UKRAINE: पढ़ाई के लिए आखिर यूक्रेन ही क्यों जाते हैं भारतीय छात्र,जानिए इसकी प्रमुख वजहें
यूक्रेन और रूस में जंग के हालातों के बीच अभी भी सैकड़ों भारतीय छात्र वहां फंस हुए हैं, जो यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए गए थे। भारतीय छात्र आखिर क्यों मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन जाते हैं, आइए जानें विस्तार से इन प्रमुख वजहों को।
रूस और यूक्रेन के बीच कुछ दिनों पहले ही युद्ध शुरू हो चुका हैं। जिसका असर दोनों देशों के नागरिकों और वहां फंसे विदेशी नागरिकों पर भारी पड़ रहा हैं। यूक्रेन में जंग के हालातों के बीच हजारों भारतीय छात्र वहां फंसे हुए हैं, जो यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए पहुंचे थे। यूक्रेन के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, यूक्रेन में लगभग 18,095 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। इनमें से ज्यादातर छात्र हरियाणा और पंजाब के हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, यूक्रेन में हर साल बड़ी संख्या में भारतीय छात्र एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई के लिए जाते हैं क्योंकि भारत के मुकाबले यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करना ज्यादा सुविधाजनक है।
यूक्रेन के विश्वविद्यालयों में 24 फीसदी भारतीय छात्र
स्टडी इंटरनेशनल के अनुसार, साल 2011 से 2020 के बीच भारत और दूसरे देशों से यूक्रेन में रह कर पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में 42 फीसदी इजाफा हुआ है। युद्ध से पहले यूक्रेन में करीब 76 हजार विदेशी छात्र मौजूद थे। जिसमें से 18 हजार तो भारतीय छात्र हैं। जो वहां पढ़ रहे कुल विदेशी छात्रों के करीब 24 फीसदी हैं। इससे पता चलता है कि यूक्रेन के एजुकेशन सिस्टम में भारतीय छात्रों का कितना अहम योगदान है। भारत से यूक्रेन जाने वाले छात्रों में सबसे ज्यादा डाक्टरी की पढ़ाई करने वाले हैं।
यहां के एमबीबीएस की डिग्री को दुनियाभर में मान्यता
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यूक्रेन से की हुई डॉक्टरी की पढ़ाई (MBBS) की मान्यता दुनियाभर में प्राप्त है। इंडियन मेडिकल काउंसिल, वर्ल्ड हेल्थ काउंसिल, यूरोप और यूके जैसी जगहों पर भी यहां की डिग्री की वैल्यू है। इसी तरह यूक्रेन से एमबीबीएस करने वाले छात्र को दुनियाभर के देशों में काम करने का अच्छा मौका मिलता है। भारतीय छात्रों के यूक्रेन से ही एमबीबीएस करने की यह एक बड़ी वजह है।
कम खर्च और आसानी से होता है एडमिशन
प्रोलॉगएब्रॉड वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक, यूक्रेन में मुख्य रूप से 18 मेडिकल विश्वविद्यालय है, जहां छः साल के एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई के लिए 20 से 25 लाख रुपये के बीच का खर्च आता है। और दूसरी महत्वपूर्ण बात यह भी है कि यूक्रेन की पढ़ाई में एडमिशन के लिए कोई प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ती। भारतीय छात्रों को केवल नीट परीक्षा देनी होती है, जिसमें छात्र बस पास हो और उसके स्कोरकार्ड से ही यूक्रेन में एडमिशन हो जाता है। जबकि भारत में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन के लिए काफी हाई मेरिट जाती है। ऐसे में जो बच्चे भारत में एडमिशन नहीं पाते, उन्हें यूक्रेन के मेडिकल विश्वविद्यालय में एडमिशन लेना पड़ता है।
जबकि भारत की बात करें तो यहां एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री की पढ़ाई करने में करीब 50 से 60 लाख रुपए तक का खर्च होता है। वहीं सरकारी कॉलेजों में 8 से 10 लाख रुपये का खर्च होता है, लेकिन एडमिशन लेना छात्रों के लिए आसान नहीं होता है। इस सब वजहों से भी यूक्रेन जाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या हर साल बढ़ रही है।
केवल नीट (NEET) क्वालिफाय करना है जरूरी
भारत में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए सभी छात्रों को नीट (NEET) की परीक्षा देनी पड़ती है और परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर ही छात्रों को सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिया जाता है। भारत के अन्दर एडमिशन के लिए नीट का स्कोर काफी हाई मेरिट तक जाती है, जबकि यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को केवल नीट क्वालिफाय करना ही जरूरी है। यहां तक कि नीट (NEET) में आपको मिले अंक मिले वो भी मायने नहीं रखते, इसलिए ज्यादातर भारतीय छात्र डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन जाते हैं।
भारत में अन्दर एमबीबीएस की सीटें कम होती है
एमबीबीएस करने वाले एक छात्र का कहना है कि, भारत में एमबीबीएस के लिए जितनी भी सीटें हैं उससे कई गुना ज्यादा छात्र नीट की परीक्षा में देते हैं और क्वालिफाय भी हो जाते हैं। एमबीबीएस की सीटों के कम होने के कारण जो छात्र यहां दाखिला नहीं ले पाते हैं उनके पास यूक्रेन का विकल्प बचता है।
यूक्रेन देश का इंफ्रास्ट्रक्चर भी एक बड़ी वजह है
यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे है एक छात्र ने बताया कि, इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में यूक्रेन काफी अच्छा है। इसलिए यहां डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए विदेशों से छात्र आतें हैं। हालांकि भारत की तरह यूक्रेन में भी बेहतर प्रैक्टिकल एक्सपोजर मिलता है। इस तरह भी यूक्रेन से एमबीबीएस करने की कई वजहें सामने आतीं हैं।