रामनवमी पर नॉन वेज खाने को लेकर जेएनयू में लेफ्ट एवं एबीवीपी के छात्र भिड़े, जानिए क्या है पूरा मामला
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों द्वारा कथित तौर पर राम नवमी पर अन्य वामपंथी छात्रों को मांसाहारी भोजन करने से रोकने के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में आपसी झड़प की घटना सामने आई है
रामनवमी के दिन जेएनयू कैंपस में वामपंथी और एबीवीपी के छात्र आपस में भिड़ गए। वामपंथी छात्रों ने एबीवीपी पर उन्हें मांसाहारी खाने से रोकने का आरोप लगाया है जबकि एबीवीपी के छात्र वामपंथियों पर उन्हें छात्रावास में पूजा करने से रोकने का आरोप लगा रहे हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों द्वारा कथित तौर पर राम नवमी पर अन्य वामपंथी छात्रों को मांसाहारी भोजन करने से रोकने के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में आपसी झड़प की घटना सामने आई है। बता दें कि लेफ्ट के छात्रों द्वारा एबीवीपी के छात्रों पर कैंपस में कावेरी हॉस्टल के मेस सचिव के साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया गया है।
Hindu Right Wing's student outfit ABVP has gone on the rampage in JNU's Kaveri Hostel as other students resisted their attempt to ban non-vegetarian food. The majoritarian bigotry in India has lost its sanity. pic.twitter.com/IvI1pMX9eV — Ashok Swain (@ashoswai) April 10, 2022
वहीं एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि वामपंथी छात्र लगातार कावेरी हॉस्टल में रामनवमी की पूजा में बाधा डाल रहे थे।
न डरे थे न डरेंगे,
पहले भी खड़े थे आगे भी रहेंगे।
लाल आतंक के चलते कई आम छात्र अस्पताल में भर्ती हुए है#LeftAgainstRam#LeftViolenceInJNU pic.twitter.com/4inDFVucgx — ABVP JNU (@abvpjnu) April 10, 2022
यूनिवर्सिटी ने जारी किया नोटिस
यूनिवर्सिटी ने झड़प के बाद नोटिस जारी करते हुए कहा है कि कैंपस मेस में मांसाहारी खाने पर कोई पाबंदी नहीं है। साथ ही इस बात को स्पष्ट करते हुए यह भी कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं है।
वहीं जेएनयू के रेक्टर अजय दुबे ने टीवी इंटरव्यू में कहा है कि “चाहे रमजान हो या रामनवमी... हर कोई इसे अपने तरीके से मना सकता है।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “हर कोई अपने–अपने धर्म का पालन करता है। मेस छात्र समिति द्वारा चलाया जाता है और मेन्यू भी उनके द्वारा ही तय किया जाता है। फिलहाल इस झड़प को देखते हुए कारवाई की गई है। वार्डन ने एक नोटिस जारी किया है और उस नोटिस में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक व्यक्ति पूजा कर सकता है, उनके धार्मिक आस्था पर विश्वविद्यालय की ओर से कोई रोक नहीं है।”
बता दें कि इस मामले पर जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने भी बयान दिया है।जेएनयूएसयू ने कहा है कि “एबीवीपी के गुंडों ने नफरत और विभाजनकारी एजेंडे की राजनीति के कारण कावेरी छात्रावास में हिंसक माहौल बनाया है।” छात्र संघ ने आगे आरोप लगाया है कि एबीवीपी के छात्रों ने मेस कमिटी को डिनर मेन्यू बदलने के लिए मजबूर किया और वामपंथी छात्रों एवं उससे जुड़े लोगों पर हमला किया।
संघ का कहना है कि “मेन्यू में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के भोजन हैं। प्रत्येक छात्र अपनी पसंद का खाना खाने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने गुंडागर्दी कर हंगामा किया।”
ABVP hooligans stopped residents inside JNU from having non Veg food
ABVP also assaulted the mess secretary of the Hostel.
Unite against the hooliganism unleashed by ABVP inside campus premises.https://t.co/3MpRE9zXn4 pic.twitter.com/Fy3HU7qg8J — Aishe (ঐশী) (@aishe_ghosh) April 10, 2022
छात्र संघ ने कहा ' जेएनयू में दबदबे की राजनीति कर रही एबीवीपी'
जेएनयू और उसके छात्रावास सभी छात्रों के लिए समान है, जेएनयूएसयू ने एक बयान में कहा “यहां रहने वाले छात्र देश के विभिन्न हिस्सों से आते हैं और उनकी संस्कृति और भोजन पसंद भी एक दूसरे से अलग है, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए।” छात्र संघ ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी का यह कदम जेएनयू जैसे लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष संस्थानों में उनके वर्चस्व की राजनीति और हिंदुत्व की नीतियों को बढ़ावा दे रही है।
छात्र संघ ने यह भी दावा किया है कि विश्वविद्यालय के छात्र इस तरह के विभाजनकारी कदमों के आगे नहीं झुकेंगे और ऐसी घटनाओं के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। संघ का कहना है कि “ऐसी किसी भी विभाजनकारी ताकतों से मजबूती से लड़ना चाहिए और जेएनयू समुदाय को एकजुट होकर दोहराना चाहिए कि इस तरह के किसी भी कृत्य के खिलाफ जीरो टॉलरेंस होगा।”
झड़प के बाद, डीसीपी साउथवेस्ट ने कहा कि “फिलहाल स्तिथि शांतिपूर्ण है। दोनों छात्र पक्ष शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं। शिकायत मिलने पर उचित कानूनी कारवाई की जाएगी।” हालांकि कुछ छात्रों के अनुसार एबीवीपी के समर्थकों द्वारा नारेबाजी करते हुए परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन के बाद परिसर के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया था।