6 नक्षत्रों के अद्भुत संयोग में करें बप्पा का स्वागत, जाने क्या है पूजा विधि और किन बातों का रखें खास ख्याल
गणेश चर्तुथी की धूम पूरे देश भर में है , बाजारो की रौनक और मंदिरो की चमचमाती रंगतो से यह अंदाजा लगाना मुश्किल नही कि बप्पा आने वाले है।
गणेश चर्तुथी की धूम पूरे देश भर में है , बाजारो की रौनक और मंदिरो की चमचमाती रंगतो से यह अंदाजा लगाना मुश्किल नही कि बप्पा आने वाले है।
हिंदू कैलेण्डर के अनुसार हर वर्ष भाद्पद ( भादो) महीने की चौथी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार यह तिथि 10 सितंबर यानी शुक्रवार को है। बप्पा इस बार सुख समृद्धि संग 6 नक्षत्रो (चित्रा नक्षत्र )का अद्भुत संयोग साथ लेकर पधारेंगे।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन विध्नहर्ता बप्पा का जन्म हुआ था। शुद्धता, बुद्धि, सुख समृद्धि के देवता श्री गणेश, देवो के देव महादेव और माता गौरी के ज्येष्ठ पुत्र है।
हिंदू धर्म में गणेश जी को मंगल कार्यों में प्रथम स्थान दिया जाता है। किसी भी मंगल कार्य की शुरुआत गणेश जी से ही की जाती है।
यूं तो साल भर बप्पा का आर्शीवाद अपने भक्तो पर बना ही रहता है पर गणेश चर्तुथी पर बप्पा की विशेष पूजा अर्चना कर, भक्तजन बप्पा को खुश करने का कोई मौका नही छोडते।
■ जानिए किन बातो का विशेष ख्याल रखकर पा सकते है मनोवांछित फल:
◆ करें मंत्रो का सही उच्चारण:
यूं तो बप्पा अपने किसी भक्त पर कोई विध्न या बाधाएं आने नही देते पर जब भी परेशानी हो इन मंत्रो का उच्चारण आपको समस्या से छुटकारा दिलवा सकता है। इसके अलावा सुख,समृद्धि और वैभव के लिए भी यह मंत्र उपयोगी है।
● सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।
ॐ गं गणपतये नमः
◆ बप्पा को पसंद हैं लाल फूल:
ईश्वर और प्रकृति का अटूट संबंध है, इसलिए हिंदू धर्म में कई प्रकृति संबंधी मान्यताएं है। वैसे तो बप्पा को कोई भी फूल चढ़ा सकते है पर बप्पा का जन्मदिन हो और उनके पंसदीदा लाल फूल न हो तो बात कैसे बने।
◆ क्यों होता है बप्पा को तुलसी चढ़ाना अशुभ:
एक पैराणिक कथा के अनुसार एक दिन देवी तुलसी गंगा घाट से गुजर रही थी। वहीं तट के समीप गणेश जी ध्यान में लीन थी। देवी तुलसी श्री गणेश जी के दर्शन मात्र से ही उन पर मोहित हो। बिना देर किए उन्होने विवाह प्रस्ताव गणेश जी के सामने रख दिया। पर गणेश जी ने प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया, इस पर देवी तुलसी क्रोध से उबल पड़ी। और उन्होने श्राप देते हुए कहा कि जाओं तुम्हारी दो विवाह होंगे। इस पर पलटकर बप्पा ने भी कहा कि तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा। यह सुनते ही देवी तुलसी को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह क्षमा याचना करने लगी। इस पर गणेश जी ने उन्हें कहा कि उनका विवाह शंखचूर्ण राक्षष से होगा , पर विवाह होते ही है वह पौधे के रूप में आ जाएगी। कलयुग में तुलसी का प्रयोग अमृत माना जाएगा। पर मेरी पूजा में तुम्हारा प्रयोग नही होगा।
◆मोदक के दीवाने है बप्पा:
गणेश जी को सबसे अजीज मोदक है, ऐसे में बप्पा को मोदक चढ़ाना न भूले। अब तो घर में मोदक बनाने की विधि और साँचे दोनो ही बाजारो में उपलब्ध है। तो होममेड मोदको को बनाकर घर पर ही लुत्फ उठाइए।
◆ बप्पा को लगाना न भूले लाल सिंदूर:
बप्पा की प्रतिमा पर प्रतिदिन सिंदूर लगाना चाहिए, और फिर उसका प्रयोग तिलक के रूप में पूरे घर को करने चाहिए। इससे सभी बिगडते काम बन जाते हैं।
नोटः पूजा का महूर्त: 10 सितंबर 2021 शुक्रवार दोपहर 12.17 से शुरु होकर रात 10 बजे तक रहेगा।
हिंदू धर्म अपनी मान्यताओं और परंपराओ से हमेशा से ही जुड़ा रहता है। सच्चे मन से गणपति को घर में लाकर उनकी विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए। ऐसे में पर्यावरण का ख्याल रखते हुए इको फ्रेंड्ली प्रतिमा घर लाएं। गरीबों के प्रति हमदर्दी रखकर भी हम बप्पा को खुश रख सकते हैं। बप्पा सिर्फ 10 दिनों के लिए ही नही आते वो हर क्षण हमसे जुड़े रहते है।