विश्व लोकतंत्र दिवस: जानिए क्या है इसका महत्व और क्यों मनाया जाता है?
“‘लोकतंत्र’’ जनता का जनता के द्वारा जनता के लिए’ एक ऐसी शासन प्रणाली जिसमें, ना कोई राजा है ना कोई रंक, यहां सभी एक समान हैं। यहां फर्क नहीं पड़ता कि आपका रंग काला है या श्वेत, आप उच्च वर्णी हो या निम्न आप चाहे किसी भी धर्म को मानो या ना मानो, लोकतांत्रिक देशों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
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“‘लोकतंत्र’’ जनता का जनता के द्वारा जनता के लिए’ एक ऐसी शासन प्रणाली जिसमें, ना कोई राजा है ना कोई रंक, यहां सभी एक समान हैं। यहां फर्क नहीं पड़ता कि आपका रंग काला है या श्वेत, आप उच्च वर्णी हो या निम्न आप चाहे किसी भी धर्म को मानो या ना मानो, लोकतांत्रिक देशों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उसके लिए आप बस एक इंसान हो जिसके हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी इस लोकतंत्र की है।
विश्व लोकतंत्र दिवस: आज दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां सरकारें लोकतांत्रिक रूपों से चलती हैं कोई प्रत्यक्ष रूप से तो कोई अप्रत्यक्ष, कहीं इलेक्ट्रोल सिस्टम है तो कहीं संसदीय राज्य प्रणाली, तो कुछ देश इसके साथ जीवित रखते हैं अपने प्राचीनतम इतिहास के रूप में रॉयल क्रॉउन को। पर यहां जनता ही सर्वोपरि मानी जाती है।
वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाने की घोषणा की गई जिसका उद्देश्य था, पूरे विश्व के लोगों को उनके अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए जागरूक करना, उन्हें उनके वोट की शक्ति तथा अहमियत बतलाना कि उनके मात्र 1 वोट से सरकारें बन सकती हैं और गिराई भी जा सकती हैं। इसके उद्देश्यों में केवल लोकतांत्रिक देशों के लोकतंत्र को और मजबूत करना तथा जिन देशों में अभी भी राजशाही कायम हैं, वहां लोगों को लोकतंत्र के प्रति जागरूक कर लोकतंत्र की स्थापना करवाना अहम है। 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की घोषणा के बाद 2008 से प्रतिवर्ष 15 सितंबर को विश्व लोकतंत्र दिवस मनाया जाता है। पहली बार अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस साल 2008 में मनाया गया। 15 सितंबर 2008 को लोकतंत्र के पहले अंतर्राष्ट्रीय दिवस को चिह्नित करने के लिए, IPU (इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन) जिनेवा में संसद के सदन में एक विशेष आयोजन किया गया था। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पूरे विश्व में लोकतंत्र को बढ़ावा देना है।
विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र: भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है क्योंकि यहां लगभग 7 करोड़ लोग एक साथ अपने मत का प्रयोग करते हुए अपने लिए सरकार के नुमाइंदों को चुनते हैं। भारत के लोकतंत्र को मजबूत करती है उसकी संसदीय राज्य प्रणाली जिसके तहत भारतीय संघ और राज्य के लिए एक ही संविधान और एक ही नागरिकता का प्रावधान है, जो भारतीय उपमहाद्वीप को लोकतांत्रिक रूप से मजबूत करता है।
विश्व का सबसे पुराना लोकतंत्र:
विश्व के सबसे प्राचीनतम लोकतांत्रिक राज्यों में अमेरिका को सबसे पहला लोकतांत्रिक राष्ट्र होने का गौरव प्राप्त है। अमेरिका ही वह देश है जहां सबसे पहले लोकतंत्र आया, वहां के लोगों को कई दशकों की गुलामी के बाद अपने अधिकारों की प्राप्ति हुई। अमेरिका के बाद ही लोकतंत्र विश्व के अन्य देशों तक पहुंचा।
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का महत्व:
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का महत्व संपूर्ण विश्व के लोगों को लोकतंत्र में भाग लेने का अवसर प्रदान करना है। सरकार से लोगों के अधिकारों का सम्मान करने का आग्रह करना है। लोकतंत्र का सतत विकास महत्वपूर्ण है जो नागरिकों और सरकार द्वारा शांतिपूर्ण भविष्य के लिए किया जाना चाहिए।
अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 2021 की थिम:
इस बार विश्व लोकतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य उन लोगों को भी जागरूक करना हैं जहां अभी तक लोकतांत्रिक सरकार नहीं है। जिन देशों में अभी भी राजतंत्र है। अर्थात राजा की सरकार है। जो जनता द्वारा नहीं चुने जाते हैं अपितु वंशानुगत होते है। ऐसे देश, सउदी अरब, ईरान, इराक तथा कुछ अन्य मध्य एशियाई देश शामिल है। जहां लोकतंत्र नहीं है। इन देशों की जनता को भी लोकतांत्रिक राष्ट्रों के लिए प्रोत्साहित करना इसका मुख्य उद्देश्य है।
आज का लोकतंत्र: आज हम लोकतंत्र को और मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं परंतु फिर भी आज लोकतंत्र में कई तरह की गड़बड़ियां हमारे सामने आ रही हैं। आज लोकतंत्र मात्र केवल सरकार चुनने का जरिया मात्र ही रह गया है। लोकतंत्र के मूल में निहित सिद्धांत आज हमें लुप्त होते नजर आ रहे हैं, जिनमें विश्व के सबसे प्राचीन लोकतंत्र में उसके एक राष्ट्रपति का चुनाव हारने के बाद भी अपनी गद्दी छोड़ने से इनकार करना तथा विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में सरकार की गलत नीतियों का विरोध करने पर उनकी आवाजों को दबाया जाना शामिल है। लोकतांत्रिक व्यव्स्था की दीर्घायु के लिए इस विश्व लोकतंत्र दिवस पर सभी के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि हम अपने देश भारत में लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए अपना पूर्ण योगदान दें तथा लोकतंत्र के मूल में निहित सिद्धांतों को मजबूती से कायम रखें।