34 हजार करोड़ का घोटाला आया सामने, जानिए कैसे किया DHFL ने इतना बड़ा घोटाला ?
बैंक के मुताबिक DHFL ने 2010 से 2018 के बीच कंसोर्टियम (संघ) से 42871 का लोन उठाया था, लेकिन DHFL bank Fraud: मई 2019 के बाद कंपनी ने लोन पर डिफ़ॉल्ट करना शुरू कर दिया। जिसके बाद एक जाँच में उन्हें यह पता चला कि उनके द्वारा उठायी गई रकम कंपनी से हटकर व्यक्तिगत और अन्य जुड़े लाभकारों पर खर्च की गई है।
बुधवार को देश की सबसे बड़ी होम लोन कंपनीयों में शुमार दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) पर सीबीआई द्वारा यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया (UBI) की शिकायत पर चार्ज शीट दायर की गई है। यह देश की अब तक के सबसे बड़े बैंक घोटाले की ओर इशारा करती है, बताया जा रहा है कि घोटाले की रकम 34,615 करोड़ है जो कि नीरव मोदी के द्वारा किए गए बैंक घोटाले वाली रकम के दुगुने से भी ज्यादा है। इस मामले में UBI का आरोप यह है कि कंपनी ने बैंक के नेतृत्व में 17 अन्य बैंकों के समूह से 34000 करोड़ से भी अधिक की धोखाधड़ी की है।
क्या है मामला ?
बैंक के मुताबिक DHFL ने 2010 से 2018 के बीच कंसोर्टियम (संघ) से 42871 करोड़ का लोन उठाया था, लेकिन मई 2019 के बाद कंपनी ने लोन पर डिफ़ॉल्ट करना शुरू कर दिया। जिसके बाद एक जाँच में उन्हें यह पता चला कि उनके द्वारा उठायी गई रकम कंपनी से हटकर व्यक्तिगत और अन्य जुड़े लाभकारों पर खर्च की गई है। इस मामले में मुख्य आरोपियों में कंपनी के पूर्व CMD कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन व्यवसायी सुधाकर शेट्टी सहित स्काईलार्क बिल्डकॉन प्रा. लिमिटेड, दर्शन डेवलपर्स प्रा. लिमिटेड, सिगटिया कंस्ट्रक्शन बिल्डर्स प्रा. लिमिटेड, टाउनशिप डेवलपर्स प्रा. लिमिटेड आदि पर धोखाधड़ी का मुकदमा दायर किया गया है।
बिक चुकी है DHFL
दिसंबर 2021 में इस कंपनी को पीरामल ग्रुप (Piramal group) पहले ही खरीद चुकी है, बताया जा रहा है कि खराब परिस्थिति से गुजर रही इस कंपनी को पीरामल ग्रुप ने 38,050 करोड़ रुपये के भुगतान के साथ खरीदा था, साथ ही DHFL के कर्जदाताओं को 34,250 करोड़ रुपये का अलग से भी भुगतान किया था। सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि इस कंपनी के दावेदारों में अडानी ग्रुप तथा अपोलो ग्रुप भी शामिल है।