Imran Khan Update : 31 मार्च को होगी पाकिस्तान के नेशनल असेंबली में चर्चा, इमरान खान इन या आउट?
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री चुनाव के बीच इमरान खान (Imran Khan) को लेकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। 1 से 4 अप्रैल के बीच हो सकती है पाकिस्तान में वोटिंग।
Pakistan News: वर्तमान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के विपक्ष में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है जिसका सीधा असर चुनाव पर पड़ेगा। इमरान खान को अपने आप पर और पाकिस्तान की जनता पर पूर्ण भरोसा है, उनके अनुसार इस बार भी पाकिस्तान के आला कमान वहीं बनेंगे। वहीं विपक्ष इमरान के खिलाफ पर्याप्त सांसदों को एकत्र कर चुके हैं। बीते रविवार की शाम को इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक रैली की थी, जिसके दौरान उन्होंने विपक्ष की ओर कटाक्ष करते हुए कहा है कि उनकी सरकार गिराने के लिए विपक्ष विदेशी शक्तियों का सहारा लेकर साजिश कर रही है। रैली के उपरांत इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में इमरान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक–ए–इंसाफ को संबोधित करते हुए यह भी कहा है कि विदेशी शक्तियां पाकिस्तान के राजनेताओं को बरगला रही हैं। विपक्ष के संबंध विदेशी तत्वों से बताते हुए उन्होंने इस संबंध के प्रमाण की भी बात कही है।
172 सदस्यों का समर्थन और इमरान का पत्ता साफ
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं और इन सदस्यों का समर्थन किसी भी फैसले के लिए काफी अहम होता है। विपक्ष द्वारा इमरान खान के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जीत की मोहर लगाने के लिए 172 सदस्यों की सहमति की आवश्यकता है।
अविश्वास प्रस्ताव पर जल्द होगी वोटिंग
इस प्रस्ताव के लिए होने वाली वोटिंग के विषय में अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है लेकिन अटकलें लगाई जा रही है कि वोटिंग 1 से 4 अप्रैल के बीच ही की जाएगी। वहीं इसके प्रस्ताव पर फैंसला 31 मार्च को लिया जाएगा। बता दें कि पाकिस्तानी संविधान के अनुसार किसी भी प्रस्ताव को पाकिस्तानी असेंबली में पेश करने के लिए कम से कम 20 फीसदी सांसदों की हामी होनी चाहिए। इसी विषय पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान के डिप्टी स्पीकर ने 31 मार्च का समय दिया है।
8 मार्च को दिया था प्रस्ताव का नोटिस
इमरान खान के विपक्षी दलों ने 8 मार्च को इमरान खान के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस पारित किया था। नोटिस के जारी होने से पाकिस्तान का सियासी माहौल गरम हो गया है। नोटिस में विपक्षी नेताओं का कहना है कि इमरान खान की पार्टी के कारण देश में आर्थिक संकट लगातार बढ़ता जा रहा है, वहीं महंगाई भी अपनी चरम सीमा पर है।
इमरान के रहने या ना रहने से भारत पर प्रभाव
भारत और पाकिस्तान के बीच की दूरी समय के साथ–साथ बढ़ती ही जा रही है और आज तक पाकिस्तान के किसी भी प्रधानमंत्री ने इस दूरी को कम करने का प्रयास ना के बराबर ही किया है, फिर चाहे वो नवाज शरीफ की सरकार हो या फिर इमरान खान की। साधारण तौर पर बात करें तो इमरान खान के प्रधानमंत्री ना रहने से भारत पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। इमरान के साल 2018 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत और अफगानिस्तान के बीच के संबंधों को पाकिस्तान लगातार बिगाड़ने की कोशिश करता रहा है। वहीं पाकिस्तान लगातार चीन के साथ भारत के विपक्ष में तालमेल स्थापित कर रहा है जिससे इमरान सरकार भारत के लिए फायदेमंद तो बिल्कुल भी नहीं दिख रही है। कुल मिलाकर बात करें तो इमरान खान के रहने या ना रहने से भारत को ना ही कोई बड़ा फायदा है और ना ही कोई खास नुकसान।