Netflix जैसे विदेशी ओटीटी ऐप्स के कंटेन्ट पर सीमा शुल्क लगाने के पक्ष में भारत, हर साल होता है 3882 करोड़ का नुकसान
डब्ल्यूटीओ के नियम के अनुसार कोई भी देश विदेश से होने वाले इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क नहीं वसूल सकता है। डब्ल्यूटीओ के इस नियम से भारत जैसे विकासशील देशों (developing countries) को लगभग 50 करोड़ डॉलर यानी करीब 3882 करोड़ रुपए का नुकसान प्रतिवर्ष हो रहा है
नेटफ्लिक्स एमेजॉन प्राइम जैसे विदेशी ओटीटी प्लेटफार्म से लेकर किंडल पर पढ़े जाने वाली विदेशी किताब पर भारत सीमा शुल्क लगाने के पक्ष में है ।डब्ल्यूटीओ (WTO) के मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में भारत इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क में छूट के नियम को समाप्त करने की मांग करेगा।
क्या है डब्ल्यूटीओ का नियम
डब्ल्यूटीओ के नियम के अनुसार कोई भी देश विदेश से होने वाले इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क नहीं वसूल सकता है। डब्ल्यूटीओ के इस नियम से भारत जैसे विकासशील देशों (developing countries) को लगभग 50 करोड़ डॉलर यानी करीब 3882 करोड़ रुपए का नुकसान प्रतिवर्ष हो रहा है(जागरण डाटा)। वहीं विकसित देशों को इस नियम से फायदा पहुँच रहा है क्योंकि अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन विकसित देश कर रहे हैं।
भारत करेगा समाप्त करने की मांग
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक आने वाले जून के दूसरे सप्ताह में डब्ल्यूटीओ के मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में भारत इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क में छूट के नियम को समाप्त करने की मांग करेगा। इस मांग में भारत के अलावा अन्य कई विकासशील देश भी हैं।
फिजिकल रूप में विदेश से आई मूवी रील पर लगता है शुल्क
नेटफ्लिक्स जैसे विदेशी ओटीटी पर आने वाला कंटेंट या विदेश से डिजिटल तरीके से आने वाली किताब इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन की श्रेणी में है। फिजिकल रूप में विदेश से कोई किताब आती है तो उस पर सीमा शुल्क लगता है। इसके अलावा कोई मूवी रील या सीडी विदेश से आती है तो उस पर सीमा शुल्क लगता है । लेकिन इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर कोई नियम नहीं होने से विकासशील देशों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार भारत को इससे प्रतिवर्ष लगभग 50 करोड़ डॉलर का नुकसान हो रहा है।
क्या होता है सीमा शुल्क
सीमा शुल्क का मतलब वस्तुओं पर लगने वाले उन टैक्स से है जब उन्हें अंतर्राष्ट्रीय सीमा के बाहर ले जाया जाता है। आशय यह है कि सीमा शुल्क वस्तु के आयात और निर्यात पर लगता है।