विश्व बैंक ने दिया सुझाव: अब स्कूलों को खोलना है बेहद जरूरी, स्कूल बंद होने से विद्यार्थियों को हो रहा है नुकसान

विश्व बैंक ने सरकारों को अपना महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा है कि अब बच्चों के लिए स्कूलों को खोलना बेहद जरूरी है, व्यापक टीकाकरण के इंतजार में बच्चों की शिक्षा का नुकसान हो रहा है।

Oct 4, 2021 - 14:31
December 10, 2021 - 10:16
 0
विश्व बैंक ने दिया सुझाव: अब स्कूलों को खोलना है बेहद जरूरी, स्कूल बंद होने से विद्यार्थियों को हो रहा है नुकसान
Image Source -World bank

विश्व बैंक ने सरकारों को अपना महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा है कि अब बच्चों के लिए स्कूलों को खोलना बेहद जरूरी है, व्यापक टीकाकरण के इंतजार में बच्चों की शिक्षा का नुकसान हो रहा है।

बच्चों के लिए स्कूलों को खोलने को लेकर एक व्यापक टीकाकरण का इंतजार कर रहे देशों को विश्व बैंक ने सुझाव दिया है कि, अब इन देशों को व्यापक टीकाकरण का इंतजार करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण साफ इंगित करता है, कि बच्चों में इस नोबल कोरोना महामारी के संक्रमण की आशंका बेहद ही कम है, इसलिए इन देशों को अब बच्चों के लिए स्कूलों को खोल देना चाहिए। स्कूलों के बंद रहने के कारण बच्चों के बौद्धिक विकास पर असर पड़ रहा है।

विश्व बैंक ने जारी किया नीतिगत नोट: 

विश्व बैंक की 1 शिक्षा टीम ने उन सभी देशों का दौरा किया, जहां स्कूलों को खोल दिया गया है। उनके अनुभव पर एक नीतिगत नोट तैयार करते हुए बाकी देशों को सुझाव देते हुए कहा है कि अगर आप इतिहास के साथ स्कूलों को खोलते हैं तो छात्रों, कर्मचारियों व समाज में संक्रमण फैलने का खतरा बेहद कम है। क्योंकि अब इस महामारी के बारे में हमारे पास व्यापक जानकारी तथा उपचार मौजूद है ऐसे में विद्यालयों को बंद करना आखरी उपायों में शामिल होना चाहिए।

स्कूलों को खोलने के लिए टीकाकरण का इंतजार ठीक नहीं: 

स्कूलों को बंद रखना महामारी के खतरे को तो घटाता है, किंतु बच्चों की पढ़ाई उनके मानसिक दबाव तथा बच्चों के समग्र विकास पर इसका बेहद ही बुरा असर पड़ता है। अब तक के सर्वेक्षण के अनुसार यही पाया गया है कि स्कूलों को बंद रखना ज्यादा नुकसानदेह है।

सरकारों की सोच:

विश्व बैंक के अनुसार जिस देश की सरकार और समाज स्कुलों को दोबारा खोलने के खतरे से डरते हैं, कि इससे महामारी फिर से व्यापक तरीके से फैलेगी सिर्फ वही स्कूल बंद है। जबकि स्कूलों को फिर से शुरू करने के साक्ष्य इससे अलग हैं। ऐसे देशों को स्कूलों को बंद रखने के नुकसानों का अवलोकन करना चाहिए, क्योंकि इस बात के साक्ष्य मौजूद हैं कि स्कूलों को बंद रखना स्कूल खोलने के जोखिम से कहीं ज्यादा नुकसानदेह है।

बता दें कि पिछले साल नोबेल कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर के 188 से अधिक देशों में विद्यालयों को बंद कर दिया गया, जिस कारण औसतन 1.6 अरब बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित रहे। उस समय स्कूलों को बंद रखने का निर्णय सही था, क्योंकि तब दुनिया में किसी के पास भी इस महामारी की व्यापक जानकारी नहीं थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है अब हमारे पास महामारी की जानकारी तथा कुछ हद तक उपाय भी मौजूद हैं। इसलिए अब स्कूलों को बच्चों के लिए फिर से खोल देना चाहिए।

यह भी पढ़े:देश में जल्द शुरू किया जायेगा राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ मिशन

The LokDoot News Desk The lokdoot.com News Desk covers the latest news stories from India. The desk works to bring the latest Hindi news & Latest English News related to national politics, Environment, Society and Good News.