पुरुषों की ड्रग्स की आदत का शिकार हो रही पत्नियां, एम्स के डॉक्टरों द्वारा किए गए अध्ययन में हुआ खुलासा
अध्ययन के अनुसार इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले 55.8 पुरुषों की पत्नियां गर्भपात व गर्भ में बच्चे की मौत का दर्द झेलती हैं। एम्स का यह अध्ययन नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर द्वारा किया गया था। इस अध्ययन को मेडिकल जर्नल (इंडियन जर्नल आफ पब्लिक हेल्थ) में प्रकाशित किया गया था।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा एक अध्ययन में पुरुषों को लेकर एक बात का खुलासा हुआ है। जिसमें कहा गया कि पुरुषों की गलत आदतों का खामियाजा कई बार उनकी पत्नियों को भुगतना पड़ता है। अध्ययन के दौरान डॉक्टरों ने कहा कि इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले पुरुषों के नशे की लत उनकी पत्नियों की जान पर भारी पड़ रही है। वे यौन रोग, एचआइवी, टीबी, एनीमिया, अवसाद, घबराहट इत्यादि शारीरिक और मानसिक बीमारियों से पीड़ित हो रही हैं।
पुरुषों में नशे की लत महिलाओं में गर्भपात का कारण
अध्ययन के अनुसार इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले 55.8 पुरुषों की पत्नियां गर्भपात व गर्भ में बच्चे की मौत का दर्द झेलती हैं। एम्स का यह अध्ययन नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर द्वारा किया गया था। इस अध्ययन को मेडिकल जर्नल (इंडियन जर्नल आफ पब्लिक हेल्थ) में प्रकाशित किया गया था। डाक्टरों द्वारा यह अध्ययन दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 के बीच दिल्ली की 433 महिलाओं पर किया है। इन सभी महिलाओं के पति इंजेक्शन से ड्रग्स लेते थे।
ड्रग्स लेने वाले पुरुषों की पत्नियों में आकस्मिक बीमारियों को लेकर किया गया था अध्ययन
एम्स के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर के अतिरिक्त प्रोफेसर डा. रविंद्र राव ने कहा कि इस अध्ययन के माध्यम से यह जानने की कोशिश की गई कि इंजेक्शन से नशीली दवाएं लेने वाले 55.8 % पुरुषों की पत्नियों को किस तरह की शारीरिक व मानसिक परेशानी होती है? अध्ययन में पाया गया है कि यौन रोग, एचआइवी, टीबी इत्यादि बीमारियां अधिक होती है।
परिवार की समाज से बढ़ी दूरी
अध्ययन के अनुसार 59.8 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि पति के नशे की लत के कारण दूसरे लोगों व रिश्तेदारों ने उनके घर आना कम कर दिया है। अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार एक चौथाई महिलाएं कम से कम एक विशिष्ट लक्षण वाले यौन रोग से पीड़ित रह चुकी थीं, जबकि इलाज सिर्फ 9.1 प्रतिशत महिलाओं का हुआ था। ज्यादातर महिलाओं का इलाज भी नहीं हुआ। इसी तरह 11 प्रतिशत महिलाएं टीबी व 90.8 प्रतिशत महिलाएं अवसाद से पीड़ित रह चुकी थीं। इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले पुरुषों की पत्नियों की प्रजनन दर भी अधिक थी। अध्ययन में शामिल ज्यादातर महिलाओं ने औसतन चार बार गर्भधारण किया।
अशिक्षा वा प्रजनन दर बनी बच्चों की मौत का कारण
अध्ययन को लेकर डा. रविंद्र राव ने कहा कि अशिक्षा व प्रजनन दर अधिक होने से उन्हें गर्भपात व गर्भ में बच्चे की मौत की समस्या अधिक हुई। नशा करने वाले पुरुष अपनी पत्नियों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित भी करते हैं। इससे उनमें शारीरिक व मानसिक बीमारियां सामान्य लोगों से अधिक हैं। इसलिए उन्हें अधिक मदद की जरूरत है।