Alcohol: क्या हैं शराब की लत के लक्षण, कारण और इलाज? लगातार बढ़ रही है शराब पीने वाली महिलाओं और पुरुषों की संख्या

डब्ल्यूएचओ की 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2005 में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 2.4 लीटर थी, जो 2016 में बढ़कर 5.7 लीटर हो गई। 2010 से 2017 के बीच शराब की खपत में सालाना 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2010 में पुरुष सालाना 7.1 लीटर शराब पीते थे, जो 2016 में बढ़कर 9.4 लीटर हो गई। वहीं 2010 में महिलाएं 1.3 लीटर शराब पीती थी, जो 2016 में बढ़कर 1.7 लीटर हो गई।

December 31, 2021 - 18:31
December 31, 2021 - 18:58
 0
Alcohol: क्या हैं शराब की लत के लक्षण, कारण और इलाज? लगातार बढ़ रही है शराब पीने वाली महिलाओं और पुरुषों की संख्या
शराब- (प्रतीकात्मक फोटो-pixabay)

जौ से बने मादक ड्रिंक को बियर कहा जाता है। अंगूरों में खमीर (फूल विहीन पौधा) से बनाए गए ड्रिंक को वाइन और डिस्टिल्ड प्रोसेस से बनने वाले ड्रिंक्स को व्हिस्की या फिर भारतीय बोलचाल की भाषा में शराब कहा जाता है।लेकिन 'अल्कोहॉल' के कई दूसरे प्रकार भी हैं, जो इन ड्रिंक्स का इस तरह वर्गीकरण करने के बाद भी बचे रह जाते हैं, जैसे - सेब और नाशपाती से बनने वाली साइडर या फिर चावल से बनने वाली सेक ड्रिंक, इन ड्रिंक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दर्ज किया है। चारे से बनी बियर को भी 'अन्य' ड्रिंक्स की श्रेणी में रखा जाता है। चारा एक किस्म का अनाज है, जिसकी पैदावार गर्म मौसम में बेहतर ढंग से हो पाती है और इसी वजह से सहारा के आसपास के अफ्रीकी इलाके में इसका सेवन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ ने अपने आंकड़ों में माना है कि बियर की एक छोटी बोतल में 5%, वाइन में आमतौर पर 12% और 'स्पिरिट' में 40% तक 'अल्कोहॉल' होता है।

शराब की लत से प्रभावित व्यक्ति के लक्षण

शराब के लगातार सेवन से कुछ विशेष लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिसके आधार पर भी इसके आदी होने को पहचाना जा सकता है।

1. हमेशा शराब सेवन करने की प्रबल इच्छा या तलब।

2. असरदार (टॉलरेंस) नशे के लिए शराब की मात्रा में बढोतरी।

3. शराब छोड़ने पर शरीर में कम्पन होना, रक्तचाप अनियमित हो जाना, घबराहट, बेचैनी होना, कानों में आवाज सुनाई पड़ना, आँखो के सामने कीड़े-मकोडे़ चलते नजर आना, भयभीत होना, नींद न आना आदि। दुबारा सेवन करते ही इन लक्षणों में सुधार होना पाया जाता है।

4. लम्बे समय तक अधिक मात्रा में सेवन करना।

5. रूचिकर कार्यो से विमुख होने और अधिकतर समय शराब की तलाश में बिताना या नशे के प्रभाव में रहना।

6. शारीरिक व मानसिक दुष्प्रभावों के बावजूद सेवन बंद नही रखना या कोशिश करने के बावजूद सेवन बंद नही कर पाना।

7. सामाजिक, व्यवसायिक, पारिवारिक क्षेत्रो में हनन।

क्या है शराब की लत ?

जब लोग शराब का सेवन जारी रखते हैं तो धीरे-धीरे ऐसी आदत बन जाती है कि उसे छोड़ पाना मुश्किल हो जाता है। वह व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग बन जाता है। छोड़ने की कोशिश करने पर नाना प्रकार की शारीरिक व मानसिक परेशानियाँ होती है और व्यक्ति इसका लगातार सेवन करने के लिए बाध्य हो जाता है।

शराब के आदी व्यक्ति की पहचान

जब व्यक्ति लगातार शराब पीने लगता है तब समस्याओं की निरंतर बढ़ती हुई स्थितियाँ आती हैं तथा शारीरिक समस्याओं में विशेष रूप से पेट की बीमारियाँ, यकृत (लीवर) की बीमारी विशेषतः सिरोसिस, स्नायु तंत्र की कमजोरियाँ, कैंसर आदि। यदि आदतों का शिकंजा बहुत मजबूत हो चुका है तो आप अपने आप से चार सवाल पूछें-

1. क्या आपने शराब को कम करने या बंद करने की कोशिश की है?

2. क्या आपके शराब पीने पर किसी ने कभी कुछ कहा जिससे आप क्रोधित हो गए?

3. क्या आपको ऐसा लगता है कि शराब पीने से आप किसी दोषभाव से पीड़ित हैं?

4. क्या सुबह उठते ही आपको शराब पीनी पड़ती है ताकि आपके शरीर में स्थिरता आए?

