ओमिक्रोन ने बढ़ाई सरकारों की चिंता, कोविड प्रबंधन के लिए पर्यावरण बस सेवाएं शुरू करेगी दिल्ली सरकार
नए साल में लोगों की परेशानी को कम करने के लिए कोविड नियमों का पालन करते हुए दिल्ली सरकार प्राइवेट सीएनजी बसों को सड़कों पर उतारने की प्रक्रिया में जुट गई है। जिसकी प्रक्रिया जनवरी से शुरू कर दी जाएगी। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पर्यावरण आयुक्त को निर्देश दिए है कि पर्यावरण बस सेवा के तहत प्राइवेट सीएनजी बसों को एक बार फिर से चलाया जाए।
कोविड-19 के बदलते वेरिएंट, ओमिर्कोन संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण हाल ही में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने दिल्ली में ‘येलो अलर्ट’ जारी किया था, जिसके तहत बसों में केवल सीट क्षमता के 50 प्रतिशत यात्री ही यात्रा कर सकते हैं। यानी कि बसों की 40 से 45 सीटों पर केवल 20 से 22 लोग ही सफर कर सकेंगे। जिसके कारण आवागमन में परेशानी होने पर कुछ लोगों ने दिल्ली के एमबी रोड पर हिसात्मक प्रदर्शन तथा पत्थरबाजी की घटनाओं को अंजाम दिया। इन्हीं परेशानियों का समाधान करने और लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए दिल्ली सरकार पुनः पर्यावरण व सेवाओं के तहत प्राइवेट सीएनजी बसों को चलाने की तैयारी कर रही है।
नए साल में लोगों की परेशानी को कम करने के लिए कोविड नियमों का पालन करते हुए दिल्ली सरकार प्राइवेट सीएनजी बसों को सड़कों पर उतारने की प्रक्रिया में जुट गई है। जिसकी प्रक्रिया जनवरी से शुरू कर दी जाएगी। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पर्यावरण आयुक्त को निर्देश दिए है कि पर्यावरण बस सेवा के तहत प्राइवेट सीएनजी बसों को एक बार फिर से चलाया जाए। कोविड के बढ़ते मामले और बस में कम सवारियों के सफर के नियम के चलते यात्रियों को कई परेशानियाँ हो रही हैं। ऐसे में करीब 800 प्राइवेट सीएनजी बसों की जरूरत है, जिन्हें जनवरी से सड़कों पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। गहलोत का कहना है कि उन्होंने डीटीसी को भी आदेश दिए हैं, कि जिन रूटों पर सवारियों की संख्या ज्यादा है, वहां पर एक्स्ट्रा बस चलाई जाएं।
बता दें कि इससे पहले नवंबर महीने में प्रदूषण का स्तर दिल्ली में काफी बढ़ा हुआ था। जिसके दौरान 800 प्राइवेट सीएनजी बसों को 1 महीने के लिए परमिट किया गया था। इन बसों का परमिट 21 दिसंबर को समाप्त हो गया था। अब ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच पुनः इन बसों को फिर से चलाया जा रहा है। नवंबर में दिल्ली सरकार ने 1000 बसों के लिए आवेदन मांगे थे। जिस पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि प्रदूषण को काबू करने के लिए दिल्ली सरकार अपने स्तर पर सभी जरूरी कदम उठा रही है। लोग ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें, इसको देखते हुए ही एक हजार प्राइवेट बसों को लाने की भी तैयारी की गई है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों को भी प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए, और प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
फिर से पर्यावरण व सेवाओं के तहत प्राइवेट सीएनजी बसों को चलाने के विषय पर बस ऑपरेटर्स का कहना है, कि वह सरकार की योजना के तहत बस लाने को तैयार हैं। एसडीओ ऑफिसर एकता मंच के महासचिव श्यामलाल गोला का कहना है कि जब तक दिल्ली में बसों की कमी दूर नहीं हो जाती, तब तक सरकार को प्राइवेट बस के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर विचार करना चाहिए। उनका कहना है कि प्रदूषण और कोविड की समस्या इतनी जल्दी समाप्त नहीं होने वाली और बसों की कमी को दूर करने के लिए प्राइवेट बसों को साथ में लेकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। यह उपाय परिवहन की समस्या के साथ साथ प्रकृति की समस्या का भी समाधान करेगा।