप खुद की हालत को सुधारने की बजाय और बिगाड़ सकते हैं।