यदि इनमें से दो सवालों के भी उत्तर हाँ में हैं तो आप शराब के आदि हो चुके हैं और आपको तुरन्त चिकित्सा व्यवस्था करवानी चाहिए वरना आपका जीवन खराब हो सकता है।

शराब से होती है शारीरिक क्षति

शराब शरीर के लगभग सभी अंगो पर अपना बुरा प्रभाव छोड़ती है अैर शरीर का शायद ही कोई अंग इसके दुष्प्रभाव से वंचित रहता है। शराब से पेट संबंधी बिमारियाँ जैसे- अपच, पेट के धाव (अल्सर), यकृत की बीमारी जैसे-सिरोसिस, लिवर का पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होना, स्नायु तंत्र की कमजोरियाँ, हृदय संबंधी रोग विशेषतः रक्तचाप, यादास्त की बीमारी, कैंसर आदि। इस तरह से हम देखते है कि शरीर तो खराब होता ही है, मस्तिस्क की कोशिकाएँ भी मरने हैं। मानसिक रोग उत्पन्न होते हैं तथा व्यक्ति में परिवर्तन आ जाता है।

व्यक्ति के जीवन पर शराब कई स्तरों पर अपना प्रभाव डालती है। जैसे-मानसिक स्तर पर उत्तेजना, चिड़चिड़ापन, उदासी, आदि। व्यवसायिक क्षेत्र में कार्य दक्षता और क्षमता में गिरावट। सामाजिक स्तर पर धीरे-धीरे समाजिक गतिविधियों से विमुख होना और दूसरो की नजर में गिरना आदि।

 एम्स की 2019 की स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 16 करोड़ लोग शराब के शौकीन हैं, यानि शराब का सेवन करते हैं। देश की 1.6% महिलाओं की तुलना में 27.3% पुरुष शराब का सेवन करते हैं। इनमें से 5.7 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें शराब की लत है जबकि 5.7 करोड़ लोग नियमित रूप से शराब पीते हैं।

भारत में कितनी है शराब की खपत

भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं। इन राज्यों में से बिहार, गुजरात, लक्षद्वीप, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड में शराब प्रतिबंधित है। बाकी बचे राज्यों के लोग हर साल करीब 600 करोड़ लीटर शराब पी जाते हैं। देश में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 2005 से 2016 तक दोगुनी हो गई है।

डब्ल्यूएचओ की 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2005 में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 2.4 लीटर थी, जो 2016 में बढ़कर 5.7 लीटर हो गई। 2010 से 2017 के बीच शराब की खपत में सालाना 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2010 में पुरुष सालाना 7.1 लीटर शराब पीते थे, जो 2016 में बढ़कर 9.4 लीटर हो गई। वहीं 2010 में महिलाएं 1.3 लीटर शराब पीती थी, जो 2016 में बढ़कर 1.7 लीटर हो गई। बता दें कि एक दिन में 7.5 यूनिट से ज्यादा शराब पीने को विश्व स्वास्थय संगठन, ओवर ड्रिंकिंग मानता है।

दुनिया के विभिन्न देशों में शराब की खपत

1. मोल्डोवा में जहां प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 17.4 लीटर प्रतिवर्ष यानि करीब 178 बोतल शराब

2. बेलारूस में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 17.1 लीटर प्रतिवर्ष यानि करीब 175 बोतल शराब

3. लिथुएनिया में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 16.2 लीटर यानि 170 बोतल शराब

4. रूस में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 14.5 लीटर प्रतिवर्ष यानि 1500 पैग वोदका

5. चेक गणराज्य में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 14.1 लीटर प्रतिवर्ष करीब 1490 पैग वोदका

6. यूक्रेन में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 13.9 लीटर प्रतिवर्ष यानि करीब 145 बोतल शराब

7. एंडोरा में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 13.8 लीटर प्रतिवर्ष

8. रोमानिया में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 12.9 लीटर प्रतिवर्ष

9. सर्बिया में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 12.6 लीटर प्रतिवर्ष

10. ऑस्ट्रेलिया में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 12.6 लीटर प्रतिवर्ष यानि फोस्टर्स बीयर की 764 बोतलें

11. भारत में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 4.6 लीटर प्रतिवर्ष

12. नेपाल में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 2.2 लीटर प्रतिवर्ष

13. पाकिस्तान में प्रतिव्यक्ति अल्कोहल खपत 100 मिलीमीटर प्रतिवर्ष

शराब छोड़ने के उपाय

सबसे पहले शराब पीने वाले खुद यह तय करे कि अब मैं शराब नही पीउँगा तो चिकित्सक इनकी मदद कर सकते है। देखा जाता है कि परिवार वाले तो उनके इलाज के लिए तैयार रहते है किन्तु व्यक्ति स्वयं इलाज नहीं कराना चाहता। ऐसी हालत में चिकित्सक का प्रयास सार्थक हो ही नहीं सकता।

मनोचिकित्सा केन्द्रों में नशा विमुक्ति केन्द्र होते है जहाँ डी-टोक्सीफिकेशन द्वारा शराब छुड़ाने तथा उसके उपरांत मोटिवेशन थैरपी, फिजियोथैरपी तथा ग्रुप थैरपी द्वारा इससे निजात पाने की कोशिश की जाती है। स्वयं व्यक्ति की प्रबल इच्छाशक्ति, परिवार के सहयोग तथा चिकित्सकों के सतत् प्रयास से सफलतापूर्वक इसका इलाज संभव है।

The LokDoot News Desk The lokdoot.com News Desk covers the latest news stories from India. The desk works to bring the latest Hindi news & Latest English News related to national politics, Environment, Society and Good News.