Who is Draupadi Murmu: पति और दो बेटो को खोने के बाद राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का कैसा रहा राजनीतिक सफर, आईए जानते हैं NDA राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के बारे में
Draupadi Murmu NDA President Candidate: द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी है। साथ ही वह एक आदिवासी महिला हैं। NDA ने जबसे अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया है तब से द्रौपदी मुर्मू सुर्खियों में हैं।
Draupadi Murmu Kaun Hain ?: भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी समुदाय से संबंध रखती हैं ,इनका जन्म उड़ीसा राज्य में हुआ था। हाल ही में द्रौपदी मुर्मू को बीजेपी की तरफ़ से भारत के अगले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर घोषित किया गया है, और इस कारण द्रौपदी मुर्मू को सभी लोग जानना चाहते हैं।
पति और दो बेटो का छूट चुका है साथ
बता दें कि द्रौपदी मुर्मू कि शादी चरण मुर्मू के साथ हुई थी। मुर्मू को तीन संतान प्राप्त हुई थीं, जिनमें दो पुत्र और एक पुत्री थी ,हालांकि मुर्मू का जीवन सुखमय नहीं था, क्योंकि इनके पति और दोनो पुत्रों की जीवनरेखा समाप्त हो चुकी है। मुर्मू अब अपनी बेटी के साथ रहती हैं। जिनका नाम इतिश्री है, जिनकी शादी द्रौपदी मुर्मू ने गणेश हेम्ब्रम के साथ की है।
राष्ट्रपति चुनाव में NDA प्रत्याशी हैं द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू का नाम जबसे राष्ट्रपति पद के लिए घोषित हुआ है, तब से मुर्मू हर जगह चर्चे में हैं। पहले काफी लोग द्रौपदी मुर्मू के बारे में नहीं जानते थे, लेकिन कुछ पांच दिनों से वे काफी चर्चाओं में शामिल हैं। लगातार लोग इंटरनेट पर यह सर्च कर रहे हैं कि... कौन हैं द्रौपदी मुर्मू ?( who is Draupadi Murmu?)
तो यह जान लें कि द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी है। साथ ही वह एक आदिवासी महिला हैं। NDA ने जबसे अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया है तब से द्रौपदी मुर्मू सुर्खियों में हैं। अगर इसके बाद द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनने में सफल हुई तो यह पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी, साथ ही साथ यह दूसरी ऐसी महिला होंगी, जो भारत देश के राष्ट्रपति के पद को संभालेंगी। इससे पूर्व भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल थी।
सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार से हो चुकी हैं सम्मानित
NDA की राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को 2007 में नीलकंठ पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए प्राप्त हुआ था। यह पुरस्कार इन्हें ओडिशा विधानसभा के द्वारा दिया गया था।