पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा ‘अच्छे उद्देश्य के लिए विलेन भी बनते हैं तो कोई दिक्कत नहीं’
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की व्यवस्था करने के अपने समझौते की पुष्टि की और कहा कि इस बोर्ड का गठन दुनिया के 125 करोड़ हिंदुओं की सहायता के लिए किया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की व्यवस्था करने के अपने समझौते की पुष्टि की और कहा कि इस बोर्ड का गठन दुनिया के 125 करोड़ हिंदुओं की सहायता के लिए किया गया था। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अगर वह अच्छे मकसद के लिए विलेन बनते हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के संबंध में तीर्थयात्रियों के संघर्ष के बाद, सरकार ने इस संबंध में एक उच्च स्तरीय पैनल की स्थापना की हो, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बोर्ड बनाने के अपने विकल्प की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इस बोर्ड का गठन धरती के सवा सौ करोड़ हिंदुओं की पहुंच के लिए किया गया है। देश के भीतर जहां कहीं भी ऐसे बोर्ड हैं, तैयारी में सुधार हुआ है। जागेश्वर धाम उत्तराखंड में ही इसका उदाहरण है, जहां आम जनता ने स्वेच्छा से बोर्ड का गठन किया है। उन्होंने कहा कि अगर वह एक ईमानदार मकसद के लिए विलेन बनते हैं, तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि कभी-कभी सुधार के लिए कुछ अस्वीकार्य चीजों का सामना करना पड़ता है, लेकिन हमें हमेशा यह जानना चाहिए कि जो सुधार किए जा रहे हैं वे राज्य के लिए सहायक हो रहे हैं। आध्यात्मिक स्थानों का वातावरण विकसित करने के लिए ऐसा कार्य करना चाहिए। मीडिया को व्याख्यान देते हुए त्रिवेंद्र ने कहा कि अगर हम अपने रास्ते, राय, इच्छाओं के बारे में स्पष्ट हैं और अगर संघर्ष है, तो कोई बात नहीं। उन्होंने कहा कि वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने भी विरोध किया था। हम वैष्णो देवी जैसी व्यवस्था चाहते हैं, लेकिन हम व्यवस्था नहीं बनाना चाहते। अगर व्यवस्था नहीं बनी तो साल 2013 जैसे हालात हो जाएंगे।
गैरसैंण के आयोजन की अगुवाई धामी करेंगे:
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि गैरसैंण को लेकर प्रोटोकॉल पूरे हो चुके हैं। मुख्यमंत्री धामी अब विस्तार की दृष्टि से इसे आगे बढ़ाएंगे। गैरसैंण में राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए जमीन खाली है। गैरसैंण में भूमि का उपयोग कैसे किया जाए, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि गैरसैंण में जाकर पूछें कि वहां जो किया गया वह सही था या गलत। लोग जवाब देंगे।
आपको बता दें कि सरकार के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की बात पर पर पूर्व मुख्यमंत्री ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह सच है कि बार-बार होने वाले परिवर्तनों के कारण आम जनता को लगा कि इसकी क्या आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब राज्य और लोगों का महत्व बड़ा होता है तो यह मामला गौण हो जाता है। इसे मान लेना चाहिए।