Lata Mangeshkar: संगीत जगत की ' स्वर कोकिला ' लता मंगेशकर

उन्होंने संगीत जगत मे छ: दशको से भी अधिक काम किया है। साल 1963 में लता जी ने ऐ मेरे वतन के लोगो की पहली प्रस्तुति दिल्ली मे गणतंत्र दिवस मे दी थी जिसे सुनकर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी रो पड़े थे।

January 17, 2022 - 19:09
July 4, 2023 - 12:41
 0
Lata Mangeshkar: संगीत जगत की ' स्वर कोकिला ' लता मंगेशकर
लता मंगेशकर: gettyimages

संगीत जगत की ' स्वर कोकिला ' लता मंगेशकर जी का जन्म सन् 1929 सितम्बर मे 28 तारीख को मध्य प्रदेश के इंदौर मे मराठी परिवार मे हुआ। लता मंगेशकर जी का बचपन का नाम 'हेमा ' था परन्तु जब वह पाँच वर्ष की हुई तो उनका नाम बदलकर 'लता ' रखा गया। लता जी के पिता पंडित दीनदयाल मंगेशकर रंगमंच के कलाकार और गायक थे तो कहा जा सकता हैं कि संगीत की प्रतिभा उनके खून मे ही था।

पंडित दीनदयाल मंगेशकर ने लता को तब संगीत सिखाना शुरू किया जब वह पाँच वर्ष की थी। उनके साथ उनकी छोटी बहनें आशा, ऊषा, मीना भी संगीता सीखा करती थी। लता जी का संगीता जगत मे बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने देश की अलग - अलग भाषाओं मे 30,000 गीत गाए है। लता जी ने मोहम्मद रफ़ी के साथ सैकड़ो गाने गाए है।  लता मंगेशकर जी ने अपना पूर्ण जीवन संगीत को समर्पित कर दिया। वह जब भी स्टूडियो मे रिकॉडिंग करने जाती है तोह अपनी चप्पल स्टूडियो के भर उतरती है और नंगे पाँव गीत गाती है। 92 वर्ष की लता मंगेशकर जी को उनकी आवाज़ के लिए कई पुरस्कारों से नवाज़ा गया है।

उन्होंने संगीत जगत मे छ: दशको से भी अधिक काम किया है। सन् 1963 मे लता जी ने ऐ मेरे वतन के लोगो की पहली प्रस्तुति दिल्ली मे गणतंत्र दिवस मे दी थी जिसे सुनकर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी रो पड़े थे। उनकी आवाज़ ने कभी सरहद पर खड़े जावानो को हौसला दिया कभी उनकी आवाज़ की नर्मी ने किसी की आँखे नम की। सन् 1974 मे दुनिया मे सबसे अधिक गीत गाने के लिए उनका नाम 'गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड मे दर्ज़ किया गया।

लता पहली भारतीय महिला गायिका है, जिन्होंने वर्ष 1974 मे लंदन के सुप्रसिद्ध रॉयल अल्बर्ट हॉल मे गाना गाया है। वह फ़िल्मी जगत की पहली महिला है जिन्हें भारत रत्न और दादा साहेब फालके पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 1974 मे फ़िल्म "आपकी सेवा मे " मे उन्होंने गाना गाया जिसके बाद उन्हें एक नयी पहचान मिली लेकिन यह राह आसान नही थी क्यूंकि शुरुआत मे लता मंगेशकर जी की पतली आवाज़ होंने के कारण उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन धीरे - धीरे इनको अपनी प्रतिभा और लगन के दम पर काम मिलने लगा और वह फ़िल्मी जगत की सबसे मज़बूत महिला बन गई।

जब लता जी 13 वर्ष की थी तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी चित्रपट कंपनी के मालिक और पापा के दोस्‍त विनायक (विनायक कॉमदर कर्नाटक) ने परिवार को परिवार और लता मंगेशकर को एक सिंगर और अभिनेता बनाने में मदद की। इन्हें सन् 1958 मे पहली बार फ़िल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। फ़िल्म फेयर पुरस्कार से लता जी को छ : बार सम्मानित किया जा चुका है। लता मंगेशकर को तेरहा से अधिक कई दिग्गज पुरस्कारों से नवाज़ा जा चुका है

The LokDoot News Desk The lokdoot.com News Desk covers the latest news stories from India. The desk works to bring the latest Hindi news & Latest English News related to national politics, Environment, Society and Good News.