परमवीर चक्र सम्मानित वीर सपूत विक्रम बत्रा की अविष्मरणीय शहादत

09 सितम्बर 1974 आज ही के दिन शाहिद विक्रम बत्रा का हिमांचल प्रदेश के पालमपुर में जन्म हुआ था। विक्रम बत्रा की स्कूली शिक्षा पालमपुर में हुई। स्कूल का सेना छावनी में होने से सेना के अनुशासन को देखना और पिता से देश प्रेम की कहानियां सुन कर विक्रम में बचपन से ही देश प्रेम प्रबल था।

September 9, 2021 - 19:10
December 9, 2021 - 11:18
 0
परमवीर चक्र सम्मानित वीर सपूत विक्रम बत्रा की अविष्मरणीय शहादत
Vikram Batra @Zee news

09 सितम्बर 1974 आज ही के दिन शाहिद विक्रम बत्रा का हिमांचल प्रदेश के पालमपुर में जन्म हुआ था। विक्रम बत्रा की स्कूली शिक्षा पालमपुर में हुई। स्कूल का सेना छावनी में होने से सेना के अनुशासन को देखना और पिता से देश प्रेम की कहानियां सुन कर विक्रम में बचपन से ही देश प्रेम प्रबल था।
स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद विक्रम ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया। कॉलेज में एनसीसी के एयर विंग में शामिल हो गए। इसी दौरान वो एनसीसी से सर्वस्रेठ कैडेट चुने गए और उन्होंने गणतंत्रता दिवस की परेड में भी भाग लिया। इस दौरान उन्हें मर्चेंट नेवी के लिए चुना गया लेकिन वो उसमें नहीं गए।
इसके बाद विक्रम सेना में शामिल हो गए। 6 दिसम्बर 1997 को 13 जम्मू कश्मीर रायफल्श में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त हुए। 1999 का कारगिल युद्ध शुरू हुवा तो उनकी एक टुकड़ी को कारगिल युद्ध में भेजा गया। हम्प व राकी नाब को जीतने के बाद उन्हें कैप्टन बना दिया गया।

5140 चोटी विजय:

इसके बाद श्रीनगर लेह मार्ग के ऊपर सबसे महत्पूर्ण 5140 चोटी को पाक सेना से मुक्त कराने की जिम्मेदारी कैप्टन विक्रम की टुकड़ी को मिली। बहुत ही दुर्गम क्षेत्र होने के बाद भी विक्रम ने 20 जून 1999 की भोर में 3 बज कर 30 मिनट पर अपना विजय पताका फहरा कर जब रेडियो पर विक्रम बत्रा ने घोषणा कि ‘यह दिल मांगे मोर’ तो पूरे देश में उनका नाम छा गया ।

4875 संकरी चोटी विजय:

सेना ने 4875 चोटी को भी कब्जे में लेने का अभियान शुरू किया। इस लड़ाई में पांच शत्रु सैनिक मार गिराए गए इस प्रकरण में उन्हें काफी जख्म भी आया। इसके उपरांत वो रेंगते हुए शत्रुओं की ओर बड़े और उनपर ग्रेनेड से हमला हुआ जिसमें उनकी जान चली गयी। इस अभियान में विक्रम शहीद हुए परन्तु भारतीय सेना को मुश्किल हालातों में जीत दिलाई। उनकी याद में प्वाइंट 4875 को बत्रा प्वाइंट का नाम दिया गया ।
कैप्टन बत्रा के पिता ने बताया कि उनके बेटे को कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल वाई.के.जोशी ने विक्रम को शेर शाह उपनाम से नवाजा था।

The LokDoot News Desk The lokdoot.com News Desk covers the latest news stories from India. The desk works to bring the latest Hindi news & Latest English News related to national politics, Environment, Society and Good News.