बांग्लादेश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश,मंदिरों के आगे लटकाए मांस के थैले
बांग्लादेश में एक बार फिर तीन मंदिरों और एक हिंदू ग्रामीण के घर के बाहर प्लास्टिक के थैले में मांस भरकर लटकाए जाने का मामला सामने आया है। जिससे हिंदू समुदाय में आक्रोश का मौहाल है।
बांग्लादेश में एक बार फिर हिंदुओं के खिलाफ असामाजिक तत्वों द्वारा सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का प्रयास किया गया। पिछले वर्ष की धार्मिक हिंसा के बाद, इस बार फिर हातिबंध उपजिला के गेंडुकुरी गांव में तीन मंदिरों और एक हिंदू ग्रामीण के घर के बाहर प्लास्टिक के थैले में मांस भरकर लटकाए जाने का मामला सामने आया है। जिससे हिंदू समुदाय में आक्रोश का मौहाल है। उक्त हिंदू परिवारों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कार्यवाही न होने तक प्रदर्शन की भी चेतावनी दी है।
हातिबंध उपजिला पूजा उद्यापन परिषद के अध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह के अनुसार शुक्रवार की रात में गेंडुकुरी कैंप पाड़ा स्थित श्रीश्री राधा गोविंद मंदिर, गेंडुकुरी कुठीपाड़ा काली मंदिर, गेंडुकुरी बट्टाला काली मंदिर तथा मोनिंद्रनाथ बर्मन के घर के बाहर मांस भरे थैले लटकाए गए थे। उन्होंने कहा कि इस घटना के सिलसिले मे हातिबंध थाने में चार मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। जिस पर शनिवार को थाना प्रभारी इरशादुल आलम ने कहा कि मामले की जांच जारी है। संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। घटना के विरोध में हिंदू समुदाय के लोग गांव के श्रीश्री राधा गोविंद मंदिर में इकट्ठा हुए। उनका कहना है कि इस घटना से उनकी धार्मिक भावनाओं को काफी आघात पहुंचा है और जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। इस घटना को लेकर मुस्लिम समुदायों का भी मानना है कि यह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश है। ऐसा करने वालों को सजा होनी ही चाहिए।
हातिबंध उपजिला पूजा उद्यापन परिषद के अध्यक्ष द्वारा घटनास्थल का दौरा करने के बाद दिलीप सिंह ने कहा, "पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।" उन्होंने संदेह जताया कि वारदात का संबंध 26 दिसंबर को हुए स्थानीय परिषद चुनाव से हो सकता है। बता दें कि पिछले साल दुर्गा पूजा के दौरान शरारती तत्वों ने साम्प्रायदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाया था, और इस दौरान ईश निंदा की अफवाह भी फैलाई गई थी। जिसके अंतर्गत दर्जनों पूजा पंडालों को नुकसान पहुंचाने और अल्पसंख्यक हिंदुओं के घरों मे आग लगा देने की घटनाओं को अंजाम दिया गया था। जिससे बड़ी मात्रा में जान माल की क्षति हुई थी।