भारत में दिन-प्रतिदिन अल्पसंख्यक समुदायों पर बढ़ते हमले और सिकुड़ती धर्मनिरपेक्षता
भारत विश्व भर में एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में जाना जाता है। लेकिन हाल ही में हो रहे अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले और उनकी धार्मिक कार्यक्रमों को हिंदूवादी संगठनों द्वारा बाधित करने की घटनाओं के कारण भारत की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में हाल ही में कुछ समय से अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों पर हमले के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो दुनियाभर में भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
हाल ही में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हुए कुछ मामले
- कर्नाटक के मंडया जिले की घटना
23 दिसंबर को कर्नाटक के मंडया जिले में दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कान्वेंट स्कूल में घुसकर वहां हो रहे क्रिसमस समारोह को बाधित किया। स्कूल की प्रधानाचार्य कनिका फ्रांसिस ने एनडीटीवी को बताया कि संस्था में हर साल क्रिसमस मनाया जाता है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से स्कूल प्रशासन ने आयोजन रद्द करने का फैसला लिया था।
हालांकि छात्रों ने स्कूल से क्रिसमस के मौके पर छोटा सा आयोजन करने की अनुमति देने का आग्रह किया था और खुद के प्रयासों से पैसे इक्कट्ठे किए थे। जिनसे बच्चों ने क्रिसमस डे के लिए केक भी खरीदा था। स्कूल प्रधानाचार्य का आरोप है कि हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने संस्थान के परिसर में सरस्वती की तस्वीर लगाने की बात कही और स्कूल के मैदान में गणेश चतुर्थी भी मनाने का की बात कही।
- हरियाणा के भिवानी की घटना
25 दिसंबर यानी क्रिसमस डे के मौके पर हरियाणा के भिवानी से भी एक मामला सामने आया। भिवानी में विश्व हिंदू परिषद ने क्रिसमस डे का विरोध किया. विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और कहां कि सांता क्लॉज गिफ्ट देने नहीं धर्म परिवर्तन करने आता है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह गंगा, गीता या गाय किसी को नहीं मानते।
- यूपी के आगरा की घटना
क्रिसमस डे के मौके पर यूपी के आगरा में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सैंटा क्लॉस के पुतले को आग लगाई और सैंटा क्लॉस मुर्दाबाद के नारे लगाए। बजरंग दल के नेता ने कहा हम क्रिसमस का पुरजोर विरोध करते हैं। देश में हिंदुत्व चलेगा कोई ईसाइयत नहीं चलेगा।
- हरिद्वार में धर्म संसद की घटना
उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित वेद निकेतन में 3 दिन तक चले धर्म संसद में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जहरीले भाषण दिए गए। हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को धर्म संसद आयोजित कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें धर्म की रक्षा, मुस्लिम आबादी ना बढ़ने देना, भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने जैसी बयानबाजियां की गई। बता दें कि इस धर्म संसद में संतों के अलावा बीजेपी के कई नेता भी शामिल रहे।
धर्म संसद के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस मामले में स्थानीय पुलिस ने एफ आई आर (FIR) दर्ज की। हालांकि अभी तक किसी तरह की गिरफ्तारी की कोई खबर नहीं है।
क्या भारत में धर्मनिरपेक्षता पर मंडरा रहा है खतरा ?
भारत विश्व भर में एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में जाना जाता है। लेकिन हाल ही में हो रहे अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले और उनकी धार्मिक कार्यक्रमों को हिंदूवादी संगठनों द्वारा बाधित करने की घटनाओं के कारण भारत की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठने के पीछे एक और कारण यह है कि अभी तक इन घटनाओं पर भारत सरकार ने किसी भी प्रकार का कोई बयान जारी नहीं किया है और ना ही सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया है।
कानून में अल्पसंख्यकों के विशेष अधिकार
संविधान के अनुच्छेद 29(1) के अनुसार किसी भी समुदाय के लोग जो भारत के किसी राज्य में रहते हैं या कोई क्षेत्र जिसकी अपनी आंचलकि भाषा, लिपि या संस्कृति हो, उस क्षेत्र को संरक्षित करने का उन्हें पूरा अधिकार है। यह प्रावधान जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के तहत है। वहीं अनुच्छेद 30(1) के तहत सभी अल्पसंख्यकों को धर्म या भाषा के आधार पर अपनी पसंद के आधार पर अपनी शैक्षिक संस्था को स्थापित करने का अधिकार है।